दिल्ली, जून 2025 : टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने आज बेंगलुरु स्थित ओहमियम इंटरनेशनल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर दस्तखत किये। इसकेजरिये कंपनी ने कार्बन तटस्थता और स्वच्छ ऊर्जा नवाचार के प्रति अपनी कटिबद्धता को मजबूत किया है जो भारत में ग्रीन हाइड्रोजन -आधारित एकीकृत ऊर्जासमाधानों के सह-विकास के लिए है। इसके तहत एक अग्रणी पीईएम, ओहमियम इंटरनेशनल के साथ हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी प्रदाता के साथ समझौता ज्ञापनकिया गया है। इस रणनीतिक करार में टोयोटा की फुएल सेल टेक्नालॉजी और भविष्य के स्वच्छ ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन को आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है। यहगतिशील और स्थिर अनुप्रयोगों में एक मजबूत हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कंपनी के अथक प्रयासों पर प्रकाश डालता है ।
भारत ने 2047 तक ऊर्जा के मामले में स्वतंत्र होने और 2070 तक शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इन लक्ष्यों को पूरा करने केलिए, सभी आर्थिक क्षेत्रों में अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाना देश में ऊर्जा परिवर्तन का केंद्र बिंदु है। ग्रीन हाइड्रोजन इस बदलाव का समर्थन करने के लिए एकआशाजनक विकल्प के रूप में उभर रहा है। यह लंबी अवधि तक अक्षय ऊर्जा भंडारण, उद्योग में जीवाश्म ईंधन के प्रतिस्थापन, खासकर उन क्षेत्रों के लिए जोउपयोग कम करने के लिहाज से मुश्किल हैं, स्वच्छ परिवहन और विकेन्द्रीकृत बिजली उत्पादन की क्षमता प्रदान करता है। इस नजरिये के अनुरूप, भारत सरकार ने2023 में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया, जिसका उद्देश्य स्थानीय निवेश और आत्मनिर्भरता के लिए अनुसंधान एवं विकास द्वारा समर्थित एक मजबूतहाइड्रोजन अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इस नजरिये से तालमेल करते हुए टीकेएम अपने वैश्विक, टोयोटा की पर्यावरण चुनौती 2050 द्वारा निर्देशित स्वच्छऊर्जा प्रयासों को आगे बढ़ाने में अग्रणी रहा है। यह समझौता ज्ञापन भारत के ऊर्जा परिवर्तन रोडमैप के समर्थन में हाइड्रोजन की पूरी क्षमता को हासिल करने कीदिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है ।
गतिशीलता से परे: हरित ऊर्जा–संचालित नवाचार को दक्षता के साथ एकीकृत करना
इस सहयोग का उद्देश्य दोनों पक्षों की पूरक क्षमताओं का लाभ उठाना है – एक पीईएम हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी कंपनी, ओहमियम ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिएमॉड्यूलर, किफायती और स्केलेबल (जरूरत के अनुसार बड़ा या छोटा किये जाने योग्य) पीईएम इलेक्ट्रोलाइज़र में विशेषज्ञता रखती है और ईंधन-सेल प्रौद्योगिकीमें अग्रणी, टोयोटा विभिन्न हाइड्रोजन अनुप्रयोगों में स्थिरता के लिये प्रयास करती है। दोनों पक्ष मिलकर माइक्रोग्रिड जैसे एकीकृत, हरित हाइड्रोजन चालित ऊर्जासमाधानों की व्यवहार्यता का आकलन करेंगे। इनका इस्तेमाल डेटा सेंटर, पर्यावरणीय प्रतिबंधों के प्रति संवेदनशील दूर-दराज के स्थानों आदि जैसे विविध उपयोगमें किया जा सकता है, जिससे भारत के राष्ट्रीय ऊर्जा पारगमन लक्ष्यों को समर्थन मिलेगा।
इस पहल के भाग के रूप में, टीकेएम तकनीकी विशेषज्ञता, सिस्टम एकीकरण सहायता प्रदान करेगा और फुएल सेल मॉड्यूल की आपूर्ति करेगा। ओहमियममाइक्रोग्रिड समाधान प्रोटोटाइप के डिजाइन, विकास और प्रदर्शन मूल्यांकन का नेतृत्व करेगा। संयुक्त प्रयास स्वच्छ ऊर्जा समाधान विकसित करने का प्रयास करताहै जो कुशल, व्यवहार्य और स्केलेबल है, जिससे यह भारत के उभरते ऊर्जा परिदृश्य के लिए उपयुक्त है।
भविष्य के लिए निर्माण – भारत में टोयोटा की हाइड्रोजन यात्रा
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर भारत की हाइड्रोजन यात्रा को आगे बढ़ाने में अग्रणी रही है – शुरुआती मोबिलिटी पायलट परियोजनाओं से लेकर विभिन्न स्वच्छ ऊर्जासमाधानों तक लगातार आगे बढ़ रही है। वैश्विक स्तर पर मशहूर अपने हाइड्रोजन-आधारित फुएल सेल इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी) को देश में लाने वाली पहलीकंपनी के रूप में , टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने 2022 में एक सरकारी ऑटोमोटिव परीक्षण एजेंसी, आईकैट (iCAT – इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिवटेक्नोलॉजी) के सहयोग से टोयोटा मिराई प्रदर्शन परियोजना शुरू की। यह ऐतिहासिक पहल न सिर्फ एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन है बल्कि वास्तविक दुनिया के प्रदर्शनका मूल्यांकन करके, सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाकर और व्यवहार्य हाइड्रोजन अनुप्रयोगों के लिए मूल्यवान डेटा तैयार करके हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र बनाने कीदिशा में एक समर्थन के रूप में काम करती है। अपने प्रयासों को जारी रखते हुए, टीकेएम ने केरल सरकार के साथ मिलकर एफसीईवी व्यवहार्यता का अध्ययन भीकिया है, जो पूरे भारत में हाइड्रोजन-आधारित पायलट पहलों के लिए अपने समर्पण को मजबूत करता है ।
इसे आगे बढ़ाते हुए, टीकेएम ने 2023 की शुरुआत में, अशोक लीलैंड को फ्यूल सेल मॉड्यूल (एफसीएम) की आपूर्ति करने के लिए एक समझौता किया। यहहाइड्रोजन से चलने वाले वाणिज्यिक वाहनों के प्रोटोटाइप तैयार करने में सहायता करने के लिए था। ये पहल बताती है कि टोयोटा का इरादा हाइड्रोजन प्रौद्योगिकीके अनुप्रयोग यात्री गतिशीलता से परे विस्तार करने का है। इस तरह यह देश की स्वच्छ ऊर्जा के प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक के रूप में अपनी भूमिका कोमजबूत करती हैं।
ओहमियम के साथ टीकेएम का नया करार इसकी यात्रा में एक रणनीतिक कदम है – गतिशीलता से हाइड्रोजन-आधारित बिजली उत्पादन और इसके पारिस्थितिकीतंत्र के विकास पर फोकस बढ़ाना। उच्च क्षमता वाली भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ इस तरह की संयुक्त पहल को बढ़ावा देकर, टीकेएम सक्रिय रूप से’मेक इन इंडिया’ की भावना को आगे बढ़ा रहा है – वैश्विक ज्ञान को स्थानीय रूप से प्रासंगिक, पर्यावरण के अनुकूल समाधानों में बदल रहा है जो देश की ऊर्जाजरूरतों के अनुरूप हैं।
ये क्रमिक पहल – मिराई एफसीईवी पायलट से लेकर एफसीएम मॉड्यूल आपूर्ति और अब यह स्वच्छ ऊर्जा सहयोग – भारत में हाइड्रोजन आधारित समाज केनिर्माण के लिए टीकेएम की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। एक ऐसा समाज जो हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण, वितरण और व्यापक अंतिम उपयोग कोसहजता से एकीकृत करता है, साथ ही भारत की अक्षय ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं के साथ भी तालमेल में है। इसके मूल में, जो नजरिया है वह नवाचार, सह-निर्माणऔर स्थानीयकरण के माध्यम से भविष्य के निर्माण का है।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए माननीय केंद्रीय मंत्री, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय – भारत सरकार, श्री नितिन गडकरी ने कहा, एकस्वच्छ और अक्षय ऊर्जा स्रोत के रूप में हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जाता है – जो आत्मनिर्भर और कार्बन–तटस्थ भारत के निर्माण की कुंजी है। इस दिशामें, भारत सरकार ऊर्जा और परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचारों को बढ़ावा देते हुए कई प्रगतिशील पहल करती रही है। विशेष रूप से, कई अग्रणी उद्योग, स्टार्ट–अप और शोधकर्ता हाइड्रोजन क्षेत्र में नए अवसरों को खोल रहे हैं, जिसका लक्ष्य कई क्षेत्रों में स्थिरता को बढ़ावा देना है। हाइड्रोजन की पूरी क्षमता का दोहनकरने के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाना राष्ट्र के लिए स्वच्छ, किफ़ायती और स्रोत ऊर्जा भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होगा।
यह देखना विशेष रूप से उत्साहजनक है कि कॉर्पोरेट और प्रौद्योगिकी अग्रणी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और हरित, अधिक टिकाऊ कल के दृष्टिकोण के साथ संरेखितस्केलेबल, स्वदेशी हाइड्रोजन समाधानों के विकास में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। मैं टोयोटा और ओहमियम की सराहना करता हूँ कि उन्होंने ‘ आत्मनिर्भर भारतअभियान‘ के साथ तालमेल बैठाते हुए उन्नत हाइड्रोजन–संचालित क्षमताओं के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों के साथ मजबूत प्रयास किए हैं ।
एमओयू एक्सचेंज के दौरान उपस्थित, माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री, नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय – भारत सरकार, श्री श्रीपद येसो नाइक ने कहा, “भारत केनिम्न कार्बन वाली अर्थव्यवस्था में पारगमन के लिए देश में विकसित ऐसे समाधानों को बढ़ावा देने वाली पहल जरूरी हैं जो स्केलेबल हैं। ऐसी पहल होनी चाहियेजो इन्हें बढ़ाते हैं और बढ़ावा देते हैं। इस संबंध में, विविध क्षेत्रीय उद्योग 2030 तक आत्मनिर्भर हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लक्ष्य को साकारकरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनकी नवीन क्षमताएं और स्थानीयकृत समाधान भारत के ऊर्जा संक्रमण की रीढ़ बनेंगे। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन भारतको स्वच्छ ऊर्जा नवाचार और इसकी तैनाती में वैश्विक स्तर पर अग्रणी के रूप में देखता है। इस दृष्टि को प्राप्त करने के लिए, हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला में घरेलूक्षमताओं को मजबूत करना अनिवार्य है। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और ओहमियम के बीच इस तरह के रणनीतिक सहयोग में हाइड्रोजन–संचालित हरित ऊर्जाभविष्य की दिशा में प्रगति को महत्वपूर्ण रूप से तेज करने की क्षमता है।
टीकेएम और ओहमियम के बीच समझौता ज्ञापन पर टिप्पणी करते हुए, दिल्ली सरकार के उद्योग, खाद्य एवं आपूर्ति, पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री, श्रीमनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “भारत पर्यावरण नेतृत्व में लगातार मजबूत कदम उठा रहा है, ऐसे में इस तरह की पहल जमीनी स्तर पर निरंतर चलते रहने वालेपरिवर्तन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। ग्रीन हाइड्रोजन वायु प्रदूषण को कम करने, औद्योगिक डीकार्बोनाइजेशन को बढ़ावा देने और स्वच्छ, भविष्य के लिए तैयार पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को सक्षम करने के लिए एक आशाजनक समाधान प्रस्तुत करता है। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और ओहमियम केबीच सहयोग एक महत्वपूर्ण कदम है – जो वैश्विक नवाचार और स्थानीय विशेषज्ञता को मिलाकर स्केलेबल, ग्रीन एनर्जी समाधान तैयार करने के लिये है। इस तरहकी साझेदारियां निरंतर काम करने वाले औद्योगिक क्षेत्रों और प्रदूषण मुक्त समाज के निर्माण के लिए आवश्यक हैं, जो एक हरित, स्वस्थ भारत के लिए हमारेदृष्टिकोण के अनुरूप है।“
अपने विचार साझा करते हुए, ओहमियम बोर्ड के चेयरमैन श्री अहमद चतिला ने कहा, “हमारे लिये यह गर्व की बात है कि हमें टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के साथमिलकर काम करने का सौभाग्य मिला है। इसके तहत हम स्थानीय रूप से निर्मित अपनी इलेक्ट्रोलाइज़र तकनीक को उनके उन्नत ईंधन सेल सिस्टम के साथएकीकृत कर सकेंगे। यह सहयोग भारत के हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था लक्ष्यों का समर्थन करता है और स्वच्छ हवा, बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा लचीले, सुरक्षितबुनियादी ढांचे के साथ हरित भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।“
इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की वाइस चेयरपर्सन सुश्री मानसी टाटा ने कहा, “टोयोटा में कार्बन–तटस्थ भविष्य के लिएहमारी प्रतिबद्धता स्वच्छ गतिशीलता से आगे तक है। ग्रीन हाइड्रोजन इस दृष्टि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है – न केवल परिवहन के लिए बल्कि इसके उत्पादन, वितरण और विविध अंतिम–उपयोग अनुप्रयोगों के लिए भी। ओहमियम जैसी एक अभिनव पीईएम प्रौद्योगिकी कंपनी के साथ इस सहयोग के माध्यम से , हम नकेवल हाइड्रोजन अनुप्रयोगों को आगे बढ़ा रहे हैं , बल्कि देश की ‘मेक इन इंडिया‘ पहल के लिए अपने समर्थन को भी मजबूत कर रहे हैं। स्थानीय रूप से प्रासंगिकहाइड्रोजन समाधानों का सह–विकास करके, हमारा लक्ष्य भारत के ऊर्जा परिवर्तन को सशक्त बनाना और हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र में सार्थक योगदान देना है।“
अपने विचार व्यक्त करते हुए, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) के ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के कॉर्पोरेट प्लानिंग के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री स्वप्नेश आरमारू ने कहा, “भारत अपनी स्वच्छ ऊर्जा यात्रा में एक परिवर्तनकारी मोड़ पर है, जिसमें ऊर्जा स्वतंत्रता और दीर्घकालिक स्थिरता प्राप्त करने का स्पष्ट नजरिया है।टीकेएम में, हम एक बहु–मार्ग दृष्टिकोण अपनाकर इस भविष्य में सार्थक रूप से योगदान करने में प्रसन्न हैं। यह हमें अपने पर्यावरण प्रयासों में विविधता लाने औरअपने राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुरूप कार्बन तटस्थता प्राप्त करने की दिशा में गति और पैमाने पर आगे बढ़ने की अनुमति देता है। इस दिशा में, ओहमियम के साथ हमारासहयोग ‘मोबिलिटी से परे‘ जाता है – यह एक हाइड्रोजन–संचालित भारत के निर्माण में योगदान करने की साझा प्रतिबद्धता है जो आत्मनिर्भर, लचीला, समावेशीऔर भविष्य के लिए तैयार है। ग्रह के प्रति हमारे गहरे सम्मान से प्रेरित होकर, हम हाइड्रोजन को न केवल ईंधन के रूप में देखते हैं, बल्कि गतिशीलता, ऊर्जा औरउद्योग क्षेत्रों में स्थिरता लाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में देखते हैं। भारत–केंद्रित नवाचार के साथ वैश्विक विशेषज्ञता को एकीकृत करके, हमें पर्यावरण के अनुकूलसमाधान देने और मिलकर खुशहाल रास्तों को बढ़ावा देने पर गर्व है। “
वैकल्पिक ऊर्जा समाधानों के माध्यम से राष्ट्र की ‘ऊर्जा आत्मनिर्भरता‘ में योगदान को मजबूत करना
इसके अलावा, अगस्त 2023 में, टीकेएम ने दुनिया के पहले बीएस 6 (स्टेज II) इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फुएल व्हीकल प्रोटोटाइप के अनावरण के साथ टिकाऊनवाचार के लिए अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया, जिसे मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक पावरट्रेन के संयोजन में उच्च इथेनॉल-मिश्रण क्षमता वाले इनोवा हाइक्रॉसप्लेटफॉर्म पर बनाया गया है, जिससे बढ़ी हुई ईंधन दक्षता हासिल होती है और कम कार्बन उत्सर्जन होता है। डीकार्बोनाइजेशन के लिए यह टोयोटा के बहु-मार्गदृष्टिकोण में एक और मील का पत्थर है।
एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट इकाई के रूप में, टीकेएम अपने प्रयासों को आगे बढ़ाता रहेगा तथा एक सच्ची मोबिलिटी कंपनी बनने की अपनी यात्रा में स्थायी तकनीकीप्रगति को बढ़ावा देने और प्रसारित करके प्रगतिशील नवाचारों में योगदान देता रहेगा।