रजयमयी विधिनायक जिनबिंब निर्माण उत्सव 9 मार्च रविवार को

आज दिनांक 02 मार्च – श्री जिनशासन तीर्थक्षेत्र जैन नगर नाकामदार अजमेर में परम पूज्य अभिक्षण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनंदी जी महाराज, परम पूज्य उपाध्याय श्री 108 वृषभानंद जी मुनिराज व मुनि श्री 108 सदानंदजी मुनिराज, क्षुल्लक श्री 105 पूर्णानंद जी महाराज एवं प्रतिष्ठाचार्य ब्रा.ब. नमन जैन के शुभाषीष से आगामी 20 से 25 अपै्रल को पंचकल्याणक महामहोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए मंत्री विनित कुमार जैन ने बताया कि श्री जिनषासन तीर्थक्षेत्र नाका मदार जैन नगर अजमेर की पावन वसंुधरा पर होने वाले ऐतिहासिक पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव हेतु युगल नयनो की साक्षी में धातु से भगवान बनने की प्रक्रिया का साक्षात्कार रजयमयी विधिनायक जिनबिंब निर्माण उत्सव का आयोजन दिनांक 09 मार्च रविवार को प्रातः 9ः00 बजे से श्री जिनषासन तीर्थक्षेत्र जैन नगर नाका मदार पर किया जायेगा। इसी क्रम 1008 समाज की महिलाओं व विभिन्न महिला मण्डलों द्वारा पंच कल्याणक महोत्सव पर मंगल बधाई के गीत गाये जायेगे।
विनित कुमार जैन ने बताया कि राजस्थान के अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित अजमेर नगर का अनुपम, अलौकिक दिगम्बर जैन तीर्थ जिनषासन तीर्थक्षेत्र जैन नगर नाकामदार अजमेर में है। तीर्थक्षेत्र पर विष्व की अनुपम कृति व विष्व कीर्तिमान अलौकिक, असाधारण 54 फुट उतंग खडगासन 16वें तीर्थंकर भगवान श्री शांतिनाथ स्वामी की कमलासन पर विषाल जिनबिम्ब, जिसका निर्माण 11 जुलाई 2018 से एकल 80 फुट पाषाण को क्षेत्र पर लाकर खड़ा करने के बाद जिन प्रतिमा का निर्माण कर नयानाभिराम रूप  प्रदान किया गया साथ ही 54 फुट उतंग जिनप्रतिमा जिनालय के उपर नक्काषी व सुन्दर कलाकृति से सुसज्जित संगमरमर का भव्य षिखर वेदी का निर्माण अति मनमोहक है।  संगमरमंर की भव्य वेदिका में वर्तमान में 24 तीर्थंकर श्री आदिनाथ से महावीर तक सवा ग्यारह फुट कमलासन पर विराजमान पाषाण की पद्मासन मनोज्ञ प्रतिमा, 24 रजतमयी (चॉंदी), 24 तामग्र प्रतिमा व दिस्य समवसरण, 1008 प्रतिमा से सुषोभित सहस्कूट जिनालय पाषाण से परमात्मा की दिव्य यात्रा हेतु प्रतिक्षारत है।
क्षेत्र में वर्तमान में लाल मंदिर के नाम से विख्यात भगवान श्री शांतिनाथ, श्री चंदप्रभु, श्री पार्ष्वनाथ स्वामी की स्फटिक मणी से निर्मित मनभावक, मनाहारी व अतिषयकारी प्रतिमा विराजमान है जिनका प्रतिदिन सैकड़ो श्रावक श्रेष्ठी जिनाभिषेक एवं शांतिधारा जन्म-जन्मान्तर के पापों से निवृत्ति पाते है।  भव्य लाल मंदिर का षिलान्यास 31 अक्टूबर 2014 में हुआ व भव्य वेदी प्रतिष्ठा 13 नवम्बर 2014 में निर्माण कार्य परम पूज्य आचार्य श्री 108 वसंुनंदीजी महाराज की प्रेरणा व सानिध्य में हुआ। सम्पूर्ण भारतवर्ष में अपनी अलग पहचान रखने वाले जैसवाल जैन समाज के गौरव को जीवन्तता प्रदान करने वाले श्री जिनषासन तीर्थक्षेत्र अजमेर का पंचकल्याणक महोत्सव पावन मंगलमय शुभ घड़ी दिनांक 20 अपै्रल 2025 से 25 अपै्रल 2025 जब आचार्य श्री वसुनन्दीजी महाराज चतुर्विघ संघ के पावन सानिध्य में पाषाण से परमात्मा की दिव्य यात्रा का सम्पूर्ण भारतवर्ष साक्षी बनेगा जो अजमेर नगर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाने वाला एक अध्याय होगा।

(विनीत कुमार जैन)
मंत्री मो. 9414281335

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