
दैनिक भास्कर में पृष्ठ संख्या तीन पर *जन सुविधा* घाटों पर महिलाओं की सुविधा के लिये चेंज रुम के निर्माण कार्य का किया विरोध, काम रुकवाया। यह विरोध मेरे दृष्टिकोण से उचित है। लगभग 10वर्षों पूर्व नगर पालिका के कनिष्ठ अभियंता पारस जी jen ने मुझे घाटों पर महिलाओं की सुविधा के लिए बनाए गए चेंजिंग रूम का नाप लेने के लिये कहा(मैं उनके मातहत नही़ था मैं तो 25 साल पहले राजकीय सेवा से स्वैच्छिक सेवा निवृति ले चुका था व प्राईवेटआर्किटेक्चुरल सेवायें देता था) मैं ठेकेदार के साथ उनका नाप लेने गया तो पहले चेंजिंग रूम का दरवाजा खोला तो उसमें पैशाब किया हुआ था गंध भी आ रही थी, दूसरे चेंजरुम पर नाप लेने गये तो वहां शौच और मूञ किया हुआ था मैंने ठेकेदार से कहा इसका नाप कैसे लें, तो ठेकेदार ने कहा मैंने तो चेंजरुम बनाया है साहब चौकीदारी थोड़ी की है।
शौचालय मूत्रालय सरोवर की पवित्रता और साफ सफाई तो जाये भाड़ में हमें तो तेजी से शौच या मूत्र की हाजत होने की बात है, तो बाहर तक क्यों जाना यहीं दरवाजा लगा है और चेंजरूम में कर लेते है.
मेरा सुझाव है तीन तरफ से अस्थाई आड़ बनाई जावे व महिला गार्ड की व्यवस्था की जावे या फिर बने ही नहीं अन्यथा ये चेंज रुम मूत्रालय व शौचालय बन जाएगें.
पुष्कर में करीब 25 साल पहले 15 चेंजिंग रूम लोहे के बहुत अच्छे बनाकर मैंने बनवा कर पुष्कर 5 मैन मैन घाटों पर तीन तीन रखवाये थे, आप जो बात बता रहें है वो यदि पुष्कर की हैं तो, सही में ये समस्या हीं हों गईं, सभी कों पेशाब और सोच से ख़राब कर दिया जाता था ! बहुत परेशान हों कर पंडितो ने हटा दिया गया और हमसे सभी नाराज भी हुए!
-गिरधारी जी मंगल श्री सीता गऊ शाला के उपाध्यक्ष,हिंद पेपर मार्ट वाले