
अजमेर सिटी को विकास योजनाओं के नाम पर करोड़ों रुपये का फंड मिला, सड़कों के सुधार, साफ-सफाई, जल निकासी, पार्कों और प्रकाश व्यवस्था के लिए। लेकिन हकीकत यह है कि शहर के हालात आज भी आम नागरिकों के लिए मुश्किल बने हुए हैं। टूटी सड़कें, गंदगी के ढेर, जाम और जलभराव की समस्या अब भी जस की तस हैं। विकास के वादे पोस्टरों पर चमक रहे हैं, पर जमीन पर वो रोशनी कहीं दिखाई नहीं देती।
नारी शक्ति संगठन का मानना है कि विकास केवल बजट से नहीं, नियत और निष्ठा से होता है। जब तक योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता नहीं होगी, तब तक जनता को वास्तविक लाभ नहीं मिलेगा।
सवाल यह उठता है कि करोड़ों का पैसा आखिर जनता के जीवन में सुधार कब लाएगा? क्या स्मार्ट सिटी का मतलब सिर्फ कागजों पर स्मार्ट बनना है? अब वक्त है कि जनता की आवाज को योजनाओं का हिस्सा बनाया जाए। नारी शक्ति संगठन हर उस नागरिक के साथ खड़ा है, जो अपने शहर के बेहतर भविष्य की उम्मीद रखता है।
लेखिका
रेखा यादव
नारी शक्ति संगठन