संगठन की स्थायी समिति की जयपुर में हुई प्रदेश स्तरीय बैठक में लिया निर्णय
अजमेर: 21 जुलाई / शिक्षक स्थानांतरण नीति लागू कर स्थानांतरण करने व तृतीय वेतन श्रंखला अध्यापकों की पदोन्नति सहित शिक्षकों की प्रमुख मांगों को लेकर सरकार द्वारा की गई वादा खिलाफी को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र रामगंजमंडी,कोटा में 24 अगस्त को विशाल शिक्षक रैली का आयोजन करेगा।यह निर्णय राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) के जयपुर स्थित प्रांतीय कार्यालय में संरक्षक मंडल व स्थाई समिति के सदस्यों की मुख्य संरक्षक व प्रशासनिक अध्यक्ष सियाराम शर्मा के सानिध्य व प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।इस विशाल शिक्षक रैली से पूर्व 30 जुलाई को संगठन द्वारा सभी जिला मुख्यालयों पर कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को शिक्षकों का मांग पत्र सौंपा जाएगा।यह जानकारी देते हुए संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष भगवत डांगी ने बताया कि बैठक में शिक्षकों की 25 सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्व में किए जाने वाले विधानसभा का घेराव का कार्यक्रम सरकार द्वारा वार्ता करने का पत्र प्राप्त होने पर स्थगित कर दिया था। शिक्षा मंत्री के ओएसडी एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने पूर्व में शिक्षकों की प्रमुख मांगों को लेकर सरकार के साथ संगठन की वार्ता करवाने को लेकर लिखित में पत्र जारी किया था लेकिन लगभग 4 माह गुजर जाने के बाद भी सरकार व शिक्षा मंत्री ने संगठन को वार्ता के लिए नहीं बुलाकर वादाखिलाफी की है, इसलिए संगठन को मजबूर होकर शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में विशाल आंदोलन करने का निर्णय लेना पड़ा।शिक्षक रैली के संयोजक प्रदेश उपाध्यक्ष देवेन्द्र राठौड़ को नियुक्त किया गया। वर्तमान सरकार का लगभग दो वर्ष का कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद भी पारदर्शी व स्थाई शिक्षक स्थानांतरण नीति जारी नहीं करने पर पदाधिकारियों ने सरकार के प्रति गहरा रोष भी व्यक्त किया।संगठन के मुख्य महामंत्री व प्रदेश संघर्ष समिति के संयोजक उम्मेद सिंह डूडी के अनुसार बैठक में पारदर्शी व स्थाई स्थानांतरण नीति जारी कर तृतीय वेतन श्रृंखला सहित सभी केडर के शिक्षकों के तबादले करने,अतिरिक्त विषय के साथ स्नातक करने वाले तृतीय वेतन श्रंखला अध्यापकों को वरिष्ठ अध्यापक पद की पदोन्नति के लिए पात्र मानते हुए बकाया वर्षों की डीपीसी करने हेतु सुप्रीम कोर्ट में सटीक पैरवी करने,नव क्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में व्याख्याता के पदों की वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने,प्रबोधक व शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने की मांग भी राज्य सरकार से की गई। संगठन के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश कुमार मीणा के अनुसार बैठक में शिक्षकों की विभिन्न मांगों व समस्याओं पर चर्चा की गई एवं संगठनात्मक मुद्दों को लेकर विचार विमर्श कर निर्णय लिए गए।संगठन के मुख्य संरक्षक एवं प्रशासनिक अध्यक्ष सियाराम शर्मा ने सभी पदाधिकारियों से संगठन की मजबूती के लिए अधिक से अधिक प्रवास करने की बात कही।बैठक में
संरक्षक रामेश्वर लाल सैनी , दिनेश भट्ट, सावित्री शर्मा,अशोक पाराशर, श्याम सिंह जघीना,रणवीर सिंह गोदारा, लक्ष्मीनारायण स्वामी, राजेंद्र प्रसाद शर्मा,ईश्वर दयाल शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल मीना, महामंत्री नवीन शर्मा, मुख्य महामंत्री उम्मेद सिंह डूडी, कोषाध्यक्ष बनवारी लाल गौतम,प्रदेश अध्यक्ष संस्कृत शिक्षा बनवारी लाल सैनी,उगमा वैष्णव महिला संगठन महामंत्री, संतोष आर्य, प्रदेश उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह चौहान,पवन कुमार शर्मा,देवेन्द्र सिंह राठौर, राजेंद्र पारीक,राजकुमार मुंड, प्रदेश सह संगठन महामंत्री बदनसिह मीना, प्रेमशंकर जोशी, सुभेन्द्र सिंह बिजारणियां,बृजेश कुमार गुप्ता, गजेन्द्र सिंह शर्मा, छगनलाल गुप्ता,शिवलहरी शर्मा,मंजू मीना, हेमन्त कुमार जांगिड़, पुष्प भूषण शर्मा, रामस्वरूप वर्मा, विनोद कुमार मीणा, महेश चंद मीणा, नरेश कुमार, रामदयाल शर्मा, कोमल शर्मा, वीरेन्द्र सिंह चौधरी आदि ने विचार व्यक्त किए।प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र शर्मा ने संगठनात्मक मुद्दों पर अपनी बात रखते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।