देश सुरक्षित तो हम सुरक्षित – आचार्य सुनील सागर जी महाराज

हम स्वयं की पहुंचेंगे तो कुछ नहीं होगा हमें सोचना होगा देश के लिए देश के भविष्य के लिए एकांत मुद्रा को छोड़कर अनेकांत पर ध्यान देना होगा आचार्य सुनील सागर जी महाराज आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 2000 से भी अधिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विद्यासागर तपोवन छतरी योजना में अपने चिंतन को रख रहे थे
आचार्य सुनील सागर जी महाराज ने कहा कि संस्कृति की रक्षा करना हर भारतीय का फर्ज है इंडिया कहना गलत होगा भारत ही हमारी संस्कृति है
तनाव और हिंसा की कोई भी जगह हमारी भारतीय संस्कृति में नहीं ऋषि मुनियों का यह देश ऋषि मुनियों का ही रहेगा बाहरी व्यक्ति देश के लिए नहीं सोच सकता जिस लाल का जन्म भारत मां की धरती पर हुआ हो वह भारत मां के साथ कैसे बुरा कर सकता है
लव जिहाद हमारी संस्कृति को छिन्न भिन्न कर रहा है हमारी बेटियों को समझाना पड़ेगा माता-पिता के प्रति उनका क्या कर्तव्य है उसे कर्तव्य बोथ की पहचान हमारी बेटियों को होना चाहिए
आचार्य सुनील सागर जी महाराज ने कहा ढाई दिन का झोपड़ा हमने काफी बार धार्मिक इतिहास के विषय में जानना चाहा और पढ़ा भी अजमेर जब आया तब हमारे मन में भाव हुए की एक बार तो उसे संस्कृति के दर्शन करना ही चाहिए आचार्य सुनील सागर जी ने ने वहां का घटनाक्रम भी सभी स्वयंसेवकों के सामने रखा और कहां की दिगंबर मुद्रा को क्यों छुपाया जाए हमारे संस्कृति दिगंबर है हम कभी भी अपने संस्कृति का हरण नहीं कर सकते बदलना है तो आप बदल जाओ हम कभी भी हमारी संस्कृति को नहीं खोना चाहते आचार्य सुनील सागर जी ने कहा रायता काफी घुल चुका है अब समेटने का समय है भगवान राम भी 500 वर्षों बाद ही सही अपने मूल अवस्था में विराजमान हो गए काफी कुछ जो अस्त व्यस्त हुआ है उसे सुधारना आवश्यक है
धर्मेश जैन ने आचार्य सुनिल सागरजी से पूछा कि हमें अपने समाज के पुराने भवन जो आज के समय में आस-पास के माहौल में सुरक्षित नहीं हो तो उनका क्या उपयोग किया जा सकता है? आचार्यश्री सुनिलसागरजी महाराज ने कहा कि अपने भवन, संस्कृति, मंदिर आदि की सुरक्षा करना हमारा दायित्व एवं कत्र्तव्य है, हमें उन्हें हर हाल में सुरक्षित रखना चाहिये। उन्हें छोड़ देना या बेच देना कोई सही रास्ता नहीं है बल्कि उन्हें संरक्षित करना चाहिये।
आचार्य सुनील सागर जी ने कहा कि अंग्रेजी भाषा की तरफ जो आकर्षण है उसे हिंदी की तरफ मोड़ दो हर भाषा अपने स्थान पर ठीक है लेकिन जब भी भारत की बात है हमें हिंदी बोलकर गर्व महसूस करना चाहिए
आचार्य सुनील सागर जी ने कहा सनातन पद्धति व्यवस्था है और किसी को भी इस व्यवस्था में छेड़खानी का अधिकार नहीं है हम अपनी मर्यादाओं का पालन करते हैं आपको अपनी मर्यादाओं का पालन करना है हमें क्या करना है वह हमें सीखने की आवश्यकता नहीं हमारी कर्मभूमि भारत हमारा धर्म भारत है और हमारा गर्व भारत ही है
अजमेर जैन समाज के प्रवक्ता संदीप बोहरा ने बताया कि प्रातः काल 6:30 बजे यह महासभा प्रारंभ हुई मौसम की मार के पश्चात भी आयोजन अपने सही समय पर शुरू हुआ आचार्य श्री के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित जगदीश जी राणा ने किया

विज्ञान भवन से पुस्तक का विमोचन
आचार्य श्री के जीवन वृतांत पर विज्ञान भवन से पुस्तक का विमोचन हुआ जिसमें आचार्य सुनील सागर जी ने राष्ट्रीय संस्कारों को कैसे प्रतिपादित किया जाए अनेक राजनीतिक अभिव्यक्तियों के सामने अपनी बात को दृढ़ता के साथ राखी इन सब बातों को लेकर यह पुस्तक विमोचित हुई विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी धर्मेश जैन जगदीश जी राणा श्री सुनील जैन श्री पुखराज पहाड़िया श्री शिवराज जी श्री सुनील जैन होगरा आदि ने विमोचन किया
प्रवक्ता संदीप बोहरा ने बताया कि इससे पूर्व अजमेर में आचार्य पुलक सागर जी महाराज मुनि तरुण सागर जी महाराज आदि भी संबोधित कर चुके हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को
बड़ा धड़ा पंचायत के प्रदीप पाटनी बसंत सेठी अरुण सेठी मनीष सेठी आदि ने उपस्थित सभी अतिथियों का अभिनंदन किया
जैन समाज की ओर से इस महान आयोजन का संचालन प्रवक्ता संदीप बोहरा ने किया

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