मौका मिले तो सैकड़ों के सिर काटकर ले आएं-हेमराज का भाई

पाक बॉर्डर पर दो भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर मंगलवार को टीवी पर देख कर शहीद हेमराज के गांव वाले अफसोस जाहिर कर रहे थे। साथ ही दुश्मन की बर्बरतापूर्ण हरकत पर गुस्सा भी जता रहे थे।

मगर उन्हें क्या पता था कि ये कहर उनके गांव के जांबाज हेमराज पर ही टूटा है। हर रोज की तरह ही बुधवार सुबह लोग अपने- अपने यहां अलावों पर बैठक कर सीमा पर हुई घटना पर चर्चा कर रहे थे। सब अपने- अपने तरीके से घटना को लेकर बेहद अफसोस जता रहे थे। गांव के प्रवेश द्वार पर डॉ. सुरेश सिंह ने बताया कि वे लोग घटना की चर्चा कर ही रहे थे कि अचानक एक संदेश ने गांव में कोहराम मचा दिया। तभी पता चला कश्मीर में शहीद हुआ अपना बच्चा हेमराज है। बुजुर्ग वीरपाल, मोहन कहते हैं कि वे भी अलाव पर बैठे थे। जवानों की गर्दन काटने वाली खबर की चर्चा हो रही थी, जिसकी हर कोई निंदा कर रहा था। तभी दूसरे संदेश ने उस घटना को हमारे ही गांव में उतार दिया। दामोदर ने बताया कि उन्हें नहीं पता था कि जो घटना समाचारों में तैर रही है, वह हमारे ही गांव से जुड़ी है।

इस हादसे से गांव के युवाओं का खून खौल रहा है। भुजाएं फड़क रही हैं। वह चाहते हैं तो केवल भाई की मौत का बदला।

चचेरे भाई हेमराज के शहीद होने की सूचना से स्तब्ध 18 साल के नेम सिंह ने कहा कि बस मौका मिल जाए, फिर अपने भाई की शहादत का बदला जरूर लेंगे। वह भी अपने भाई की तरह बहादुर बनकर देश के काम आना चाहता है। पढ़ाई कर रहा गांव का युवा वीरेंद्र कहता है कि भाई हेमराज की कमी उन्हें सालती रहेगी। लेकिन यह दुख तब तक और बढ़ता रहेगा जब तक इस बर्बरता का हिसाब – किताब पाकिस्तान की भाषा में ही चुकता न हो।

हम उम्र दिगंबर को भी इसी मौके की तलाश है। शहीद के पड़ोसी इस युवा ने कहा कि बर्बरता से हटकर गांव का हर बच्चा अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहता है। इसकेलिए वह तैयारी करेंगे और सेना में भर्ती होकर पाकिस्तानी सेना को मुंह तोड़ जवाब देंगे। अब तसल्ली तभी मिलेगी, जब हमलावरों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाएगा।

गर्व है कि ऐसे शहीद के भाई हैं

शहीद हेमराज की मौत पर गांव ही नहीं पूरा क्षेत्र शोक में डूबा हैं। भाई की मौत की खबर सुनकर बड़े भाई पूरन सिंह और छोटा जयसिंह सदमे में हैं। जुबान के बजाए आंसुओं से भरभराई आंखें छलकते दर्द को बयां कर रही थीं। हेमराज की बहादुरी का जिक्र चलाने पर पूरन और जय ने कहा कि उनका भाई और उसका साथी देश के लिए शहीद हुआ है। उसने अपने आपको भारत माता की रक्षा में न्योछावर किया है। हमें गर्व है कि हम ऐसे बहादुर देशभक्त के भाई हैं। लेकिन उनका यह गौरव सही मायने में तब और माना जाएगा जब इस बर्बरता का हिसाब चुकता किया जाए। मौका मिले तो वह अपने शहीदों के बदले सैकड़ों के सिर काटकार ले आएं। हमें उम्मीद है कि सेना और सरकार इसी भाषा में पाकिस्तान को जवाब देगी।

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