प्रयाग राज के दरबार में कल्पवास करने के लिए अब देश दुनिया से कटे रहना, रेत में पुआल के बिछौने पर ही सोना जरूरी नहीं है। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले कुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं और भारतीय धनाढ्य वर्ग का भी प्रवेश हो रहा है।
इसने कुंभ में अब कल्पवास की व्यवस्थाएं बदल दी हैं। कुंभ में कल्पवास की पांच सितारा सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। संगम तट पर कुंभ कुटीर, कुंभ सिटी व कुंभ नगर आदि के नाम से अलग-अलग टाउनशिप ही बसाई जा रही है। वाराणसी की एक कंपनी संगम तट से बमुश्किल 500 मीटर की दूरी पर अरैल घाट के पास कुंभ कॉटेज के नाम से डेढ़ सौ कॉटेज तैयार कर रही है। इनमें डारमेट्री, डीलक्स, संगम व्यू लक्जरी व फोर्ट व्यू सूट शामिल हैं।
इनमें रहने वालों को टीवी, ब्राडबैंड, स्पा, भजन, वाटर स्पोर्ट, आयुर्वेदिक मसाज, ध्यान व योग केंद्र आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। संगम व्यू के लिए वाच टॉवर बनाया गया है। इसमें दूरबीन की मदद से मुख्य संगम क्षेत्र का नजारा बहुत ही आसानी से लिया जा सकता है। इन सुविधाओं के लिए दस से पंद्रह हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करना होगा। डारमेट्री अलबत्ता इसके मुकाबले सस्ती है। यह एक हजार से पंद्रह सौ रुपये प्रति बिस्तर की दर पर उपलब्ध होगी। अरैल से देवरख के बीच इसी तर्ज पर कई अन्य रियल एस्टेट कंपनियां भी पांच सितारा कल्पवास की व्यवस्था में उतर गईं हैं। 70 बीघा खेत किराये पर लेकर अलग-अलग टाउनशिप में तीन सौ से अधिक सूट तैयार किए जा रहे हैं।
अरैल में एक स्थानीय कंपनी कुटीर बना रही है। इस कुटिया के लिए 3500 से 4500 रुपये प्रतिदिन किराया लिया जा रहा है।