इंदौर । स्वास्थ्य नवाचार क्षेत्र के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि इंदौर के रहने वाले डॉ. हिमांक अग्रवाल और उनकी टीम द्वारा स्थापित स्टार्टअप सॉल्वइन मेडटेक प्राइवेट लिमिटेड को भारत सरकार के प्रतिष्ठित बायोटेक्नोलॉजी इग्निशन ग्रांट (BIG) के लिए चुना गया है। ख़बर है कि वह बिग ग्रांट के 24वें कॉल में मध्य प्रदेश से चुने गए एकमात्र डॉक्टर/व्यक्ति हैं, जो उनकी सफलता को और भी ख़ास बनाती है। यह अनुदान, जो ₹50 लाख तक है, डॉ. अग्रवाल और उनकी टीम को स्तन कैंसर के उपचार के बाद होने वाली गंभीर समस्या लिंफेडेमा (Lymphedema) के लिए एक किफायती और पोर्टेबल थेरेपी डिवाइस विकसित करने में मदद करेगा।डॉ. अग्रवाल का विज़न- घर-घर पहुँचेगा सस्ता उपचार
डॉ. हिमांक अग्रवाल ने अपनी टीम रिशभ कुमार, मोहित पांडेय, दर्शान समणेकर के साथ मिलकर ‘VerveFlo’ न्यूमैटिक कंप्रेशन थेरेपी डिवाइस को विकसित किया है। यह लिंफेडेमा के पारंपरिक उपचारों, जो महंगे और अस्पतालों तक सीमित होते हैं, के विपरीत एक सुलभ और उपयोगकर्ता-अनुकूल समाधान है। डॉ. अग्रवाल ने इस डिवाइस को इस तरह डिज़ाइन किया है कि यह कम लागत पर उपलब्ध हो और रोगी इसे घर पर ही आसानी से इस्तेमाल कर सकें।
यह पहल विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए जीवन परिवर्तनकारी साबित होगी, जिन्हें लगातार थेरेपी की ज़रूरत होती है लेकिन वे महंगी आयातित मशीनों या बार-बार क्लिनिक जाने का खर्च नहीं उठा सकतीं। यह उनके सामाजिक और आर्थिक विज़न को दर्शाता है कि स्वास्थ्य सेवाएँ समाज के हर वर्ग तक पहुँचनी चाहिए। IIT कानपुर और KGMU लखनऊ का मिला समर्थन BIRAC का BIG ग्रांट डॉ. अग्रवाल के इस उच्च जोखिम वाले, सामाजिक प्रभाव वाले विचार को शुरुआती पूंजी देता है। उनके नवाचार को स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIC), IIT कानपुर से महत्वपूर्ण तकनीकी और नेटवर्किंग समर्थन मिला है, जबकि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) लखनऊ से क्लीनिकल मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। इंदौर के डॉ. हिमांक अग्रवाल का यह चयन न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह मध्य प्रदेश में मेडिकल डिवाइस नवाचार के बढ़ते हुए माहौल का भी प्रमाण है। यह उपलब्धि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत देश की जटिल स्वास्थ्य समस्याओं के लिए स्थानीय, सस्ते और प्रभावी समाधान देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।