अपने देवनानी जी का सटीक तराज़ू

प्यारे मोहन त्रिपाठी
अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से लगातार पाँचवीं बार विधानसभा पंहुचने वाले विधायक श्री वासुदेव देवनानी राजस्थान विधानसभा के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गये और 21 दिसंबर को शुभ मुहूर्त में उन्होंने इस गरिमामय आसन को ग्रहण किया।
सभी राजनैतिक दलों के नेताओं ने देवनानी जी को इस विधानसभा अध्यक्ष के आसन पर बैठाया और विधानसभा फ़्लोर से देवनानी जी को बधाई व शुभकामनाएँ देते हुये यह सीख भी दी कि आप दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी सदस्यों को समान दृष्टि से देखेंगे और विपक्ष को अपनी बात कहने का पूरा समय व पर्याप्त अवसर देंगे । सभी ने कहा कि आप एक शिक्षक रहे हैं और निश्चय ही आप गौरवशाली शिक्षक की भूमिका निभाएँगे ।
विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपने पहले ही संबोधन में प्रोफ़ेसर वासुदेव देवनानी ने अपने चित परिचित मीठे अन्दाज़ में विधानसभा के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया और विश्वास दिलाया कि वे पूरी तरह निष्पक्ष रहकर इस गरिमापूर्ण आसन की हमेशा गरिमा बनाये रखेंगे ।
तीस साल तक शिक्षक रहे अपने देवनानी जी यहाँ भी कौनसे चूकने वाले थे उन्होंने शि़क्षक की भूमिका निभाते हुये साफ़ इंगित करते हुये कह दिया कि एक परीक्षक परीक्षा की कॉपी जाँचते हुये न नाम या रोल नंबर देखता है वह तो उसके लिखे हुए के आधार पर ही मूल्यांकन करता है । उनके कहने का भावार्थ साफ़ है कि कोई मुग़ालते में नहीं रहे कि बिना तैयारी के विधानसभा में आकर कुछ भी कह दे।
अपने देवनानी जी ने एक ही सिरे से वरिष्ठ व पहली बार ही विधानसभा पंहुचने वाले सभी विधायकों को साफ़ कह दिया कि “ अध्ययन करके आओ” । उनके अध्ययन के लिये विधानसभा में बहुत ही संदर्भयुक्त पुस्तकालय है।
प्रोफ़ेसर देवनानी जी ने अपने पहले ही प्रभावी तीर से सभी को अपने मन्तव्यों से अवगत कराकर आश्चर्य चकित कर दिया।
पूर्व उपमुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता श्री सचिन पायलट ने शिक्षक रहे देवनानी जी के लिये अपने विचारों को प्रकट करते हुये कहा कि इस बार उनकी पार्टी ने पुरानी परंपरा को तोड़कर विधानसभा अध्यक्ष के लिये चुनाव कराने का मानस बना लिया परन्तु आपके नाम का उल्लेख होने से हमने अपना इरादा बदलकर वासुदेव देवनानी जी को ही सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुनने का निर्णय लिया।श्री देवनानी अब सच्चे शिक्षक की सही भूमिका निभाएँगे।
अपने देवनानी जी ने प्रथम बार में ही सभी को आसन की कुर्सी का मतलब साफ़ कर दिया।

प्यारे मोहन त्रिपाठी
वरिष्ठ पत्रकार
संयुक्त निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क (रि)
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