आश्रय स्थलों पर की जा रही है व्यवस्थाएं
अजमेर, 20 जुलाई। जिला प्रशासन द्वारा अतिवृष्टि के पश्चात जलभराव प्रभावित क्षेत्रों के व्यक्तियों के लिए राहत एवं बचाव कार्य के साथ-साथ आश्रय स्थलों पर भी समुचित व्यवस्थाएं अंजाम दी जा रही है।
जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु के निर्देशानुसार अजमेर शहर में हुई अतिवृष्टि एवं मूसलाधार वर्षा के चलते कुछ क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी थी। इसे देखते हुए जिला प्रशासन एवं नगर निगम ने त्वरित राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ किए। जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से खाद्य सामग्री, दूध, पेयजल एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं का वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है।
जिला कलक्टर के निर्देशन में प्रशासन की विभिन्न टीमें नगर निगम, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस एवं स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से जलभराव प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर कार्यरत हैं। जिला प्रशासन द्वारा शहर में कई आश्रय स्थल बनाए गए है। इनमें विभिन्न व्यवस्थाएं की जा रही है। जलभराव वाले क्षेत्रों की स्थिति सामान्य होने के साथ ही व्यक्ति इन आश्रय स्थलों से अपने घर भी लौट रहे हैं।
जिला कलक्टर ने बताया कि सागर विहार, वन विहार के जल भराव क्षेत्रों से निकालकर लोगों को सामुदायिक केन्द्र केशव नगर के आश्रय स्थल में ठहराया गया है। इसी प्रकार आम का तालाब क्षेत्र के निवासियों के लिए अम्बेडकर भवन गुलाबबाडी में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है। दो अन्य आश्रय स्थलों डीएवी शताब्दी स्कूल आदर्श नगर तथा सेन्ट्रल गल्र्स स्कूल चूड़ी बाज़ार में भी ठहरने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा करवाई गई है। जिला प्रशासन द्वारा रेस्क्यू सेन्टर पर पानी, खाने तथा सोने की व्यवस्था करवाई जा रही है। चारों सेन्टर पर करीब 300 लोगों को रेस्क्यू करके ठहराया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त अन्य जल भराव के क्षेत्र काला बाग, ब्रह्मपुरी, हाथी भाटा, सागर विहार में निगम की टीम द्वारा निवासियों को भोजन के पैकेट, दूध बिस्किट तथा पानी के कैम्पर लगातार घर पर ही उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा गत दो दिवस से व्यक्तियों को खाने के पैकेट, दूध के पैकेट, बिस्किट के पैकेट तथा पेयजल का वितरण किया जा रहा है। इसके लिए विशेष टीमें बनाकर कार्य करवाया जा रहा है। नगर निगम, होम गार्ड तथा एसडीआरएफ आपसी समन्वय के साथ लोगों को राहत पहुँचाने का कार्य युद्ध स्तर पर कर रहे है।
नगर निगम द्वारा किए गए राहत एवं बचाव के कार्य
अजमेर, 20 जुलाई। नगर निगम द्वारा अतिवृष्टि से उत्पन्न परिस्थिति से निपटने के लिए बड़े स्तर पर राहत एवं बचाव के कार्य किए गए है।
नगर निगम के आयुक्त श्री देशल दान ने बताया कि जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु के निर्देशानुसार नगर निगम द्वारा 18 जुलाई को दर्ज हुई अत्याधिक वर्षा के पश्चात आमजन को त्वरित राहत देने के लिए समस्त निचली बस्तियों में हुए जल भराव की समस्या के समाधान के लिए आम का तालाब क्षेत्र में 5 पम्पसेट, सागर विहार क्षेत्र में 6 इलेक्ट्रिक पम्पसेट व 5 मडपम्प, ब्रह्मपुरी क्षेत्र में 2 मड पम्पसेट, जेएलएन अस्पताल में एक मड पम्पसेट लगाते हुए वर्षा जल की निकासी निरंतर जारी है। विगत 48 घंटों में नगर निगम अजमेर द्वारा सुनहरी कॉलोनी में 2 मड पम्प, एलआईसी कॉलोनी, अशोक नगर, हरिजन बस्ती में एक-एक मड पम्पसेट द्वारा वर्षा जल निकासी करा दी गई है।
उन्होंने बताया कि अजमेर नगर निगम क्षेत्र में तथा जिले में भारी बरसात के कारण अजमेर शहर में अनासागर झील का जलस्तर दस फीट से बढ़कर लगभग सोलह से सत्रह फीट हो गया। प्रशासन द्वारा आनासागर झील को खाली करने का निर्णय लिया गया। इसके कारण बजरंगगढ़ पर पानी ओवरफ्लो होकर रोड की तरफ आने लग गया। नगर निगम द्वारा वहाँ पर एक स्थाई कैंप लगाकर अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। पानी को दोनों तरफ कट्टों की दीवार बनाकर निकाला जा रहा है। पानी को निकालने से काला बाग, ब्रह्मपुरी आदि क्षेत्र में गलियों में पानी भर गया। इसके लिए भी गलियों में आसपास कट्टे लगवाए गए तथा वहाँ पर मड पंप की व्यवस्था करके पानी निकाला जा रहा है। इसके पश्चात में संपूर्ण एस्केप चैनल की भी बराबर मॉनिटरिंग की जा रही है।
उन्होंने बताया कि नगर निगम अजमेर द्वारा फायर ऑफिस पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। इसमें 24 घंटे अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसका नंबर 0145-2429000 आम नागरिकों के लिए जारी किया गया है। इस पर सूचना प्राप्त होते ही नगर निगम की टीम द्वारा मौके पर पहुँचकर आवश्यकता अनुसार बाढ़ नियंत्रण कक्ष से कट्टे मँगवाकर लगवाए जाएंगे। पानी के भराव क्षेत्रों में फायर की गाड़ी भी खड़ी कर दी गई है। फायर के दो-दो कार्मिक 24 घंटों के लिए भी लगाए है।
उन्होंने बताया कि आमजन को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े। किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने से बचा जा सके। इसके लिए मुख्यतः मोती विहार कॉलोनी, आम का तालाब, सुनहरी कॉलोनी, काला बाग, ब्रह्मपुरी आदि क्षेत्रों में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगाई गई हैं। लगातार अनासागर का लेवल पानी छोड़कर डाउन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्षा जल निकासी के लिए आनासागर के गेट खोले जाने से ब्रह्मपुरी, कालाबाग एवं हाथीभाटा क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इससे नगर निगम द्वारा एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम के सहयोग से प्रतिदिन दुग्ध, बिस्कुट एवं फुड पैकेट दिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त सागर विहार एवं वन विहार क्षेत्र के अत्याधिक जल भराव क्षेत्रों में मांगनुसार दुध, बिस्कुट एवं भोजन पैकेट की व्यवस्था भी करवाई जा रही है। सागर विहार कच्ची बस्ती के लगभग 200 व्यक्तियों को एसडीआरएफ टीम की मदद से रेस्क्यू कराते हुए केशव विहार सामुदायिक भवन में रुकवाया गया। यहां समस्त पेयजल एवं भोजन व्यवस्था इत्यादि उपलब्ध करवाई जा रही है। एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ के साथ मिलकर आम के तालाब क्षेत्र के 70 लोगों को गुलाब बाडी सामुदायिक भवन में रेस्क्यू किया गया। समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं करवाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार 60 एसडीआरएफ, 50 सिविल डिफेन्स, 40 फायर मैन, 22 रेक्सको गार्ड एवं 28 अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर शहरवासियों की सुरक्षा दृष्टि से आवश्यक कार्य सम्पादित किये जा रहे है। किसी भी प्रकार की जनहानि न हो, इसके लिए आवश्यक स्थानो पर अब तक 10 से 12 हजार कटटे 24 स्थानाें पर रखवाए गए है। कई स्थानों पर आवश्यक रूप से हार्ड बेरिकेटिंग भी करवाई गई है।