
ईसाई धर्म को मानने वालों की मान्यता है कि गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु मसीह को सूली पर लटका दिया गया था किंतु यीशु मसीह मात्र तीन दिन बाद पुनर्जीवित हो गये थे। इसी दिन को ईसाई समुदाय दुनिया भर में ईस्टर दिवस के रूप में मनाते हैं। ईस्टर साधारणतया संडे यानी रविवार के दिन ही मनाया जाता है। इस वर्ष ईस्टर १८ April 202५ रविवार को मनाया जाएगा | ईसाई धर्म को मानने वालों के लिये ईस्टर अत्याधिक महत्त्वपूर्ण और पवित्र दिन होता है क्योंकि इसी दिन यीशु मसीह पुनर्जीवित होने के साथ जीवन की आशा एवँ प्रभु ईसा मसीह के प्रति विश्वास का प्रतीक है । ईस्टर का पर्व साल के किसी निश्चित दिन को नहीं मनाया जाता बल्कि इसकी तारीख हर साल साधारणतया बदलती रहती है। ईस्टर को 40 दिनों तक मनाया जाता है क्योंकि मान्यता के मुताबिक प्रभु यीशु मसीह एस पावन धरती पर लगभग चालीस दिनों तक रहे और उन्होंने अपने अनुयायियों को प्रेम सद्दभाव का पाठ पढाया |, इस दौरान सभी ईसाई उपवास, प्रार्थना करते है और अपनी गलतियों के लिये प्रायश्चित करते हैं।
ईस्टर मे, अंडे का बहुत महत्व है क्योंकि, जिस प्रकार चिड़िया सबसे पहले, अपने घोसले मे अंडा देती है. उसके बाद उसमे से, चूजा निकलता है उसी प्रकार, यहा अंडे को एक शुभ स्मारक माना जाता है क्योंकि अंडा अपनी जड़ता को तोड़ करके एक नये प्राणी को जन्म देता है | वास्तव के अंदर ईस्टर का संदेश है कि जो जड़ता को तोड़े, वही -है असली जीवन होता है | ईस्टर पर लोग अण्डों पर विभिन्न रंगो में कलाक्रति एवँ च्त्र्कारी करके अपने स्वजनों मित्रों को उपहार के रूप में भेट करते है | ईसाई लोग चर्च गिरजा घर जाकर प्राथ्नाप्राथ्ना करके माँ बत्तियां जलाते है | ईस्टर की दिन अपनी दुश्मनी को मिटा कर एक दूसरों से गले मिलते हैं |
ईसाईयों का मानना है कि जिस प्रकार अंडें में से नया जीव जन्म लेता उसी तर ईस्टर के दिन वे परस्पर ईष्ट मित्रों और परिजनों को नये सुखमय स्वस्थ जीवन को जीने की शुभ कामनाएं देते हैं |कही पर अण्डों पर चित्रकारी करके, कही दुसरे रूप मे सजा कर, उपहार के रूप मे परस्पर एक दूसरे को दिया जाता है | सभी एक दूसरे को गिफ्ट्स, फ्लावर्स , कार्ड, चो
भारत मे मुख्य रूप से मुंबई , गोवा और पूरे भारत में जहा भी अधिकतर क्रिश्चियन लोग निवास करते है वहां पर चर्च को विशेष रूप से, सजाया जाता है |
कनाड़ा में विश्व की सबसे बड़ी ईस्टर एग्ग की साइट है | पश्चिमी ईसाई धर्म के लोग ईस्टर सीज़न के दौरान “ऐश वेड्नस्डे” को उपवास रखना शुरू करते हैं और ईस्टर संडे को अपने उपवास का अंत करते हैं। भारत मे ही नही बल्कि, सम्पूर्ण विश्व मे जहा गुड फ्राइडे को शांति से बनाते है वही ईस्टर को उतनी ही धूम-धाम से बनाया जाता है |
ईस्टर का असली संदेश यही है कि असली और सुखमय जीवन वो ही है जो जड़ता को तोड़े |
डा.जे. के.गर्ग
पूर्व संयुक्त निदेशक कालेज शिक्षा, जयपुर