जयपुर, 28 अगस्त 2025 – इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA), जो देश के प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करता है, ने भारत सरकार से एयर कंडीशनर और टेलीविज़न पर जीएसटी दर को मौजूदा 28% से घटाकर 18% करने की अपील की है। आईसीईए का कहना है कि इन श्रेणियों में जीएसटी सुधार घरेलू मांग को प्रोत्साहित करने, सुलभता बढ़ाने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने के लिए अनिवार्य है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की घोषणा की, जो दरों को युक्तिसंगत बनाने और रोजमर्रा की वस्तुओं पर छूट पर केंद्रित हैं। आईसीईए का आग्रह है कि इस कवायद में एसी और टेलीविज़न को भी आवश्यक टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं (कॉमन-मैन्स आइटम) की श्रेणी में रखा जाए।
“एयर कंडीशनर और टेलीविज़न अब लग्ज़री उत्पाद नहीं रहे, बल्कि वे आवश्यक उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ हैं, जो आधुनिक जीवन की गुणवत्ता को परिभाषित करती हैं। इन्हें सबसे ऊँची जीएसटी स्लैब में ‘सिन गुड्स’ (हानिकारक वस्तुओं) के साथ रखना असंगत और प्रतिकूल है। जीएसटी को 18% पर लाने से ये लाखों उपभोक्ताओं के लिए किफ़ायती होंगे, घरेलू मांग का विस्तार होगा और पैमाने-आधारित वैश्विक प्रतिस्पर्धा की नींव रखी जाएगी,” – श्री पंकज मोहिंद्रू, चेयरमैन, आईसीईए ने कहा।
एयर कंडीशनर : भारत में एसी का प्रचलन अभी केवल 8% है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे कम में से एक है। इतनी बड़ी अनछुई मांग के बावजूद एसी पर 28% जीएसटी लगता है – जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित 8–15% की तुलना में बहुत अधिक है। इसका असर 8–10% महंगाई के रूप में पड़ता है और अपनाने की दर घटती है। जीएसटी को 18% पर लाने से घरेलू मांग खुलेगी और भारत को एसी निर्यात का प्रतिस्पर्धी केंद्र बनाया जा सकेगा।
टेलीविज़न : भारत ने 2024 में 1.21 करोड़ टीवी शिप किए, जिनमें से 91% स्मार्ट टीवी थे। औसत परिवार की पसंद अब 43–50 इंच स्क्रीन की ओर है, लेकिन इन पर 28% जीएसटी लगाया जाता है। इसका नतीजा यह है कि ग्रे-मार्केट को बढ़ावा मिलता है, बड़े पैमाने पर उत्पादन हतोत्साहित होता है और औपचारिक बाज़ार की वृद्धि धीमी पड़ती है। सभी आकार के टीवी पर एक समान 18% जीएसटी लगाने से ग्रे-चैनल पर रोक लगेगी, औपचारिक बिक्री बढ़ेगी और घरेलू डिस्प्ले विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।
इन उत्पादों पर जीएसटी सुधार से उपभोक्ताओं का बोझ कम होगा और साथ ही भारत के विनिर्माण आधार को सीधा सहारा मिलेगा। किफ़ायती एसी और टीवी ग्रामीण और शहरी दोनों घरों में पहुँच बनाएँगे, जबकि बढ़ती घरेलू मांग उत्पादन वृद्धि की नींव बनेगी। यह कदम माननीय प्रधानमंत्री के सुधार एजेंडे को गति देगा, FY31 तक 500 अरब अमेरिकी डॉलर की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण विज़न को साकार करेगा और डिजिटल इंडिया को आधुनिक उपभोक्ता उपकरणों की सार्वभौमिक पहुँच के माध्यम से आगे बढ़ाएगा।