देवनानी ने एकादशी पर प्रयागराज में स्नान के बाद माघ पूर्णिमा पर पुष्कर में की पूजा अर्चना

सनातन परंपरा में प्रयागराज के बाद पुष्कर में पूजा अर्चना करना माना जाता है तीर्थ यात्रा की पूर्णता
श्री देवनानी ने प्रदेश की खुशहाली की कामना की
अजमेर, 12 फरवरी। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने उत्तरप्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ में त्रिवेणी संगम घाट पर माघ एकादशी पर मां गंगा की पूजा अर्चना के बाद बुधवार को माघ पूर्णिमा पर अजमेर स्थित पुष्कर सरोवर में पूजा अर्चना कर ब्रह्मा जी के दर्शन किए। उन्होंने इस अवसर पर पावन और सनातन संस्कृति के अनुरूप देश और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।
विधानसभा अध्यक्ष श्री देवनानी ने कहा कि मानव जीवन में महाकुंभ में डुबकी लगाने का स्वर्णिम पावन अवसर 144 वर्ष बाद मिला है। स्थानीय मान्यता के अनुरूप सनातन संस्कृति में पवित्रा प्रयागराज के दर्शन के पश्चात पुष्कर सरोवर में पूजा अर्चना करने को तीर्थ यात्रा की पूर्णता मानी जाती है।
विधान सभा अध्यक्ष श्री देवनानी ने कहा कि हमारे देश की प्राचीन संस्कृति और सनातन परम्परा समृद्ध है। ऐसी पुरातन एवं वैभवशाली सनातन संस्कृति और परम्परा दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलती है। भारत में वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है कि हर खास दिन पर लोग किसी न किसी पवित्रा स्थान पर स्नान करते ही हैं। यहां तक कि दुनिया का सबसे बड़ा मेला कुंभ भी स्नान पर ही आधारित है। जहां गंगा जी में स्नान करने दुनिया भर से करोड़ों भक्त पहुंच रहे हैं। राजस्थान में स्थित पुष्कर में कार्तिक एकादशी से लेकर पूर्णिमा तक स्नान करने का विशेष महत्व है।
उन्होंने कहा है कि माघी पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक ऊर्जा, पुण्य और मोक्ष प्राप्ति का विशेष अवसर है। इस शुभ दिवस पर तीर्थराज पुष्कर सरोवर का पूजन व जगत पिता ब्रह्मा जी के दर्शन कर प्रदेश में निरंतर प्रगति की कामना की है।
विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने एकादशी पर प्रयागराज पावन स्थल पर स्थापित मंदिरों के दर्शन कर वहां मौजूद संतो का आशीर्वाद लिया था। प्रयागराज के बाद श्री देवनानी ने पुष्कर में भी पूजा अर्चना कर संतो से आशीर्वाद लिया।

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