बिजली और पेयजल संकट को लेकर होगा धरना प्रदर्शन
बाड़मेर / 31 मई, 2025 / बाड़मेर शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही अघोषित बिजली कटौती, गंभीर पेयजल संकट तथा प्रशासन एवं संबंधित अधिकारियों की घोर लापरवाही के विरुद्ध बाड़मेर विकास संघर्ष समिति के तत्वावधान में 2 जून (सोमवार) को प्रातः 10 बजे से कलेक्ट्रेट परिसर के सामने धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं युवा नेता आज़ाद सिंह राठौड़ ने बताया कि बाड़मेर जिला इन दिनों बिजली और पानी की समस्याओं से जूझ रहा है। शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र, हर जगह जनता परेशान है, किंतु प्रशासन एवं विभागीय अधिकारी आँखें मूँदे बैठे हैं। जनता की पीड़ा और जनहित के इन मुद्दों पर बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गई है। प्रशासन की निरंकुशता व हठधर्मिता के चलते क्षेत्रवासियों ने अब धरना-प्रदर्शन का रुख किया है।
उन्होंने बिजली क्षेत्र में मांग की है कि आरडीएसएस की योजना का तकनीकी, भौतिक सत्यापन किया जाएं और जो काम अधूरे पड़े हैं उनका पूरा विवरण जारी हो व शेष बचे काम कब तक पूरे होंगे उनसे किन-किन गांव में क्या-क्या लाभ मिलेगा, यह सार्वजनिक किया जाए। ट्रांसफार्मर की क्षमता के अनुसार वितरण प्रणाली का पुनर्मूल्यांकन किया जाए और जहां ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है उसके नए प्रस्ताव 6 महीने में मंजूर किया जाए। सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स के लिए रेगिस्तानी जिलों की भूमि उपयोग में ली जा रही है और यहां से उत्पन्न बिजली दूसरे राज्यों में भेजी जा रही है। जिस क्षेत्र में सौर ऊर्जा के प्लांट लगे हैं वहां खपत पूरी होने के बाद ही बिजली बाहर भेजी जाएं। लंबे पावर कट पर रोक लगनी चाहिए और एफआरटी कांट्रैक्ट में घपले की जांच की जाएं।
पेयजल आपूर्ति के लिए राठौड़ ने मांग की है कि जल जीवन मिशन के सभी कार्यों की भौतिक, वित्तीय और तकनीकी ऑडिट कराई जाए जो 3 महीने में पूरी हो। आज की स्थिति में कितने घरेलू कनेक्शन है जिनमें पानी नहीं आता बताया जाएं। ऑडिट में यह भी शामिल हो कि पानी की टंकियों और घरेलू कनेक्शन के पाइपों की गुणवत्ता मापदंडों के अनुसार है या नहीं। शहरी और ग्रामीण नल कनेक्शनों से पूर्व प्रेशर कंटूर डायग्राम बनाए जाएं जिससे कि कम प्रेशर वाले क्षेत्रों में योजनाएं बनाई जा सके।
बाड़मेर विकास संघर्ष समिति के संयोजक मुलतान सिंह महाबार ने कहा कि लगातार हो रही बिजली कटौती के चलते आमजन भीषण गर्मी में त्रस्त है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की विकराल समस्या है, यहाँ तक कि मवेशियों की प्यास से मृत्यु तक हो रही है। उन्होंने बताया कि इस जन आंदोलन को ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों से भरपूर समर्थन मिल रहा है। हमारा उद्देश्य है कि बाड़मेर की इन मूलभूत समस्याओं का स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए।