शांतानंद उदासीन आश्रम में गुरू पूर्णिमा महोत्सव
अजमेर 21 जुलाई। श्री शान्तानंद उदासीन आश्रम पुष्करराज अजमेर पर गुरू पूर्णिमा पर्व ब्रहमलीन श्री शान्तानंद जी उदासीन व ब्रहमलीन स्वामी हिरदाराम साहिब के चरण पादुका, समाधि पूजन व शिव अभिषेक, हवन,, धर्म ध्वजा पूजन व रामधुनि के पश्चात् भण्डारे का आयोजन किया गया।
महन्त राममुनि उदासीन ने अपने प्रवचनों में कहा कि प्रभू का नाम लेने से उद्धार होता है व व्यक्ति को हरी की शरण में रहकर भक्ति करनी है।
महन्त हनुमानराम ने कहा कि जीवन में छोटी छोटी सेवायंे करनी चाहिये हमें साधन तो बहुत मिले हैं परन्तु परमात्मा की भक्ति करना हम भूल गये। आत्मा की शुद्धि के लिये भजन करना जरूरी है। हमारे गुरू स्वामी हृदयाराम जी की प्रेरणा से हमें सदैव जीवों पर दया करनी है गाय को चारा व पक्षियों को दाना व पानी की सेवा कर सार सम्भाल करनी चाहिये जिससे बच्चों में भी संस्कार प्राप्त होगेें।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल की ओर से संतो का अभिनन्दन शॉल, श्रीफल व भेंटा प्रस्तुत कर किया गया जिसमें विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
समारोह में कवंलप्रकाश किशनानी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, घनश्याम ठारवाणी भगत, दीपक साधवाणी, नारी वाघाणी, दिलीप चंदनाणी, केशवनाथ बालचन्द, किशोर कुमार, विजय कुमार, संतोष कुमार, कुणाल गांगुली, प्रदीप आसवाणी, लक्षमण वाधवाणी, हरीश मूलचंदाणी, रमेश मूलचंदाणी विजय, नितिन आयलाणी, शंकर आयलाणी, मनन, भारत खुशलाणी, सहित छतीसगढ, मध्यप्रदेश जयपुर दिल्ली, भरतपुर व देश भर से अनुयायी उपस्थित थे।
प्रकाश मूलचन्दानी
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