
बिल्डिंग बनाने वाले की जितनी जिम्मेवारी है उससे ज्यादा देखरेख करने वाले की और समय-समय पर उसकी मरम्मत आदि की है। छत पर बरसाती पानी भर जाता है पाइप बंद हो जाते हैं,इस कारण धीरे-धीरे पानी भी रिसने लगता है, लेकिन उस और कोई ध्यान नहीं देता साथ ही पानी का जो निकास होता है उसके लिए जमीन पर नाली नहीं होती है और बरसाती पानी सीधा नींव के अंदर जाता है उससे नींव भी कमजोर हो जाती है अर्थात केवल सिविल इंजीनियर और सार्वजनिक निर्माण विभाग को दोष देने से काम नहीं चलेगा, निर्माण के बाद में उसकी मेंटेनेंस नहीं करने का दोष है।
प्राइवेट बिल्डिंग में इसीलिए ऐसा बहुत कम होता है क्योंकि समय-समय पर उसकी मरम्मत और बरसाती पानी की निकास का पूरा ध्यान रखते हैं। सामुदायिक भवन,संस्थागत भवनों की छत पर घासफूस व पीपल के पेड़ उग जाते हैं जो सीलन का कारण बनते हैं जिससे ऐसी दुर्घटनायें होती है।
कमल किशोर गर्ग