“डेयरी एवं पशुपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन केंद्र सरकार ने बजट में किया निराश”

इंडियन डेयरी एसोसिएशन राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 11वीं बैठक आयोजित

अजमेर सरस डेयरी का घी पहुंचा प्रयागराज कुंभ में

आईडीए का राष्ट्रीय अधिवेशन आगामी मार्च में होगा पटना में

अजमेर (वि.) l इंडियन डेयरी एसोसिएशन (आईडीए ) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 11वीं बैठक शनिवार को नई दिल्ली में आईडीए अध्यक्ष आर. एस.  सोढ़ी की अध्यक्षता में आयोजित की गई lकार्यकारिणी सदस्य के रूप में अजमेर सरस डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने भी इसमें शिरकत की  है l बैठक में विभिन्न प्रांतो से पहुंचे सदस्यों ने एक  स्वर में  इस बात पर अपनी सहमति व्यक्त की है कि केंद्र की एनडीए सरकार ने हाल ही में पारित केंद्रीय बजट में किसानों एवं पशुपालकों को निराश किया हैl  डेयरी एवं पशुपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में काम करती हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने अपने हालिया पारित बजट में किसानों एवं पशुपालकों को निराश किया है lबैठक में आगामी माह में 6 से 8 मार्च तक बिहार की राजधानी पटना में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के संदर्भ में भी विस्तृत चर्चा की गई lइस अधिवेशन का उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे तथा अध्यक्षता केंद्रीय डेयरी एवं पशुपालन मंत्री ललन सिंह करेंगेl बैठक में अपनी बात रखते हुए अजमेर सरस डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने कहा कि अजमेर सरस डेयरी के लिए यह गर्व एवं गौरव की बात है कि प्रयागराज कुंभ में अजमेर सरस डेयरी का घी उपयोग में लिया जा रहा है lअब तक लगभग 270 टन घी अजमेर  से प्रयागराज पहुंचा हैl चौधरी ने कहा कि तिरुपति विवाद के बाद सहकारी क्षेत्र में शुद्ध उत्पादन के कारण दूध एवं दूध उत्पादन की मांग तेजी से बढ़ी है वही महाकुंभ के कारण भी दुग्ध उत्पादन की खपत बढ़ी है lचौधरी ने कहा कि अजमेर डेयरी के घी की महाकुंभ में भारी मांग हो रही हैl उन्होंने कहा कि 2025 में डेयरी क्षेत्र में भावी संभावना तथा उज्जवल भविष्य हैंl गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष स्टॉक की  भी भारी  कमी आई हैl चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में पारित बजट में दुग्ध उत्पादन एवं इसके संसाधनों हेतु भी कोई प्रावधान नहीं किया है lदुग्ध एवं दुग्ध उत्पादन में जीएसटी में भी कोई रियायत नहीं दी वहीं पशुपालन क्रेडिट कार्ड की सीमा तीन से पांच लाख तो कर दी गई है लेकिन इसकी ब्याज की दरों में अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं किया गया है lचौधरी ने अपनी बात को विस्तार देते हुए कहा कि कुछ वर्ष पहले बजट में प्रधानमंत्री द्वारा 1500 करोड़ का प्रावधान इसी क्षेत्र में किया गया था, लेकिन अभी तक 1000 पशुपालकों को भी इसका लाभ नहीं मिला है l उन्होंने कहा कि अच्छा यह होता कि डेयरी एवं पशुपालन को कृषि क्षेत्र में शामिल करके किसानों , पशुपालकों तथा देश के अन्नदाता को संबल प्रदान करते हैंl लेकिन केंद्र की सरकार ने किसानों को अनाथ की तरह छोड़ दिया हैl
बजट में दुग्ध उत्पादन के निर्यात पर भी अनुदान की कोई घोषणा नहीं करके केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र को पीछे धकेलना की मंशा  दर्शाई है l बैठक में कुरियन अवार्ड, लाइव टाइम अचीवमेंट अवार्ड, आईडीए पेटर्नशिप और फेलोशिप अवार्ड 2025 एवं  महिला फार्मर अवार्ड के लिए भी समिति के द्वारा अनुमोदन किया गयाl

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