*सम्यक दर्शन प्राप्त करते ही जीवात्मा को मिल जाएगा मोक्ष का परमिट*
*शास्त्रीनगर हाउसिंग बोर्ड स्थित सुपार्श्वनाथ पार्क में वर्षायोग प्रवचन*
भीलवाड़ा, 4 सितम्बर। जिनशासन झुकता नहीं है ओर न ही किसी को झुकाता है। झुकना ही है तो अपनी आत्मा के अंदर झुककर देखे। वर्तमान में वर्धमान का शासन मिला है। वर्धमान बनना है उन्हें नीचे नहीं लाना है। भगवान अवतार नहीं लेते। जिनशासन अवतारवाद को नहीं मानता लेकिन अवतार को मानता है। अवतार की पूजा होती है। ये विचार शहर के शास्त्रीनगर हाउसिंग बोर्ड स्थित सुपार्श्वनाथ पार्क में श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के तत्वावधान में चातुर्मासिक (वर्षायोग) वर्षायोग प्रवचन के तहत बुधवार को राष्ट्रीय संत दिगम्बर जैन आचार्य पूज्य सुंदरसागर महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बिना काम किए कुछ हासिल नहीं होता। पैरो को चलाना शुरू कर दो मंजिल मिल जाएगी। भूत मर चुका है ओर भविष्य अजन्मा है ऐसे में वर्तमान को निहारने की जरूरत है। तुम्हारे पास जो देव,शास्त्र व गुरू है उन्हें निहारकर उनकी आराधना करो तुम भी आराध्य बन जाओंगे। एक मुट्ठी में संसार ओर एक मुट्ठी में मोक्ष है चाहे जिसको खोल लो यह तुम पर निर्भर है। आचार्यश्री ने कहा कि अशुभ की मुट्ठी बंद कर शुभ की मुट्ठी खोल लो वर्धमान बन जाओंगे। सब भावों का खेल होने से हमारा लक्ष्य हमेशा शुभ होना चाहिए। चौथा गुणस्थान प्राप्त होने पर वर्तमान में वर्धमान बनने का अधिकार मिल जाएगा। सम्यक दर्शन प्राप्त करते ही जीवात्मा को मोक्ष का परमिट मिल जाएगा। इसलिए हमे अपने अंदर वाले भगवान की ओर दूसरों की बजाय मैं की चिंता करनी चाहिए। इससे पूर्व प्रवचन में क्षुल्लिका सुपथ्यमति माताजी ने कहा कि हमारे पास सब कुछ होते हुए भी हम पर के मोह में फंस कर इधर-उधर चक्कर लगा रहे है। अनादिकाल से जो संस्कार पड़े हुए है उनके कारण धर्म के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ पाते है। आपके पाप की कमाई परिवार वाले भोग रहे है ओर आप कर्मो को भोग रहे है। धन में आसक्ति होने पर धर्म में रूचि नहीं रहती ओर गुरू की बात भी समझ में नहीं आती। नियम व्रत लेकर उनकी पालना करते हुए स्वयं को धर्म से जोड़ने का प्रयास करे। श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया कि सभा में चातुर्मास एवं पर्युषण पर्व में सौधर्म इन्द्र विधान पूजा पुण्यार्जक बनने पर श्रेष्ठी शैलेन्द्र बाकलीवाल परिवार एवं राजकुमार दिलीपकुमार कमलादेवी गदिया परिवार का समाज द्वारा स्वागत अभिनंदन करते हुए इस पुनीत कार्य के लिए हार्दिक अनुमोदना की गई। मीडिया प्रभारी भागचंद पाटनी ने बताया कि सभा के शुरू में श्रावकों द्वारा मंगलाचरण,दीप प्रज्वलन,पूज्य आचार्य गुरूवर का पाद प्रक्षालन कर उन्हें शास्त्र भेंट व अर्ध समपर्ण किया गया। संचालन पदमचंद काला ने किया। वर्षायोग के नियमित कार्यक्रम श्रृंखला के तहत प्रतिदिन सुबह 6.30 बजे भगवान का अभिषेक शांतिधारा, सुबह 8.15 बजे दैनिक प्रवचन, सुबह 10 बजे आहार चर्या, दोपहर 3 बजे शास्त्र स्वाध्याय चर्चा, शाम 6.30 बजे शंका समाधान सत्र के बाद गुरू भक्ति एवं आरती का आयोजन हो रहा है।
*भागचंद पाटनी*
मीडिया प्रभारी
मो.9829541515