जयपुर, 25 फरवरी (वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी संकुल में मंगलवार, 25 फरवरी, 2025 को मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन किया गया।
अकादमी सचिव डॉ.रजनीश हर्ष ने बताया कि गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए ब्यावर के वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. अर्जुन कृृपलानी स्वरचित सिन्धी लघु कहानी ’सलीब ते टंंिगयल आज़ादी’, जिसमें उन्होंने महिला सशक्तिकरण को लेकर दिल छूने वाली कहानी प्रस्तुत की। अपने सशक्त प्रस्तुतिकरण के द्वारा साहित्य रसिकों का दिल जीत लिया।
गोष्ठी में श्रीमती वीना करमचंदानी ने स्वरचित सिन्धी लघु कहानी ’दादी’ सामाजिक परिपेक्ष्य में महिला सशक्तिकरण का एक उदारण प्रस्तुत किया। श्रीमती पूजा चांदवानी ने ’सरकारी इदारनि में बन्द थियण जे कगार ते सिन्धी अनुभाग’ पर अपना विस्तृत लेख प्रस्तुत किया। श्रीमती वंदिता आहूजा ने अपने आलेख ’गोविन्द माल्हीअ जो रचना संसार’ को बहुत सुन्दर तरीके से गागर में सागर भरते हुए प्रस्तुत किया। निवाई की श्रीमती योग्यता इसरानी, ने अपने आलेख ’प्रो. अर्जुन कृृपलाणी-शख्सु ऐं कलमकार’ में वरिष्ठ लेखक के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
मनोज आडवानी ने शिव की महिमा को समर्पित स्वरचित गीत गाए। श्रीमती हर्षा पंजाबी ने ’मन-मोहिन्दड़ ऋतु बहार (बसन्त पंचमी)’ विषयक आलेख में पौराणिक कथा का उल्लेख करते हुए मां सरस्वती की महिमा बताई। श्रीमती कविता सचदेव ने ’मातृृ-पितृृ पूजन डींह-14 फरवरी-अजु जे दौर में केतिरा सार्थक’ में हिन्दू संस्कृति व संस्कारों पर बल देते हुए इस दिवस की उपयोगिता बताई।
गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा. हरि जे मंगलानी, नन्दिनी पंजवानी, रोमा चांदवानी, गोपाल, पार्वती भागवानी, लता भारद्वाज, कविता इसरानी तथा सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। गोष्ठी का संचालन डॉ. माला कैलाश ने किया।
(डॉ.रजनीश हर्ष)
सचिव