आज ही के दिन केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की स्थापना 27 जुलाई सन 1939 को (क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस) के नाम से नीमच में हुई थी यह बल भारत की सबसे पुरानी केन्द्रीय सशस्त्र बलों में से एक है जिसका इतिहास काफी दिलचस्प है।
आजादी से पहले इसका प्रथम कार्य भारत के संवेदनशील राज्यों में ब्रिटिश निवासियों की सुरक्षा करना था सन 1947 में जब भारत देश आजाद हुआ तो भारत की सरकार ने क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस को बनाएं रखने के लिए इसका नाम बदलकर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल रख दिया हमारे प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने रियासतो को भारतीय संघ में मिलाने का एक विशाल कार्य संभाला उन्होंने एक बहुआयामी बल की आवश्यकता को महसूस किया और संसद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बिल पेश किया। इसकी अनुकरणीय सेवा को मान्यता देते हुए 19 मार्च 1950 को प्रेसिडेंशियल कलर से सम्मानित किया।
1960 के दशक के दौरान कई राज्य रिजर्व पुलिस बटालियनों को सीआरपीएफ में विलय कर दिया गया यह बल विदेशी आक्रमण और घरेलू उग्रवाद के खिलाफ सक्रिय रहा है।
सीआरपीएफ ने संपूर्ण भारत में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यह एक अत्यंत पेशेवर बल है जिसमें देश सेवा के साथ-साथ बलिदान की प्रबल भावना है इस बल ने अपनी बहादुरी और समर्पण के लिए अनेंक प्रशंसाए और पुरस्कार जीते है।
सीआरपीएफ आज देश में आंतरिक सुरक्षा की ड्यूटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जिसमें नक्सलवाद विरोधी अभियान, आतंकवाद विरोधी अभियान और चुनाव ड्यूटी शामिल है।
मुझको गर्व है कि मैं भी इस बल का एक सदस्य हूं यह बल आज अपनें देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता की रक्षा और कार्यों की वजह से भारत देश ही नही बल्कि संपूर्ण विश्व में अपनी पहचान बना रहा है। इस बल के अनगिनत जांबाज जवानों ने अपना शोर्य, बलिदान और साहस दिखाकर इसे इस मुकाम तक पहुंचाया है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल अपनें वीर शहीदों को श्रृद्धांजलि अर्पित करता है साथ ही राष्ट्र की रक्षा के लिए अटूट समर्पण की शपत लेता है इस रोज केम्प परिसर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते है इस बल का मुख्यालय सीजीओ कॉम्प्लेक्स
लोधी रोड़ नई दिल्ली में स्थित है।
सीआरपीएफ सदा अजय
भारत माता की जय।।
सैनिक कवि- गणपत लाल उदय
सेवारत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल
अरांई अजमेर (राजस्थान)