अजमेर में छिपे इस चमत्कारी हनुमान मंदिर के दर्शन से होती है संतान प्राप्ति

अविवाहित का विवाह व रोगी होता है निरोगी।
भारत के अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वी राज चौहान जी के समय से अजमेर के ग्राम सोमलपुर स्थित हनुमान जी की डूंगरी पर एक प्राचीन हनुमान मंदिर स्थित है। पृथ्वीराज चौहान के साथ सदैव 100 मजबूत अंगरक्षक रहते थे। जिनको 100 मल के नाम से जाना जाता था जिनका निवास वर्तमान सोमलपुर बताया जाता है। मान्यता है की उन 100 अंगरक्षकों का परिवार ग्राम में निवास करता था और खटोला पहाड़ी व हनुमान जी की डूंगरी पर स्थित शंभूनाथ बाबा जी की धूनी व डूंगरी वाले हनुमान जी की पूजा अर्चना किया करते थे। उन सो-मल के नाम से ही वर्तमान ग्राम सोमलपुर का नाम पड़ा था।

सोमलपुर ग्राम से होते हुए खटोला पहाड़ी स्थित शम्भु नाथ जी की धूनी का रास्ता जाता है जो अपने आप में काफी चर्चित स्थान है। मान्यता है यह शंभूनाथ बाबा के रूप में स्वयं महादेव विराजमान जिसकी अनेकों कथाएं आपको गांव के लोगो से सुन ने को मिल जाएगी। खटोला पहाड़ी के नीचे आने पर हनुमान जी की डूंगरी है यहाँ पर पृथ्वी राज चौहान के समय से अति प्राचीन हनुमान स्थान है। इसी वर्ष सोमलपुर ग्राम के हिंदू समाज व शंभू नाथ बाबा में आस्था रखने वालो ने विशाल कावड़ यात्रा भगवा रैली का आयोजन किया जो सम्पूर्ण अजमेर सहित राजस्थान में काफी चर्चित रही थी जिसका कारण सोमलपुर ग्राम का वर्तमान में मुस्लिम बहुमूल्य होना था। इस कावड़ यात्रा के लिए अजमेर के संपूर्ण पुलिस प्रशासन को एक होकर योजना बना कर व्यवस्था करनी पड़ी थी जब कावड़ यात्रा पूर्ण हुई तब प्रशासन ने चैन की सांस ली थी। उसी कावड़ यात्रा के दौरान भक्तो व हिंदू समाज की जंगल में छिपे इस प्राचीन हनुमान मंदिर पर नजर गई जो उस समय काफी अच्छी स्थिति में नहीं था। जिसके बाद जब कार्यकर्ताओं ने पता किया और जानकारी जुटाई तो उनको पता लगा यह साक्षात हनुमान जी विराजमान है और अनेकों चमत्कार भी देखने को मिले। जिसके बाद एक दिन रात में कुछ कार्यकर्ताओं को हनुमान जी ने स्वयं दर्शन भी दिए। जिसके बाद जानकारी जुटाने पर पता लगा की कई कारणों से इस स्थान की दशा ऐसी हो रखी है, जिसके बाद संपूर्ण हिंदू समाज ने ग्राम व ग्राम में निवास कर रहे समस्त धर्म व सर्व समाज के लोगो से इस मंदिर के जीर्णोधार की जिम्मेदारी ली लगभग 2 महीने पूर्ण इस मंदिर के भूमि पूजन का कार्य शुरू हुआ तथा आज दिनांक 7 दिसंबर को मंदिर की छत का पूजन हुआ है जिसके पश्चात भोजन परसादी का भी आयोजन किया गया। कार्यकर्ताओं के अनुसार अरावली पर्वतमाला के सौंदर्य के बीच खटोला पहाड़ी की तलहटी के बीच हनुमान जी की डूंगरी है जिस पर स्वयं हनुमान जी लेटे हुए प्रतीत होते है। भक्तो की माने तो यह पूर्ण रूप से देवभूमि है जिसमे शंभूनाथ बाबा, प्राचीन हनुमान जी, ओखला की माता जी, गढ़ पिटली स्थित महादेव का स्थान आदि सम्मिलित है। लोगो की आस्था है की इस हनुमान मंदिर पर मांगी गई सभी मनोकामना सवा महीने के अंदर पूर्ण होती है। मंदिर विकास समिति के कार्यकर्ताओं ने बताया की जल्द ही मंदिर का कार्य पूर्ण होगा। उन्होंने यह भी बताया की मंदिर के पीछे सुंदर पहाड़ स्थित है जहा अजमेर का सबसे बड़ा झरना है जिसके ऊपर कुंड है जो 12 महीने भरा रहता है जिसके जल के सेवन से चर्म रोग दूर होते है। जब सावन के महीने में बरसात होती है तब इस झरने का सौंदर्य देखने लायक होता है।
कुल मिला कर निकट भविष्य में निर्माण पश्चात प्रकृति और आस्था से बंधा हुआ यह स्थान काफी चर्चित और भक्तो के लिए आस्था का केंद्र बन ने वाला है।
सोमलपुर हनुमान मंदिर कार्यकर्ता श्रवण सिंह रावत, भिरम रावत, साभुद्दीन, सलीम, मनीष ठाडा, दिलावर चौहान, सागर मीणा, तरुण मेहरा, ऋषि, विमल, बंटी, दिनेश जादम, धीरज गुर्जर, चिराग चौधरी, विकास, चेतन जी सैनी, व अन्य कार्यकर्ता

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