जस्ट हास्यम: ढाई घंटे का मुस्कुराता सफर

ठहाकों की महफिल संपन्न होने की जैसे ही घोषणा हुई, लगा जैसे तेज गति से अपनी लय में चल रही ट्रेन को ब्रेक लगा दिए गए हों। ढाई घंटे कैसे बीते पता ही नहीं चला। हास्य व्यंग्य के आनन्द में डूबा अजमेर का शिक्षित वर्ग यह दिल मांगे मोर की तर्ज पर कुछ देर और ठहाके लगाना चाहता था। व्यस्त और तनाव भरी जिंन्दगी में उन्मुक्त होकर हंसने का मौका कभी कभी भी तो मिलता है। शनिवार 22 मार्च 2025 की शाम डॉ भीमराव अम्बेडकर के सभागार में हुए कार्यक्रम जस्ट हास्यम में यूं तो भोपाल से दीपक दनादन, अहमदाबाद से आरुषी राखेचा, बीकानेर से लोकेश कोटा से सुरेन्द्र यादव ने अपनी शानदार प्रस्तुति से श्रोताओं को बांधे रखने का भरपूर प्रयास किया लेकिन फिर भी अतिथि कवियों की रचनाओं में नया कुछ नहीं था। पति पत्नि के बीच चिर परिचित नोंकझोंक और कुछ सुने सुनाए पुराने चुटकुलों को नए मंच पर कुछ इस तरह से सुनाए गए कि श्रोता हंसते मुस्कुराते, ठहाके लगाते रहे। मंच का संचालन कर रहे सिर्फ रास बिहारी गौड ही सब पर भारी रहे। गौड ने अपने अंदाज में डॉक्टर कुलदीप शर्मा प्रकरण को छूते हुए हास्य व्यंग्य की बढिया प्रस्तुति दी, वह जब जब मंच पर आए, अपनी चंचल वाक्पटुता और स्तरीय भाषा के सहारे अपनी छोटी छोटी हास्य रचनाओं से कार्यक्रम में समा बांधते रहे। यदि राजनीति, आधुनिक समाजिक जीवन, परेशानियों, पाखंडता जैसे विषयों पर नई हास्य रचनाएं सुनने को मिलती तो कार्यक्रम यादगार बन जाता। फिर भी सभागार में बैठे अजमेर के सभ्य, अनुशासित, शिक्षित वर्ग को हंसने, मुस्कुराने, ठहाके लगाने का मौका देकर आनन्दम संस्था ने सभी के दिलों पर छाप छोडने में सफलता हासिल की है। इसके लिए आनन्दम संस्था के सभी पदाधिकारी, सदस्य बधाई के पात्र हैं। कार्यक्रम में अजमेर कांग्रेस के जाने माने चेहरे महेन्द्र सिंह रलावता, द्रोपदी देवी, इंसाफ अली तो नजर आए लेकिन भाजपा से लंबी राजनेताओं की सूची में से कोई प्रसिद्व चेहरा नहीं दिखना थोडा हैरान कर गया।
– मुजफ्फर अली 
लेखक व पत्रकार, अजमेर 
7357505689 , email: muzaffaralinewseditor@gmail.com
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