नईदिल्ली, सितंबर 2025: हृदय रोगों (सीवीडी) से हर साल दुनिया भर में लगभग 1.8 करोड़ लोगों की जान चली जाती है। अकेले भारत में सीवीडी से होने वाली कुल मौतों का लगभग पांचवां हिस्सा शामिल है1। यह सभी कैंसरों से होने वाली मौतों से भी अधिक है लेकिन फिर भी इसका एक महत्वपूर्ण आनुवंशिक जोखिम कारक काफी हद तक अनदेखा रहता है2,3। ऐसा अनुमान है कि भारत की लगभग 25% आबादी में लिपोप्रोटीन(a), या Lp(a), का स्तर बहुत ऊंचा है, लेकिन इसका परीक्षण शायद ही कभी किया जाता है और इसे अक्सर हृदय से जुड़ी स्वास्थ्य रणनीतियों5 में नजरअंदाज कर दिया जाता है।
29 सितंबर को वर्ल्ड हर्ट डे (विश्व हृदय दिवस) मनाया जाएगा तो इससे पहले, ग्लोबल हार्ट हब और नोवार्टिस ने अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों को शैक्षिक मीडिया वेबिनार “इंट्रोड्यूसिंग द लिटिल (a) विद बिग कॉन्सिक्वेंसेस” के लिए एकत्र किया, ताकि उच्च Lp(a) को एक महत्वपूर्ण, कम पहचानी गई आनुवंशिक स्थिति के रूप में सामने लाया जा सके, जो हृदय रोग जैसे हार्ट अटैक या स्ट्रोक6,7 के जोखिम को स्वतंत्र रूप से बढ़ाता है।
एशिया पेसिफिक और मिडल ईस्ट क्षेत्र में, तीन में से दो लोग (66%) हृदय की नियमित जांच नहीं करवाते, और लगभग आधे लोग (45%) जेनेटिक्स को हृदय रोग के जोखिम के रूप में नहीं मानते। यह जानकारी नोवार्टिस के हाल में किए गए सर्वे में सामने आई है। लिपोप्रोटीन(a) (Lp(a)) के बारे में जागरूकता और भी कम है—केवल 22% लोगों को इस बायोमार्कर टेस्ट की जानकारी है, और सिर्फ 7% ने इसका टेस्ट करवाया है।
डॉ. ए. श्रीनिवास कुमार, डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, अपोलो हॉस्पिटल्स, भारत ने कहा, “हृदय रोग भारत में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है, और उच्च Lp(a) जैसे जोखिम कारकों के बारे में जागरूकता महत्वपूर्ण है। दक्षिण एशियाई लोगों को विशेष रूप से इसका जोखिम है – वास्तव में, 34% भारतीय एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम रोगियों में Lp(a) 8 का स्तर ऊंचा होता है। जब इसे मधुमेह, मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसे सामान्य जोखिम कारकों के साथ जोड़ा जाता है, तो हार्ट अटैक या स्ट्रोक की संभावना काफी बढ़ जाती है। Lp(a) परीक्षण उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की जल्दी पहचान और अनावश्यक हृदय घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक है।”
राम खंडेलवाल, संस्थापक, हार्ट हेल्थ इंडिया फाउंडेशन ने कहा, “भारत में बहुत से लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि एक साधारण ब्लड टेस्ट से हाई Lp(a) के कारण उनके आनुवंशिक जोखिम का पता चल सकता है। हमें व्यापक जागरूकता पैदा करने और देश भर के समुदायों को शिक्षित करने की आवश्यकता है, ताकि शुरुआत में ही टेस्ट कराना हृदय स्वास्थ्य का एक स्वाभाविक हिस्सा बन जाए, न कि कोई गंभीर कार्डियक घटना होने के बाद हम इस टेस्ट को कराने पर विचार करें।”
अमिताभ दुबे, कंट्री प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर, नोवार्टिस इंडिया ने कहा, “Lp(a) का परीक्षण हार्ट अटैक को रोकने और जिंदगी बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। नोवार्टिस में, हम तीन दशकों से अधिक समय से अत्याधुनिक अनुसंधान को आगे बढ़ा रहे हैं, साथ ही बदलाव लाने वाले उपचारों तक रोगियों की पहुंच बढ़ा रहे हैं, ताकि जोखिम में मौजूद लाखों भारतीय अपने हृदय स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठा सकें।”
रोगियों से नीति तक: एक वैश्विक कार्रवाई की अपील: वेबिनार में रोगियों का पक्ष लेने वाले समूहों, चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य नीति के प्रमुख व्यक्तियों को एक साथ लाया गया:
रोगी का दृष्टिकोण: राम खंडेलवाल, जिन्हें 33 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ा और वे इससे बच गए, ने साझा किया कि इस अनुभव ने उन्हें भारत के पहले हृदय रोगी सहायता समूह, हार्ट हेल्थ इंडिया फाउंडेशन, की स्थापना के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने सदस्यों के बीच उच्च Lp(a) के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अपने प्रयासों पर जोर दिया।
वैज्ञानिक जानकारी: प्रोफेसर जेराल्ड वाट्स, कार्डियो-मेटाबॉलिक मेडिसिन विशेषज्ञ, यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया, ने हाई Lp(a) के पीछे के आनुवंशिक विज्ञान और इसके हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव की व्याख्या की।
नीति दृष्टिकोण: निकोला बेडलिंगटन, वरिष्ठ नीति सलाहकार/प्रोजेक्ट लीड, Lp(a) इंटरनेशनल टास्कफोर्स, FH यूरोप फाउंडेशन, ने नीति निर्माताओं से आग्रह किया कि वे राष्ट्रीय सीवीडी दिशानिर्देशों में Lp(a) टेस्ट को शामिल करें ताकि देखभाल में महत्वपूर्ण अंतराल को बंद किया जा सके। इसका समर्थन करते हुए, प्रोफेसर ज़ानफ़ीना अडेमी, प्रोफेसर, हेल्थ इकोनॉमिक्स, मोनाश यूनिवर्सिटी; Lp(a) इंटरनेशनल टास्क फोर्स, FH यूरोप फाउंडेशन, ने Lp(a) टेस्ट की लागत-प्रभावशीलता और क्षेत्र में स्वास्थ्य प्रणालियों व समाज पर इसके आर्थिक प्रभाव को उजागर किया।
क्षेत्रीय संवाद: भारत, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और मध्य पूर्व के विशेषज्ञों (जिनमें भारत के अपोलो हॉस्पिटल्स से डॉ. ए. श्रीनिवास कुमार और गचोन यूनिवर्सिटी गिल मेडिकल सेंटर से प्रोफेसर यंगवू जांग शामिल हैं) ने बढ़े हुए Lp(a) के निदान और प्रबंधन में चुनौतियों और इसके परीक्षण के संभावित आर्थिक लाभों पर चर्चा की।
इस वेबिनार का समापन एशिया पेसिफिक और मिडल ईस्ट क्षेत्र में Lp(a) टेस्टिंग को बढ़ावा देने और उच्च Lp(a) के निदान व प्रबंधन को स्वास्थ्य प्रणालियों में सहायक नीतियों के साथ शामिल करने के लिए एक संयुक्त कार्रवाई की मांग के साथ हुआ।