जयपुर । पारीक महिला परिषद के सदस्यों द्वारा पुण्यश्लोका लोकमाता देवी अहिल्या बाई होलकर का त्रिशताब्दी जयंती समारोह धूमधाम से मनाया गया। पारीक महिला परिषद की संस्थापिका तथा कार्यक्रम की संयोजिका कृष्णा पारीक ने लोकमाता की जयंती उत्सव पर सभी अतिथियों का स्वागत किया।
शिक्षाविद डॉ. नेहा पारीक ने बताया कि अहिल्याबाई होलकर ने भारतभर के दर्जनों तीर्थस्थलों पर शिव मंदिरों, घाटों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया । वह महान राजमाता जिन्होंने न केवल शासन व्यवस्था में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया, बल्कि पूरे भारतवर्ष में सनातन संस्कृति के संरक्षण में अमूल्य योगदान दिया। रानी अहिल्याबाई को विशेष रूप से एक ऐसी शिव भक्त के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों में फैले प्राचीन शिव मंदिरों का जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण कराया । अहिल्याबाई होलकर को लोग लोकमाता कहकर संबोधित करते थे । सन 1725 में 31 मई के दिन महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के जामखेड कस्बे के ग्राम चांडी में अहिल्याबाई होलकर का जन्म हुआ था ।उन्होने बताया कि पारीक महिला परिषद द्वारा हर वर्ष 31 मई को देवी अहिल्या की जयंती मनाई जाएगी।
मुख्य अतिथि न्यायाधीश इंदु पारीक, अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत जयपुर , कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ सुषमा सिंघवी, पूर्व अध्यक्ष संस्कृत अकादमी , विशिष्ट अतिथि पूनम शर्मा, पार्षद चेयरमैन उद्यान एवम पर्यावरण, मुख्य वक्ता, डॉ ज्योति जोशी तथा पैनल डिस्कशन में प्रबुद्ध वक्ताओं में शिक्षाविद डॉ. नेहा, डॉ. पूजा पारीक, ज्ञानवती सक्सेना, डॉ. कमलेश पारीक, प्रगति दीक्षित ने अपने विचार व्यक्त किए। पैनल की मध्यस्थता प्रसंग चैरिटेबल की संस्थापिका रेणु वशिष्ठ द्वारा की गई।
विचारों का प्रवाह अभिप्रेरित करने वाला था, उपस्थित श्रोता गण अपनी शक्ति को संगठित कर राष्ट्र प्रेम से ओत प्रोत दिखाई दिए ।अंत में पारीक महिला परिषद की आशा पारीक ने सभी का धन्यवाद किया। मंच संचालन ज्योति पुरोहित ने किया। कार्यक्रम में परिषद के सदस्य एवं कई गणमान्य लोगों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को सफल बनाया।