आईआईएम संबलपुर ने एमबीए बिज़नेस एनालिटिक्स के पहले और 11वें एमबीए बैच का किया स्वागत

बैच में पूर्व कार्यानुभव वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि
“हमारा उद्देश्य संबलपुर को भारत का पहला सस्टेनेबल सिटी बनाना” – प्रो. महादेव जायसवाल, डायरेक्टर, आईआईएम संबलपुर

संबलपुर, 03 जुलाई, 2025: देश के सबसे प्रगतिशील और तेजी से उभरते भारतीय प्रबंधन संस्थानों में से एक, आईआईएम संबलपुर, जो अपनी उत्कृष्टता और विविधता के लिए जाना जाता है, ने शैक्षणिक उत्कृष्टता की परंपरा को बनाए रखते हुए 2025–2027 के लिए प्रवेश सत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। इस वर्ष आईआईएम संबलपुर ने इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले छात्रों की संख्या में 5% की हल्की वृद्धि दर्ज की है, जो संस्थान के नवप्रारंभित एमबीए इन बिज़नेस एनालिटिक्स (एमबीए-बीए) प्रोग्राम और फ्लैगशिप एमबीए प्रोग्राम के 11वें बैच – दोनों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।
आईआईएम संबलपुर के मूल मूल्यों – इंक्लूसिविटी, इंटेग्रिटी और इनोवेशन – के अनुरूप, इस वर्ष के एमबीए बैच में तीन ऐसे छात्र भी शामिल हैं, जो शारीरिक और गतिशीलता से जुड़ी चुनौतियों का सामना करते हैं।
कुल 363 छात्रों में से 186 छात्रों (51.24%) के पास इंजीनियरिंग डिग्री है, जबकि 48.76% छात्र गैर-इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से आते हैं। एमबीए-बीए प्रोग्राम में इंजीनियरिंग छात्रों की हिस्सेदारी 61.70% है, जबकि फ्लैगशिप एमबीए प्रोग्राम में यह आंकड़ा लगभग बराबर है – 49.68% इंजीनियरिंग और 50.32% गैर-इंजीनियरिंग छात्र।
एमबीए-बीए कोहोर्ट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके 100% छात्रों के पास पूर्व कार्यानुभव है, जिससे प्रोग्राम की व्यावहारिक प्रासंगिकता और उद्योग के अनुकूलता में इज़ाफा हुआ है। इस अकादमिक विविधता के साथ-साथ जेंडर बैलेंस भी उल्लेखनीय रहा – कुल बैच में 33% महिला और 67% पुरुष छात्र हैं। फ्लैगशिप एमबीए प्रोग्राम में 38% महिलाएं और 62% पुरुष हैं, जबकि एमबीए-बीए में 5% महिलाएं और 95% पुरुष छात्र हैं।
डिसिप्लिनरी विविधता की बात करें तो इंजीनियरिंग से आगे बढ़ते हुए लगभग 20% छात्र कॉमर्स और अकाउंटेंसी, 9% छात्र विज्ञान, 8% मैनेजमेंट से संबंधित कोर्स, और 4% आर्ट्स से हैं। इसके अतिरिक्त, बैच में ऐसे छात्र भी हैं जिनके पास एग्रीकल्चर, हॉर्टीकल्चर, फार्मेसी, लॉ, जर्नलिज्म, फैशन टेक्नोलॉजी, डेंटिस्ट्री, होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट और शिपिंग जैसे विशेषीकृत क्षेत्रों की डिग्रियां हैं।
पूरे बैच में से 75% छात्रों के पास पूर्व कार्यानुभव है। एमबीए प्रोग्राम में यह आंकड़ा 72% है, जबकि एमबीए-बीए में सभी छात्रों को कम से कम एक वर्ष का इंडस्ट्री एक्सपोज़र है। एमबीए बैच में 4% छात्र एक वर्ष से कम अनुभव के साथ, 19% छात्र एक से दो वर्ष, 43% छात्र दो से तीन वर्ष, और 6% छात्र तीन वर्ष से अधिक के कार्यानुभव के साथ शामिल हुए हैं। वहीं, एमबीए-बीए में 49% छात्र एक से दो वर्ष, 36% छात्र दो से तीन वर्ष और 15% छात्र तीन से चार वर्ष के अनुभव के साथ हैं।
सेक्टोरल डाइवर्सिटी भी विशेष उल्लेखनीय है – जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल रोल्स, बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज, कंसल्टिंग, रिटेल और एफएमसीजी, एजुकेशन और एडटेक, फार्मास्युटिकल्स एंड हेल्थकेयर, सेल्स एंड मार्केटिंग, ई-कॉमर्स, लीगल सर्विसेज, टेलीकॉम और कई अन्य विशेष क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व शामिल हैं।
भौगोलिक दृष्टिकोण से, यह बैच भारत के लगभग सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आया है, जिनमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भी शामिल हैं। राज्यवार देखा जाए तो महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से क्रमशः 13% और 12% छात्र हैं, उसके बाद मध्य प्रदेश, ओडिशा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, राजस्थान, झारखंड, बिहार, तमिलनाडु, केरल और गुजरात का स्थान आता है।
उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही – वी. श्रीनिवास, आईएएस, सचिव, डीएआरपीजी, भारत सरकार मुख्य अतिथि के रूप में; राजीव कुमार, सीईओ, वेदांता एल्युमिनियम विशिष्ट अतिथि के रूप में; और समीर कुमार, कंट्री मैनेजर, अमेज़न इंडिया कीनोट स्पीकर के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही डायरेक्टर प्रो. महादेव जायसवाल, फैकल्टी सदस्य और छात्रगण भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
अपने स्वागत भाषण में प्रो. महादेव जायसवाल ने कहा, “भारत का 10वीं से 4वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे साहसिक सुधारों का परिणाम है। अब समय है एक और पहल जोड़ने का – ‘ब्रांड इन इंडिया’। आईआईएम संबलपुर में हमारा उद्देश्य है संबलपुर को भारत का पहला सस्टेनेबल सिटी बनाना, जिसके लिए हमें सरकार का सहयोग चाहिए।”
उन्होंने कहा, “हम ऐसे लीडर्स तैयार कर रहे हैं जो जॉब-सीकर्स नहीं बल्कि जॉब-क्रिएटर्स हैं। हमने जेंडर पैरिटी, मास्टर वीवर प्रोग्राम के ज़रिए परंपरागत बुनकरों को सशक्त बनाना, और एआई-समर्थित क्लासरूम डिस्कशन जैसे कई नवाचार किए हैं। हमारी तीन ‘I’ वैल्यूज – इनोवेशन, इंटेग्रिटी और इंक्लूसिवनेस, भारतीय दर्शन पर आधारित हैं। हमारा 3D एक्शन लेंस – डिजिटलीज़ेशन, डिकार्बोनाइजेशन और डेमोक्रेटाइजेशन ऑफ बिज़नेस – हमें भविष्य के लिए तैयार करता है। आईआईएम संबलपुर केवल मैनेजर्स नहीं, बल्कि ऐसे जिम्मेदार नेता तैयार कर रहा है जो **माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को साकार कर सकें।”
श्री वी. श्रीनिवास, सचिव, डीएआरपीजी, भारत सरकार ने कहा, “स्पेस, बायोटेक, सेमीकंडक्टर्स, एनर्जी और रोबोटिक्स जैसे सभी क्षेत्रों में भारत तकनीकी क्रांति के युग में प्रवेश कर चुका है। ‘मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट’ की नीति ने 100% पेपरलेस सेक्रेटेरिएट, दुनिया का सबसे बड़ा एआई सक्षम शिकायत निवारण प्लेटफॉर्म, और 20 से अधिक अनुपयोगी नियमों को हटाने जैसे ठोस कदमों को साकार किया है।”
उन्होंने आगे कहा, “आईआईएम संबलपुर का फॉरवर्ड-लुकिंग एमबीए इन बिज़नेस एनालिटिक्स प्रोग्राम इस नेशनल जर्नी को दर्शाता है – जो डेटा पर आधारित है, इनोवेशन द्वारा संचालित है और एथिकल लीडरशिप द्वारा आकार लेता है।”
राजीव कुमार, सीईओ, वेदांता एल्युमिनियम ने कहा, “35 वर्षों के इंडस्ट्री अनुभव से कह सकता हूँ कि लीडरशिप किताबों में नहीं मिलती, यह आत्मविश्लेषण से बनती है। हर पखवाड़े खुद से पूछिए – क्या चीज़ मुझे मैड, बैड, सैड और ग्लैड बनाती है? यही सवाल आपको सच्चे इंसान बनाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर आइए, तभी असली ग्रोथ संभव है। हम्बल, हंग्री और हार्डवर्किंग – इन 3H को आईआईएम संबलपुर के 3I के साथ जोड़िए, और आप पाएंगे कि आपके बैंक में ‘CASH’ के साथ-साथ ‘KASH’ – नॉलेज, एटीट्यूड, स्किल और हैबिट भी बढ़ रहा है।”
समीर कुमार, कंट्री मैनेजर, अमेज़न इंडिया ने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा, “आईटी से लेकर फाइनेंस और फिर बिज़नेस तक की मेरी यात्रा रोमांचक रही है। छात्रों को उन्होंने परिश्रम और पैशन के साथ चलने की सलाह दी, साथ ही कहा कि सफलता में ‘लक’ भी एक अहम भूमिका निभाता है।”
इससे पूर्व प्रो. दीप्तरंजन महापात्र, डीन – अकादमिक्स ने स्वागत भाषण दिया। प्रो. सिद्धार्थ जी. माझी, चेयर – एडमिशन ने 11वें एमबीए और पहले एमबीए-बीए बैच का परिचय दिया। प्रो. शुभि गुप्ता, चेयर – पीजीपी ने एमबीए प्रोग्राम का, और प्रो. सौम्यरंजन साहू, चेयर – एमबीए-बीए ने एमबीए-बीए प्रोग्राम का परिचय दिया। प्रो. सौम्य गुहा देब, चेयर – रैंकिंग एवं एक्रिडिटेशन ने संस्थान की अब तक की मान्यता यात्रा पर प्रकाश डाला। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रो. दिवाहर एस. नाडार, चेयर – एसएसी ने किया।
पूरे दिन चले कार्यक्रम में एमबीए और एमबीए-बीए कोहोर्ट्स के लिए ओरिएंटेशन सत्र भी आयोजित किए गए, जिसमें एमबीए ऑर्डिनेंस पर प्रो. शुभि गुप्ता, एमबीए-बीए ऑर्डिनेंस पर प्रो. सौम्यरंजन साहू, और एंटी रैगिंग नीतियों पर प्रो. राहुल सिंधवानी ने विस्तार से जानकारी दी।

Leave a Comment

This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

error: Content is protected !!