आतंकवाद से जूझ रहे जम्मू- कश्मीर के इतिहास में एक और नया इतिहास जुड़ गया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज छ जून को दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज चिनाब नदी और  अंजी ब्रिज को देश की जनता को समर्पित किया है , उन दोनों ही जगहों पर मुझे भी पौने दो महीने पहले ही तेरह अप्रैल 2025 को दौरा करने का मौक़ा मिला था । यह मौका भारतीय रेल ने दिया था । ये दोनों ही ब्रिज जम्मू के रियासी जिले में है। चिनाब ब्रिज 359 मीटर ऊँचा है । इसकी ऊँचाई एफ़िल टॉवर की ऊँचाई से भी ज्यादा है । यह बक्कल और कन्थल रेलवे स्टेशनों के बीच है और 272 किलोमीटर लम्बी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है ।यह अभी कटरा से संगलदान तक बिछाई नई रेल लाइन पर स्थित है ।इस ब्रिज पर आज से पहाड़ों के बीच वंदे भारत ट्रेन भी दौड़ेना शुरु हो गई ।इसके साथ ही क़रीब तीन दशक से आतंकवाद से जूझ रहे जम्मू- कश्मीर के इतिहास में एक और नया इतिहास जुड़ गया। यहां के लोगों का दावा है कि 272 किलोमीटर लम्बी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना जम्मू-कश्मीर के लिए केवल एक इंफ्रास्ट्क्चर प्रोजेक्ट नहीं बल्कि इस क्षेत्र के लिए एक नई सुबह की उम्मीद है। यह परियोजना न केवल कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से भौगोलिक रुप से जोडेगी, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक स्तर पर भी एक पुल बनाएगी। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, सुरक्षा और सामाजिक समावेशन के क्षेत्र में यह रेल मार्ग एक लाइफलाइन साबित होगा। रेलवे के अफसरों का तो यहां तक कहना है कि इस मार्ग पर रेलगाडी सिर्फ पटरियों पर नहीं दौडेगी, बल्कि वह कष्मीर की तरक्की, विष्वास और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढते कदमों की प्रतीक होगी। रेलवे की पटरी पर कष्मीर का सपना दौडेगा और यहां की पहाडियों में विकास की रेल दौडेगी। पहाडों के पार, कश्मीर तक रेल का सफर होगा। यानी कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक से कश्मीर में नए युग का आगाज होगा।
कोंकण रेलवे द्वारा निर्मित अंजी खाद पुल भारत का पहला केवल स्टैंड रेलवे पुल है, चिनाब की सहायक नदी अंजी पर 473 मीटर तक फैला है ।वाक़ई में चिनाब ब्रिज दुनिया के आठवें अज़ूबे से कम नहीं है ।
लल्लू लाल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

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