
आज 01 अक्टूबर 2025 को महानवमी की पूजा मॆं सुबह परम्परागत पूजा, फल बलि, पुष्पांजलि, आरती व भोग का आयोजन किया गया ! फिर नवमी की विशेष पूजा में एक छोटी कन्या की पूजा की गई, कन्या को माता का रूप माना जाता है अतः उनका पूर्ण शृंगार किया गया इसके साथ ही फल बलि, पुष्पांजलि और आरती भी की गयी ! इसके पश्चात हवन कर माता का आह्वान किया गया ! अन्य दिनों की तरह दिन में विभिन्न मनोरंजन के कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया !
शाम को 7.15 से 8.30 बजे तक संध्या आरती का भव्य एवं भाव विभोर करने वाले वातावरण में माता को भिन्न भिन्न अर्ध्य के साथ महा आरती की गयी जिससे सभी भक्त मंत्र मुग्ध हो गये ! महिलाओ और पुरुष भक्तों द्वारा माता के समक्ष धूनूची नृत्य किया गया, जिससे सारा वातावरण भक्ति मय हो गया !
प्रांगण में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में माता को प्रसन्न करने एवं उपस्थित श्रोताओं के मनोरंजन हेतु बांग्ला नृत्य नाटिका “प्रेमांजलि” का श्रीमती शम्पा दत्ता के निर्देशन में मंचन किया गया जिसमें बंगाली समाज के छोटे बच्चो व् महिलाओं द्वारा अत्यंत मनमोहक नृत्य अभिनय प्रस्तुत किया गया जिसमे प्रियांशी दास और स्मृती रूपा दत्ता ने अत्यंत प्रभावकारी भाव भंगिमा के साथ नृत्य अभिनय किया, साथ में श्रीमती मधुमन्ती बक्शी, भानुप्रिया मुखर्जी, शम्पा कर, दिवा दत्ता, पिम्पी ने भी प्रशंसनीय नृत्य अभिनय किया ! सभी कलाकारों को गीतांजली कल्चरल एन्ड वेलफेयर सोसाइटी अजमेर की तरफ से स्मृती चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया !
पी के दास
कोषाध्यक्ष
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