शहीद हेमराज को हथियारों से था प्यार

जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पाक के नापाक कदम पड़े और दो जवान शहीद हो गए। शहीद हेमराज के शव ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया। सम्मान के साथ दाह संस्कार कर दिया गया।

हेमराज को सेना में जाने का शौक ऐसे ही नहीं चढ़ा। इसका कारण उसका फौजी परिवार में पला-बढ़ा होना था। सेना में नौकरी कर चुके उसके दो चाचा की प्रेरणा से वो भी बहादुरी दिखाने को सेना में भर्ती हो गया। मृदुभाषी और सौम्य व्यवहार के धनी हेमराज को हथियारों से बेहद प्यार था।

कोसीकलां से करीब 17 किलोमीटर दूर गांव खैरार के किसान स्व. पीतांबर सिंह का घर फौजी के घर के नाम से जाना जाता है। पीतांबर के दो भाई कल्यान सिंह और लेखराज भी सेना में नौकरी कर चुके हैं। पीतांबर का दूसरे नंबर का बेटा हेमराज अपने चाचा रिटायर्ड सूबेदार कल्यान सिंह और हवलदार लेखराज सिंह से प्रेरित था। कोसी के स्कूल में कक्षा 10 तक पढ़ाई करने के बाद हेमराज साल 2001 में 13 राजपूताना राइफल्स में भर्ती हुआ था। बड़े भाई पूरन सिंह और छोटे जय सिंह के साथ हेमराज संयुक्त परिवार में ही रहता था। गांव वालों के बीच हेमराज सभ्य और शालीन बच्चों में शुमार था।

उसका आकर्षण हथियारों की ओर खासा था। यही कारण था कि कार्यक्रमों के दौरान लाइसेंसी हथियारों को कंधे पर डालकर चलता था। नौकरी लगने के दो साल बाद सन् 2003 में उसकी शादी पास के गांव रनवारी की धर्मवती के साथ हुई। हेमराज के तीन बच्चे हैं। जिनमें सबसे बड़ी बेटी निर्मला (8), बेटा प्रिंस(6) छोटी बेटी शिवानी (4) साल की है। नौकरी के पांच साल 2006 में उसका लांसनायक के पद पर प्रोमोशन हुआ, जिसने खुशी को दोगुना कर दिया था।

बच्चों का ख्याल रखना, ये फौज की नौकरी है

पिछले महीने की ही तो बात है। करीब एक माह की छुंट्टी काटकर हेमराज 20 दिसंबर को वापस गया था। जाते-जाते उसने अपनी पत्नी धर्मवती को समझाते हुए बच्चों का ख्याल रखने की सलाह दी थी। पति की शहादत पर बिलखते हुये धर्मवती ने बताया कि वो प्रिंस और हम से बेहद प्यार करते थे। घर से बाहर रहने और काफी दिनों बाद आने पर उन्होंने कहा था कि बच्चों का ख्याल रखना। ये फौज की नौकरी है।

छाता में बनवाया था मकान

हेमराज अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहता था। इसलिये उसने गांव से काफी दूर छाता में मकान की योजना बहुत पहले ही बना ली थी। दिसंबर में छुट्टियों के दौरान हेमराज ने मकान निर्माण का काम पूरा करा दिया था।

बड़ी मां का कर्ज उतार दिया

बेटा दुनिया से चला जाए तो किसी मां के लिए इससे बड़ी दर्द होता है लेकिन बेटे ने देश के लिए शहादत दी हो तो यह कम हो जाता है। लांस नायक हेमराज की मां मीना देवी ने बेटे की शहादत पर कहा कि उसने बड़ी मां (भारत मां) का कर्ज तो उतार दिया। उन्हें इस बात का फक्र है।

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