नगर निगम का नया कार्यालय अवैध-प्रताप यादव

अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद प्रताप सिंह यादव ने मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को एक पत्र लिखकर मांग की है की नगर निगम की नई बिल्डिंग जो पूरी तरह एग्रीकल्चर लैंड व जो वन विभाग की हैएपर अवैध रूप से नाले के ऊपर बनाइ हुई है व अजमेर नगर विकास प्राधिकरण से उसने किसी प्रकार नक्शा भी पास नहीं कराया है और अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की यह मामला भी सर्वोच्च न्यायालय में जा सकता है।
मूल मुद्दे की बात यह है कि जिस विभाग मैं नगर की छोटी.छोटी समस्याओं के निदान के लिए नागरिक नगर निगमए अजमेर कार्यालय में जाता है उसी कार्यालय को नगर निगम के सीमा क्षेत्र में ही नहीं बनाया और जहां बनाया वहां एक छोर नागरिक को 20 किलोमीटर दूर चलकर जाना पड़ेगा।अगर परेशान व्यक्ति खुद के टू व्हीलर पर भी जाएगा तो ₹100 का पेट्रोल जल जाएगा। ऐसे में वह वहां जाने में भी संकोच करेगा ।
क्या नगर निगम अजमेर के आयुक्त व अधिकारी गण यह चाहते हैं कि जब कोई समस्या ही नहीं लेकर आएगा तो निदान की तो आवश्यकता ही नहीं है।
विशेष कर अजमेर दक्षिण के विधायक को यह मुद्दा भवन की भूमि पूजन के समय से ही उठा देना चाहिए थाएजो नहीं उठाया गया।
मेरा ऐसा मानना है कि इस भवन को अन्य किसी कार्य में लेते हुए आजाद पार्क जहां स्मार्ट सिटी के तहत फालतू में कंक्रीट की जंगल उगा दीया गया हैएउस स्थान पर अगर अजमेर नगर निगम का कार्यालय बन जाता तो वह लगभग शहर के मध्य में होता वह सभी उससे लाभान्वित होते ।
लेकिन नक्कार खाने में जो कुछ लोगों ने विरोध किया था वह आवाज तूती की आवाज बनकर रह गई घ्
इसलिए इस पूरे प्रकरण की जांच कर करके सरकार को भ्रमित कर बनाई गई 18 करोड़ की लागत की इस बिल्डिंग का पैसा इसके स्वीकृति से लेकर निर्माण पूर्ण होने तक जो भी अधिकारी रहे उनसे वसूला जाए।
प्रताप यादव ने कहा वर्तमान में भूतपूर्व पार्षदों के साथ.साथ भविष्य में पार्षद बनने का सपना देखने वाले सभी जनप्रतिनिधियों को इस जनहित के मुद्दे को उचित स्थान पर उठाना चाहिए।

प्रताप सिंह यादव

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