मनुष्य भव पुण्य की प्रबलता से मिला है, इसकी कीमत को समझो

आज विजय कलापूर्ण सूरी आराधना भवन से पूज्य तपोरत्न आचार्य हँसरत्न सूरी म सा की निश्रा में भव्य चैत्यपरिपाटी गाजे बाजे के साथ प्रातः 6.30 बजे प्रारम्भ हुई , श्री गोड़ीजी पार्श्वनाथ मंदिर, श्री संभव नाथ भगवान मंदिर सामूहिक चैत्यवंदन कर सचेती भवन पधारे जहाँ-
धर्म सभा में आचार्य तत्वदर्शन सुरीश्वर ने कहा कि मनुष्य जन्म हमें पुन्य की प्रबलता के कारण मिला है। इसकी कद्र करते हुए इसकी कीमत को पहचानो। उन्होंने कहा हमारा जन्म पृथ्वीकाय, अपकाय, तेउकाय, वायुकाय अथवा वनस्पति काय में नहीं हुआ। क्योंकि हमारे पुण्य की ही प्रबलता थी जो मनुष्य जन्म जैसी लॉटरी लग गई। जरूर हमने इसके लिए धर्म आराधना की होगी। सामयिक की होगी। प्रतिक्रमण किया होगा। शिलवृत का पालन किया होगा। दान किया होगा। तप किया होगा। इन्हीं के परिणामस्वरूप हमें यह उत्तम जन्म मिला। उन्होंने कहा कि मनुष्य जन्म में आकर भी हम उसके मूल्य को ठीक उसी प्रकार नहीं समझ पा रहे जैसे पुश्तैनी दौलत विरासत में मिली हो। जो मेहनत करके पुरुषार्थ करके दौलत अर्जित करता है उसे ही उसकी कीमत पता होती है। उन्होंने कहा नर से नारायण बनने वाली गति में जन्म लेकर भी हमे इस गति की कोई कद्र नहीं है। उन्होंने कहा पाप की कमाई कभी सुखदाई नहीं होती। ऐसी कमाई का व्यय भोग विलासों एवं बीमारियों में ही होता है। उन्होंने कहा पैसा पुरुषार्थ से नहीं प्रारब्ध से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा गरीब का पुरुषार्थ ज्यादा है। किंतु प्रारब्ध कम है। उन्होंने कहा जन्म उत्तम मिला है। किंतु जीवन उत्तम नहीं है।  मनुष्य जन्म की महत्ता को जानो, पहचानो। न जाने किस घड़ी में जीवन की शाम हो जाए। उन्होंने कहा कर्म को कोई शर्म नहीं है। कर्म किसी को नहीं छोड़ता। उन्होंने कहा जिंदगी के सफर में  आयुष्य कम होती जा रही है। इससे पहले कि इंद्रियां शीतल हो जाए, इस शरीर से सांसे पलायन कर जाए हमे इस अमूल्य मनुष्य जन्म का बोध हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा हमें अपने जीवन में धर्म आराधना करनी होगी तभी हम पुण्यवाणी की प्रबलता को बढ़ा सकते है। उन्होंने कहा बिना कर्मों की निर्जरा किए पुण्यवाणी का योग नहीं मिलता। इसलिए धर्म को आचरण में लाते हुए राग एवं द्वेष पर काबू पाते हुए अपने मनुष्य भव को सार्थक बनाए। धर्म सभा में गणमान्य नागरिकों सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

Leave a Comment

This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

error: Content is protected !!