जोधपुर आर्ट्स वीक के पहले संस्‍करण में साझेदार होगी स्‍टोनएक्‍स

1 से 7 अक्‍टूबर-2025 तक चलने वाले आयोजन में फ्रेंच आर्टिस्‍ट गेस्‍पर्ड कोम्‍ब्‍स की कलर्स ऑफ राजस्‍थान का होगा प्रदर्शन

नेचुरल स्‍टोन में दुनिया की अग्रणी कंपनियों में से एक स्‍टोनएक्‍स ने जोधपुर आर्ट्स वीक के पहले संस्‍करण में साझेदारी की घोषणा की है। पब्लिक आर्ट्स ट्रस्‍ट ऑफ इंडिया की ओर से 1 से 7 अक्‍टूबर 2025 तक इसका आयोजन किया जाएगा। इस साझेदारी के रूप में स्टोनएक्स ऐतिहासिक मंडोर गार्डन में फ्रांसीसी कलाकार गेस्‍पर्ड कॉम्ब्स द्वारा निर्मित यादगार सार्वजनिक मूर्ति कलर्स ऑफ राजस्थान की प्रदर्शनी में सहयोग करेगी।

कलर्स ऑफ राजस्‍थान रोजमर्रा और शाश्वत जीवन से प्रेरित है जो मंडोर के स्मारकों की भव्यता को प्रतिध्वनित करते हुए जोधपुर के स्थानीय बाजारों में कॉम्ब्स द्वारा देखे गए सरल, कार्यात्मक बेसिनों को दर्शाते हैं। पूरी तरह से राजस्थान की खदानों से निकले पत्थरों से निर्मित यह कलाकृति विरासत और समकालीन जीवन के बीच सेतु का काम करती है और क्षेत्र की गहन भौतिक विरासत की याद दिलाती है।

इस साझेदारी के बारे में चर्चा करते हुए स्‍टोनएक्‍स के सीईओ सुशांत पाठक ने कहा, ‘स्‍टोनएक्‍स में पत्‍थर को हम केवल एक मेटेरियल के रूप में नहीं देखते, बल्कि इतिहास, संस्कृति और कल्पना के जीवंत संग्रह के रूप में देखते हैं। जोधपुर आर्ट्स वीक के साथ हमारी साझेदारी और मंडोर गार्डन में गेस्पर्ड कॉम्ब्स के कलर्स ऑफ राजस्थान का प्रदर्शन शिल्प कौशल, विरासत और नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जोधपुर की पत्थर-तराशी की विरासत पत्थर को कला में बदलने की हमारे सफर में झलकती हैऔर हम ऐसी पहल के समर्थन पर गर्व महसूस करते हैं जो कलाकारों और समुदायों को समकालीन सांस्कृतिक संवाद के केंद्र में रखती है।’

अपना विजन साझा करते हुए गेस्पर्ड कॉम्ब्स ने कहा, ‘कलर्स ऑफ राजस्‍थान इस क्षेत्र की प्राचीन विरासत और समकालीन जीवन दोनों का सेलिब्रेशन है। मूर्तियों की आकृतियाँ सीधे तौर पर उन प्लास्टिक बेसिनों से प्रेरित हैं जिन्हें मैंने अपने प्रवास के दौरान स्थानीय बाजार में देखा था। इन मूर्तियों का प्रत्येक तत्व राजस्थान में उत्खनित पत्थरों से बनाया गया है, इस प्रकार यह इस क्षेत्र और इसकी प्राकृतिक सामग्रियों के प्रति सम्‍मान प्रकट करता है। अंतिम कलात्मक परिणाम का उद्देश्य इस क्षेत्र के शाश्वत और रोजमर्रा के पहलुओं को एक साथ एक ऐसे प्रतिष्ठान में लाना है जो मंडोर गार्डन में स्मारकों के पैटर्न और आकार को प्रतिध्वनित करता है। संक्षेप में कहें तो, इस परियोजना के निर्माण के दौरान मेरे कलात्मक अनुसंधान को प्रेरित करने वाला प्रश्न था- राजस्थान का सार क्या है? और मैं इसके बारे में अपनी धारणा को दृश्यात्मक रूप में कैसे प्रस्तुत कर सकता हूँ?’

यह आपसी साझेदारी स्टोनएक्स की कला से जुड़ाव की यात्रा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। पिछले कुछ वर्षों में स्टोनएक्स ने आर्किटेक्‍चर और डिज़ाइन से आगे बढ़कर अपनी विशेषज्ञता का विस्तार करते हुए खुद को रचनात्मकता के संरक्षक के रूप में स्थापित किया है, जो कारीगरों, डिज़ाइनरों और समकालीन कलाकारों के बीच संवाद को बढ़ावा देता है। सांस्कृतिक क्षेत्र में प्रवेश कर स्टोनएक्स इस विश्वास को रेखांकित करता है कि पत्थर न केवल स्थायित्व और सौंदर्य की सामग्री है, बल्कि कहानी कहने, सांस्कृतिक अभिव्यक्ति और नवाचार का माध्यम भी है।

पब्लिक आर्ट्स ट्रस्‍ट ऑफ इंडिया की डायरेक्‍टर एम्मा सुमनेर ने कहा, ‘जोधपुर आर्ट्स वीक का यह मॉडल सुनिश्चित करता है कि सभी आने वाले कलाकार जोधपुर के समुदायों और कारीगरों के साथ मिलकर शहर के लिए कलाकृतियां तैयार करें। गेस्‍पर्ड मंडोर गार्डन में मौके पर ही ऐसी कार्यशालाओं की एक सीरीज आयोजित करेंगे जिसमें लोगों को फॉर्म और शेप के साथ प्रयोग करने के लिए आमंत्रित किया गया है। रोजमर्रा के पारंपरिक लोटा और समकालीन प्लास्टिक के बेसिन को एक साथ रखकर ऐसी रचना तैयार की जाएगी जो बाद में अंतिम कृति बन जाएगी जिसे स्थानीय पत्थर पर उकेरा गया हो। यह साझेदारी की प्रक्रिया न केवल समुदाय को डिजाइन में शामिल करती है, बल्कि उन्हें उनके सामुदायिक दायरे में अब एक नए सार्वजनिक कार्य पर स्वामित्व भी प्रदान करता है।’

मंडोर गार्डन में कलर्स ऑफ राजस्‍थान के जरिए स्टोनएक्स और जोधपुर आर्ट्स वीक राजस्थान की अद्वितीय पत्थर-नक्काशी विरासत को प्रदर्शित कर रहे हैं और इसे संवाद के समकालीन वैश्विक मंच पर रख रहे हैं जो परंपरा और इनोवेशन दोनों को सेलिब्रेट करता है।

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