पक्के घडे़ बनने के बाद किसी में भी सुधार करना कठिन – मुनि कमल कुमर

ज्ञानशाला के बच्चों को उग्र विहारी, तपोमुर्ति मुनिश्री कमल कुमार जी ने दी विशेष प्रेरणा

गंगाशहर , 20 जनवरी।  तेरापंथी सभा गंगाशहर द्वारा संचालित ज्ञानशाला में मुनिश्री कमल कुमार जी ने बच्चों को गीतिका के माध्यम से प्रेरित किया। उन्होंने छोटे-छोटे संस्मरणों के माध्यम से बच्चों को अपने जीवन में कैसे आगे बढ़ना चाहिए, कैसे समाज और राष्ट्र की सेवा करनी चाहिए के बारे में बताया। मुनिश्री कमल कुमार ने कहा कि बच्चे अपना खुद का विकास नियमित ज्ञानशाला में आकर  ही कर सकते हैं।

मुनि श्री ने ज्ञानशाला को संस्कारों की पौधशाला बताया । नशा मुक्त जीवन की प्रेरणा का असर बचपन में बहुत सुगमता से हो सकता है। पक्के घडे़ बनने के बाद किसी में भी सुधार करना कठिन होता है। प्रमाणिकता,चारित्रिक मूल्यों व नैतिक मूल्यों को जीवन व्यवहार में बचपन से ही प्रशिक्षित करने से संस्कार हृदयगम  हो सकते हैं। पुरे देश में हजारों बच्चे ज्ञानशाला में प्रशिक्षित होकर उच्च आदर्शों  से भारत देश को महान  बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।

इस अवसर पर ज्ञानशाला की सभी प्रशिक्षिकाएं , तेयुप व किशोर मंडल के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही। मंत्री जतन लाल संचेती ने बताया कि  तेरापंथी सभा गंगाशहर द्वारा नियमित रूप से प्रत्येक रविवार को सुबह 10:00 बजे से 12:00 तक ज्ञानशाला का संचालन तेरापंथ भवन में  किया जाता है। इससे पहले मुनिश्री ने मुख्य प्रवचन समय में सभी श्रावक श्राविकाओं को विशेष रूप से ज्ञानशाला में अपने छोटे-छोटे बच्चों को भेजने के लिए प्रेरणा प्रदान करवाई। मंत्री ने बताया कि तेरापंथ भवन में अभी 9 साधुओं  का प्रवास है तथा 23 जनवरी तक प्रवचन शांतिनिकेतन में मुनिश्री कमलकुमार जी का होगा।

प्रेषक
जतनलाल संचेती
मंत्री
तेरापंथी सभा , गंगाशहर

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