गुरुग्राम, जुलाई, 2025 – भारत के सबसे बड़े कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड सैमसंग ने भारत सरकार की प्रमुख पहल स्टार्टअप इंडिया के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। इसका मकसद भारत के दूरदराज के क्षेत्रों से युवा इनोवेटर्स को सशक्त बनाना और सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो के माध्यम से देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करना है।
नई दिल्ली में इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। यह साझेदारी सैमसंग के प्रमुख नवाचार कार्यक्रम ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’ और स्टार्टअप इंडिया के मजबूत राष्ट्रीय इकोसिस्टम — जिसमें इन्क्यूबेशन, मार्गदर्शन और नीतिगत सहयोग शामिल है — को एक मंच पर लाती है। इसका उद्देश्य खासतौर पर टियर 2 और टियर 3 शहरों से उभरती प्रतिभाओं की पहचान करना और उन्हें जरूरी ढांचा, विशेषज्ञों का मार्गदर्शन, बाज़ार से जुड़ाव और फंडिंग के अवसर प्रदान करके आगे बढ़ाना है।
सैमसंग साउथ वेस्ट एशिया के कॉरपोरेट वाइस प्रेसिडेंट एस. पी. चुन ने कहा, “सैमसंग में हमारा मानना है कि जब युवाओं को सही मंच और सहयोग मिलता है, तो नए-नए विचार उभरते हैं। स्टार्टअप इंडिया के साथ हमारी यह साझेदारी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’ की सोच और स्टार्टअप इंडिया के व्यापक नेटवर्क को एक साथ लाकर हम देश के दूर-दराज के इलाकों से युवाओं को आगे लाना चाहते हैं और उन्हें आने वाले समय के समस्या समाधानकर्ता बनने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं। यह साझेदारी स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों से जुड़ी हुई है और देश में नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत पहल है।”
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री संजीव ने कहा, “नवाचार विकास की कुंजी है। यह नई संभावनाएं खोलता है, प्रगति को बढ़ावा देता है और बेहतर भविष्य के लिए समाधान देता है। युवाओं को सशक्त करना भारत की तरक्की की कहानी का मुख्य हिस्सा है। स्टार्टअप इंडिया और सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो की साझेदारी के जरिए हम एक ऐसा माहौल बना रहे हैं, जहां सभी को नवाचार करने का मौका मिले। यह साझेदारी टियर 2 और टियर 3 शहरों के युवाओं को नए विचार लाने और नए-नए आविष्कार करने के लिए प्रेरित करेगी, साथ ही यह आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के साथ भी जुड़ी है। हमें खुशी है कि सैमसंग पूरे देश में उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा दे रहा है।”
सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो एक प्रमुख नवाचार और शिक्षा पहल है, जिसे भारत के युवाओं में समस्या समाधान, रचनात्मकता और सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, युवा छात्रों को अपने समुदायों में वास्तविक दुनिया की समस्याओं की पहचान करने और डिज़ाइन थिंकिंग, टेक्नोलॉजी और उद्यमशीलता कौशल का उपयोग करके बड़े पैमाने पर समाधान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह पहल मेंटरशिप, वर्कशॉप, प्रोटोटाइप विकसित करने में सहयोग देने और विशेषज्ञों और निवेशकों के सामने विचार प्रस्तुत करने के अवसर प्रदान करती है।
नई साझेदारी में स्टार्टअप इंडिया अपने व्यापक इन्क्यूबेटर्स और एक्सेलेरेटर्स नेटवर्क का लाभ उठाएगा, जबकि सैमसंग स्टूडेंट्स एवं युवा इनोवेटर्स के साथ व्यावहारिक शिक्षा और नवाचार चुनौतियों के माध्यम से जमीनी स्तर पर भागीदारी को बढ़ावा देगा। यह नजरिया, जो जमीनी स्तर पर नवाचार को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, भारत के शिक्षा और उद्यमशीलता इकोसिस्टम के केंद्र में नवाचार को स्थापित करेगा।
सैमसंग इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के बीच यह मॉडल सार्वजनिक-निजी साझेदारी मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया मिशनों के प्रति साझा प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। इसमें युवाओं, स्थानीय इनोवेटर्स को भारत के तकनीकी एवं उत्पादन प्रधान भविष्य के केंद्र में रखा गया है।
पहली बार 2010 में अमेरिका में शुरू किया गया, सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो वर्तमान में 68 देशों में चल रहा है और इसमें विश्व स्तर पर 30 लाख से अधिक युवाओं ने भाग लिया है। 2025 संस्करण में शीर्ष 4 विजेता टीमों के लिए एक इन्क्यूबेशन कार्यक्रम की पेशकश की गई है, जिसमें 1 करोड़ रुपये का अनुदान शामिल है। इसके अलावा, शीर्ष 20 टीमों को 20 लाख रुपये और शीर्ष 40 टीमों को 8 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।
इस साल, प्रतिभागियों को चार प्रमुख थीम्स के तहत समाधान डिज़ाइन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया: सुरक्षित, स्मार्ट और समावेशी भारत के लिए एआई; भारत में स्वास्थ्य, स्वच्छता और कल्याण का भविष्य; खेल और शिक्षा व बेहतर भविष्य के लिए तकनीक के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन; और तकनीक के माध्यम से पर्यावरणीय स्थिरता। शॉर्टलिस्ट किये गये युवा हाइपरलोकल हो गए हैं, जिसमें कार्यक्रम ने बिहार के समस्तीपुर, आंध्र प्रदेश के गुंटूर, जम्मू-कश्मीर के बारामूला और असम के कछार जैसे भारत के कुछ दूरदराज के जिलों से युवा इनोवेटर्स की खोज की है। कार्यक्रम की पहुंच और प्रभाव न केवल कवर किए गए भौगोलिक क्षेत्रों में, बल्कि सभी चार थीम्स में प्रस्तुत विचारों की मौलिकता में भी स्पष्ट है।