बाड़मेर में बिजली व पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करे प्रशासन: राठौड़

बाड़मेर में लगातार हो रही अघोषित बिजली कटौती और पेयजल संकट को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर के सामने सैकड़ों स्थानीय निवासियों ने प्रदर्शन में भाग लिया। यह धरना बाड़मेर आजाद सिंह राठौड़ के नेतृत्व में बाड़मेर विकास संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित हुआ, जिसमें जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए सैकड़ों लोग शामिल हुए।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे आज़ाद सिंह राठौड़ ने कहा कि जिले में बिजली और पानी की गंभीर समस्या से आमजन त्रस्त है। भीषण गर्मी में लोग रोजाना परेशान हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। उन्होंने बताया कि हमने जिला कलेक्टर को एक सुझाव पत्र सौंपा है, जिसमें समस्याओं के समाधान के लिए 20 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है। राठौड़ ने कहा कि यदि प्रशासन निर्धारित समयावधि में ठोस कार्रवाई नहीं करता है, तो संघर्ष समिति आगे बड़ा आंदोलन करेगी।

सुझाव पत्र में जल जीवन मिशन के सभी कार्यों की भौतिक, वित्तीय और तकनीकी ऑडिट, इसमें प्रयुक्त पाइपों की गुणवत्ता मापदंडों का ब्यौरा, आवश्यक संविदाकर्मियों की स्वीकृति तथा पुरानी पाइपलाइन्स विशेषकर पीवीसी/सीमेंट को हटाकर उनका पूर्णतया एचडीपी पाइप लगाने के सुझाव शामिल थे। वहीं बिजली क्षेत्र में आरडीएसएस योजना का तकनीकी व भौतिक सत्यापन, जिले में ट्रांसफार्मर की क्षमता अनुसार नए प्रस्ताव भिजवाने, एफआरटी कांट्रैक्ट में घपले की जांच, नए जीएसएस स्वीकृत करवाये व पुराने स्वीकृत कार्य अतिशीघ्र पूर्ण करवाने तथा नहरी पानी आने से पूर्व बाड़मेर के नागाणा, कुडला, भाड़खा आदि गांवों में जलापूर्ति के लिए जो क्षेत्रीय जल योजनाएं थी, उन्हें मरम्मत कर सही तरीके से इस्तेमाल किए जाने के सुझाव शामिल थे।

राठौड़ ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले भाजपा ने बाड़मेर को विकास के बड़े सपने दिखाए थे, लेकिन आज हालात किसी से छिपे नहीं। शहरी ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल की भारी किल्लत है। महिलाएं और बच्चे दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर हैं, मवेशी त्राहिमाम है। बिजली की कटौती ने भीषण गर्मी में सभी के लिए परेशानियां बढ़ा दी हैं। यह आंदोलन पूरी तरह से लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण है। आगे भी जब-जब आवश्यकता होगी, संगठित होकर बाड़मेर की आवाज बुलंद करेंगे। धरना प्रदर्शन में कई जनप्रतिनिधि, कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारी, पूर्व प्रधान, कई गांवों के सरपंच और स्थानीय लोग शामिल हुए, सभी ने एक स्वर में अतिशीघ्र समस्याओं के समाधान की मांग रखी है

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