अजमेर, 2 अगस्त। विश्व स्तनपान सप्ताह (1 से 7 अगस्त) के अवसर पर शनिवार को मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के सभागार में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य माताओं व परिजनों को स्तनपान के प्रति जागरूक करना और नवजात शिशुओं के पोषण एवं स्वास्थ्य को बेहतर बनाना रहा।
इस कार्यशाला में हॉस्पिटल के बाल एवं शिशु रोग तथा स्त्री रोग विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, अन्य स्वास्थ्यकर्मी एवं सम्बद्ध ज्ञानार्जन हेतु उत्सुक माताओं ने भाग लिया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. रमेश गौतम ने स्तनपान की सही स्थिति, शिशु को स्तन से लगाने (अटैचमेंट) की तकनीक तथा माँ के दूध के पोषणात्मक लाभों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि माताओं को स्तनपान के लिए प्रोत्साहित करना शिशु के संपूर्ण विकास की दिशा में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत माथुर ने बताया कि माँ का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार है, जो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और मस्तिष्क विकास में सहायक होता है। उन्होंने यह भी बताया कि माँ का दूध डायरिया, निमोनिया जैसी घातक बीमारियों से शिशु की रक्षा करता है।
कार्यक्रम में मित्तल हॉस्पिटल की ऑपरेशंस हेड डॉ. विद्या दायमा ने सभी चिकित्सकों और स्टाफ से अपील की कि वे हर माँ को शिशु—स्तनपान के लिए प्रोत्साहित करें और इससे जुड़ी सही जानकारी प्रदान करें। उन्होंने कहा कि यह पहल माँ और शिशु दोनों के स्वास्थ्य की रक्षा करने के साथ-साथ समाज में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देती है।
कार्यशाला के अंत में उपस्थित माताओं को स्तनपान से जुड़े कई व्यावहारिक सुझाव भी दिए गए, जिससे वे इस प्रक्रिया को आत्मविश्वास के साथ अपनाएं और अपने शिशु को प्रारंभ से ही बेहतर पोषण प्रदान करें।
