श्री वर्द्धमान शिक्षण समिति द्वारा संचालित श्री वर्द्धमान कन्या पी.जी. महाविद्यालय में आईक्यूएसी के तत्वावधान में सूचना का अधिकार (आरटीआई) पर एक जन चर्चा संगोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमें सूचना के अधिकार के संस्थापक सोशल एक्टिविस्ट निखिल डे, डाक्यूमेंट्री डायरेक्टर विनीत पंछी, सूचना के अधिकार के संस्थापक सदस्य शंकर मामा, बैंगलोर आरटीआई एक्टिविस्ट रक्षिता, मेघालय आरटीआई एक्टिविस्ट एंजेला, असम आरटीआई एक्टिविस्ट शुभम ने शिरकत की ।
संगोष्ठी में श्री वर्द्धमान शिक्षण समिति के मंत्री डॉ नरेन्द्र पारख, महाविद्यालय प्राचार्य डॉ आर.सी.लोढ़ा एवं आईक्यूएसी समन्वयक डॉ नीलम लोढ़ा द्वारा सभी अतिथियों का माल्यार्पण एवं बुके भेट कर स्वागत किया।
सूचना के अधिकार के संस्थापक सोशल एक्टिविस्ट निखिल डे ने छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि सूचना का अधिकार को लागू करवाने हेतु हमारे द्वारा सबसे पहले ब्यावर में चांग गेट पर 44 दिन तक धरना देकर आरटीआई कानून की मांग की गई । जिसके बाद सन 2000 में राजस्थान तथा 2005 में यह केंद्रीय कानून बना ।आरटीआई लोकतंत्र की असली ताकत है, जो जनता को सरकार से जवाब मांगने का साहस देता है। हर नागरिक को इसकी जानकारी होनी चाहिए ताकि वे अपने अधिकारों का उपयोग कर सकें और सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता ला सकें।
डाक्यूमेंट्री डायरेक्टर विनीत पंछी ने बताया कि आरटीआई उन लोगों के लिए वरदान है जिन्हें कहीं और न्याय नहीं मिल पाता। उन्होंने बताया कि यह कानून नागरिकों को जानकारी तक पहुंच प्रदान करने और सरकारी जवाबदेही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
महाविद्यालय प्राचार्य डॉ आर.सी. लोढ़ा ने कहा कि आरटीआई से शासन और प्रशासन की कार्यप्रणाली अधिक पारदर्शी हुई है, जिससे जनता को सीधा लाभ मिल रहा है। कार्यक्रम का संचालन बीसीए विभागाध्यक्ष नवीन देवड़ा ने किया।
संगोष्ठी के दौरान छात्राओं और संकाय सदस्यों ने सूचना के अधिकार से जुड़े कई प्रश्न पूछे, जिनका सूचना के अधिकार के संस्थापक सोशल एक्टिविस्ट निखिल डे ने विस्तार से उत्तर दिया। कार्यक्रम के अंत में आईक्यूएसी समन्वयक डॉ नीलम लोढ़ा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया ।
प्राचार्य
श्री वर्द्धमान कन्या महाविद्यालय, ब्यावर