दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं को लेकर अजमेर डेयरी सदर चौधरी ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

अजमेर, 10 जून 2025 / राजस्थान में दुग्ध उत्पादकों की बढ़ती समस्याओं को लेकर अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने आज अजमेर सर्किट हाउस में प्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री हरीभाऊ किशनराव बागड़े को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रदेशभर के दुग्ध उत्पादकों और जिला संघों से जुड़ी तीन प्रमुख समस्याओं को तत्काल सुलझाने की माँग की गई है। अजमेर डेयरी सदर रामचन्द्र चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना की लगभग रू. 250 करोड़ की राशि बीते 5 महीनों से बकाया है। उन्होंने कहा कि अमूल, पायस, लोटस, और अन्य निजी डेयरियों के बढ़ते प्रभाव के बीच सहकारी डेयरियों को प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए यह भुगतान अत्यत आवश्यक है। भुगतान में देरी के कारण दुग्ध संकलन प्रभावित हो रहा है और राजस्थान, जो देश में दुग्ध संकलन में पहले स्थान पर था, अब दूसरे स्थान पर पहुंच चुका है। यदि यही स्थिति रही तो जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंच सकता है।
ज्ञापन में दूसरा बड़ा मुद्दा पन्नाधाय बाल गोपाल योजना (मिड-डे-मील) एवं अमृत आहार योजना से जुड़ा है। चौधरी ने बताया कि प्रदेश के सभी विद्यालयों में पाउच दूध की आपूर्ति की गई, जिसकी लगभग रू. 350 करोड़ की राशि 6-7 महीनों से लंबित है। इस भुगतान में देरी के चलते जिला संघों को एचडीएफसी बैंक से कार्यशील पूंजी ब्याज पर उधार लेनी पड़ी, जिससे उन पर दोहरा आर्थिक बोझ पड़ गया है।
तीसरा मुद्दा राज्य के दुग्ध संघों और आरसीडीएफ में लगभग 2500 रिक्त पदों का है। उन्होंने बताया कि तकनीकी स्टाफ की भारी कमी के कारण संस्थाओं के संचालन में बाधा आ रही है। ये पद पिछले 30 वर्षों से रिक्त हैं। श्री चौधरी ने मांग की कि इन पदों को शीघ्र भरा जाए ताकि संचालन फिर से सुचारू हो सके।
राज्यपाल श्री हरीभाऊ बागड़े ने संवेदनशीलता के साथ ज्ञापन को पढ़ते हुए आश्वस्त किया कि दुग्ध उत्पादकों की इन ज्वलंत समास्याओं को राज्य सरकार एवं संबंधित विभागों के समक्ष गंभीरता से बात करूंगा। उन्होंने कहा कि पशुपालकों की आजीविका और सहकारी व्यवस्था की मजबूती सर्वोपरि है, और वे स्वयं इस विषय पर कार्यवाही सुनिश्चित करवाएंगे।
अंत में अजमेर डेयरी सदर रामचन्द्र चौधरी ने राज्यपाल से अपील की कि वे राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश जारी करें ताकि दुग्ध उत्पादकों की आर्थिक सुरक्षा, संस्थागत संचालन की निरंतरता और सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके। साथ ही राज्यपाल महोदय से निवेदन किया कि वह अजमेर डेयरी के अवलोकन हेतु पधारे। इस अवसर पर प्रदेश के दुग्ध उत्पादको का हम विशाल सम्मेलन आयोजित करेंगे। अजमेर डेयरी ने इस वर्ष 7 करोड़ के लाभांश में रही है परन्तु डेप्रिसिएशन हानि (मूल्यह्रास) अभी बाकी है। उन्होंने यह बात सुनकर प्रसन्नता जाहिर की है।

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