भगवान भरोसे ही चल रहें हैं, सरकारी विद्यालय के भवन

हालात चौकाने वाले आ रहें हैं, सामने, कहीं दरारें तो, कहीं सरिए निकली हुई छत
संवाददाता जितेन्द्र गौड़
बून्दी –  लाखेरी कस्बे के राजकीय विद्यालय भी जीर्ण शीर्ण अवस्था में संचालित हो रहें हैं, जिन पर कभी भी खतरे का साया छा सकता है। कस्बे के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में भवन के जर्जर होने से विद्यार्थी बाहर खुले में एवं पेड़ की छाया में बैठकर पढाई करने को मजबूर है। महात्मा गॉंधी विद्यालय शंकरपुरा, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गरमपुरा ग्रामीण, यूपीएस गणेशपुरा, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भांड ग्वार, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पीपल्दा थाक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नाड़ी भावपुरा, राजकीय प्राथमिक विद्यालय जाड़ला, महुआ का देव जी, गूथां, सहित कस्बे एवं उपखण्ड क्षेत्र में विद्यालयों में किसी में छत टपक रहीं हैं, किसी में भवन जर्जर है, किसी में दीवारों में दरारें आ रही है, सीलन आ रही है, जिनके कारण हमेशा हादसे का डर सताता रहता है। शुक्रवार को झालावाड़ में हुए हादसे के बाद परिजनों को भी अपने बच्चों की चिंता सताने लगी है, और ऐसे क्षतिग्रस्त विद्यालयों में बच्चों को पढाने से भी कतराने लगे है। ग्रामीण क्षेत्र में छोटे विद्यालयों की ज्यादा हालात खराब है। केश्वराय पाटन समीप कोड़क्या बालाजी मे सरकारी स्कूल का भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीणों ने ताला लगा दिया। लाखेरी के रेल्वे स्टेशन का विद्यालय भवन की दीवार क्षतिग्रस्त होने के कारण जर्जर दीवार को हटवा दिया गया। छप्पनपुरा स्कूल का भवन कई सालों से क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया, ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय के क्षतिग्रस्त भवन के बारे में विधायक एवं उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवा रखा है, फिर भी समस्या जस की तस बनी हुई है। घाट का बराना पंचायत के बलदेवपुरा झपायता स्कूल, देईखेड़ा महात्मा गॉंधी राजकीय विद्यालय में कमरों की दीवारों में दरारें, मारिदा पंचायत के बगली गांव में विद्यालय के कमरे जर्जर होने से विद्यार्थियों को बरामदे में बैठाना पड़ता है। पूर्व सरपंच संदीप जैन, कांग्रेस नेता मनोज सांखला, ग्रामीण गिरिराज मीणा, सुरेश बैरागी आदि ने बताया कि सरकारी विद्यालयों के भवनों की हालात दयनीय है, और वर्षों से जर्जर है, विधायक, सांसद, प्रशासन, संबधित उच्च अधिकारियों को अवगत करवा रखा है, परन्तु कोई ध्यान नही है, सब चैन की नींद ले रहे हैं, और हादसा होने के बाद खोलते हैं।
कस्बे की गांधीपुरा आंगनबाड़ी में छत से पानी टपक रहा है। उपखण्ड क्षेत्र की आंगनबाड़ी भवन की हालात भी कम नहीं है, वहां भी कहीं भवन जर्जर है, तो कहीं पानी टपक रहा है, कहीं दरारें है, जिसके कारण हादसे का डर बना रहता है। आंगनबाड़ी में छोटे बच्चे आतें है। जिनके भविष्य भी खतरे में संचालित हो रहा है। यदि प्रशासन द्वारा निरीक्षण किया जाता है, तो राजकीय भवनों की सच्चाई सामने आ जाएगी।
*जर्जर भवनों की परतें अब आ रही है, सामने*
लाखेरी उपखण्ड क्षेत्र के लबान राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शनिवार को एसडीएमसी सदस्य एवं ग्रामीणों द्वारा विद्यालय भवन का निरीक्षण किया गया, जिसमें ब्लॉक न. दो में भवन के चारो तरफ तीन चार फीट पानी भरा हुआ है, जिसके कारण भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में है और कभी भी हादसा हो सकता है। विद्यालय के ब्लॉक एक में दो कमरे क्षतिग्रस्त है, जो शिक्षण कार्य योग्य नहीं है, कमरों की दीवारें गिरी हुई है। राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय लबान के कक्षा कक्ष एवं कार्यालय क्षतिग्रस्त होने के कारण कभी भी घटना घटित हो सकती है, इसलिए एसडीएमसी सदस्य, ग्रामीणों ने एवं लबान सरपंच बुद्धि प्रकाश मीणा ने बताया कि विद्यालय के भवन उपयोग करने योग्य नहीं है, प्रशासन इन भवनों को जमींदोज करें, जिससे भविष्य में दुर्घटना से बचा जा सकें।
इनका कहना है – 
आज हमारे पास तीन विद्यालयों के भवन जर्जर की सूचना आई है, सभी यूसीओ के जर्जर विद्यालयों की सूचना एकत्रित कर उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी। आज हुई बैठक में दिशा निर्देश के अनुसार सूचना एकत्रित कर जल्द भेजी जाएगी।
विजय मीणा 
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लाखेरी यूसीओ
ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी स्कूल के भवन वर्षो से जर्जर है, जिससे नोनिहालो को डर के साये में पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है, सरकार एक्सप्रेस हाइवे रोड, स्मार्ट सिटी और मन्दिर बनाने में लगी है, और गांवों में शिक्षा के मंदिर जर्जर है, मुख्यमंत्री को पूरे प्रदेश में विशेष पैकेज बना कर स्कूलों भवनों की मरम्मत करवाना चाहिए।
दिनेश व्यास 
देईखेड़ा व्यापार मंडल अध्यक्ष

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