लैब से कलाई तक : सैमसंग अपनी गैलेक्‍सी वॉच में लेकर आया इंडस्‍ट्री की पहली न्‍यूट्रीशन ट्रैकिंग टेक्‍नोलॉजी

इसकी शुरुआत एक साधारण सवाल से हुई: क्या होगा अगर आप अपने न्‍यूट्रीशन को रीयल-टाइम में माप सकें, वो भी अपनी कलाई से ही?

गैलेक्सी वॉच8 पर सैमसंग के एंटीऑक्सीडेंट इंडेक्स ने उस साइंस फिक्शन को सच कर दिखाया, जो कभी नामुमकिन लगता था। बस 5 सेकंड में, अंगूठे को छूकर ये बता देता है कि आपके शरीर में कितने एंटीऑक्सीडेंट्स हैं – ये दुनिया का पहला ऐसा न्‍यूट्रीशन इंडेक्स है, जिसे सीधे मापा जा सकता है। बड़ी लैब की मशीन को छोटा करके इस घड़ी में फिट किया गया है, वो भी पूरी सटीकता के साथ। यह आपकी डाइट को एक एक्शनेबल मीट्रिक में बदल देता है, जिससे आप आसानी से समझ सकते हैं कि क्या खाना चाहिए ताकि स्वस्थ और जवान रहें। इसे बनाने में सालों की मेहनत, हज़ारों टेस्ट और मज़बूत इरादा लगा। अब ये हेल्थ ट्रैकिंग का नया स्टैंडर्ड बन गया है!

न्‍यूट्रीशन ट्रैकिंग में नया आविष्‍कार

2018 में सैमसंग ने वियरेबल्स में एक अहम कमी देखी: हम हर कदम और हर कैलोरी गिन सकते थे, लेकिन यह सरल तरीके से मापने का कोई रास्ता नहीं था कि हमारी डाइट हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर रही है। न्‍यूट्रीशन को लेकर गहन जानकारियां महँगी और समय लेने वाले लैब टेस्ट के पीछे बंद थीं, जो ज़्यादातर लोगों की पहुँच से बाहर थीं। जैसे-जैसे लोग ज़्यादा जी रहे हैं, फोकस सिर्फ़ जीवनकाल बढ़ाने से हटकर उन अतिरिक्त वर्षों की गुणवत्ता सुधारने पर जा रहा है।

सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी की पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन विशेषज्ञ डॉ. ह्योजी जोंग जिन्होंने इस तकनीक के विकास के कुछ हिस्सों का मार्गदर्शन किया, बताती हैं, “इस संदर्भ में, एंटीऑक्सीडेशन स्वाभाविक रूप से ध्यान खींचता है क्योंकि यह उम्र बढ़ने की गति को धीमा करने का एक तरीका है । “अगर एंटीऑक्सीडेंट प्रबंधन की उपेक्षा की जाए, तो शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज़ (ROS) जमा हो जाती हैं, जिससे हृदय रोग, डायबिटीज़ और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।”

इस समझ ने एंटीऑक्सीडेंट्स को सैमसंग के मिशन का आधार बनाया। इंजीनियरों और वैज्ञानिकों ने कैरोटिनॉइड्स – प्रमुख एंटीऑक्सीडेंट्स और फल-सब्ज़ियों के सेवन के प्रमाणित संकेतक – पर फोकस किया, ताकि एक ऐसा डिवाइस बनाया जा सके जो आपकी कलाई पर फिट हो जाए, फिर भी इतना शक्तिशाली हो कि जटिल एंटीऑक्सीडेंट डेटा को हर किसी के लिए सरल, कार्रवाई योग्य स्वास्थ्य जानकारियों में बदल सके।

चुनौती #1: लैब-ग्रेड सेंसर तकनीक को कैसे छोटा करें

पहले दिन से ही न्‍यूट्रीशन-ट्रैकिंग वियरेबल के सपने में एक बाधा आई: कैरोटिनॉइड स्तर मापने की पारंपरिक विधियाँ जैसे रामन स्पेक्ट्रोस्कोपी लेजर-आधारित, नॉन-इनवेसिव और सटीक हैं, लेकिन भारी-भरकम मशीनों पर निर्भर हैं जो वियरेबल से कोसों दूर हैं। इसलिए टीम का पहला मिशन था लैब-ग्रेड तकनीक को सिक्के के आकार के सेंसर में समेटना।

पहले प्रोटोटाइप के बाद सात साल के कठिन परीक्षण और अनुकूलन के बाद, टीम ने मिनिएचराइज़्ड सेंसर विकसित किया – एक क्रांतिकारी तकनीक जो मल्टी-वेवलेंथ एलईडी को कस्टम फोटोडिटेक्टर ऐरे के साथ जोड़ती है ताकि कॉम्पैक्ट डिज़ाइन में सटीक कैरोटिनॉइड रीडिंग दे सके।

सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की डिजिटल हेल्थ टीम के डेवलपर जिनयंग पार्क बताते हैं, “हमारी सफलता थी रिफ्लेक्टेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी को LEDs के साथ जोड़ना, जिससे हम तकनीक को छोटा कर सके और साथ ही हमने उच्च स्तर की सटीकता बरकरार रखी।”

लेजर की तरह जो एक पतली और तेज़ वेवलेंथ की रोशनी एमिट करते हैं, LED चौड़ी रेंज की रोशनी देते हैं। फोटोडायोड मदद से त्वचा कितनी रोशनी अलग-अलग वेवलेंथ पर सोखती है, इसे देखकर घड़ी कैरोटिनॉइड की मात्रा बहुत सटीक तरीके से पता लगाती है।

एडवांस्ड एल्गोरिदम जो रियल-टाइम में लगातार खुद को ठीक करते रहते हैं, सटीकता बनाए रखते हैं और हर यूज़र को उनकी अपनी ज़रूरत के हिसाब से खास सलाह देते हैं।

एलईडी पीडी वॉच प्रोटोटाइप टेस्‍टबेड

चुनौती #2: तकनीक को हर किसी तक कैसे पहुँचाएँ

सिक्के जितना छोटा कैरोटिनॉइड सेंसर बनाना बड़ी उपलब्धि थी, लेकिन अगली चुनौती थी कि यह हर प्रकार की त्वचा पर सटीक और भरोसेमंद काम करे, ताकि वाकई हर कोई इसका फायदा उठा सके।

गहरी त्वचा में मेलानिन के कारण होने वाली दिक्कत को दूर करने के लिए सैमसंग के इंजीनियरों ने उँगली की नोक को मापने के लिए चुना, क्योंकि सभी नस्लों में वहाँ मेलानिन सबसे कम होता है। उन्होंने छोटे-छोटे बदलाव भी किए, जैसे स्कैन करते समय उँगली पर हल्का दबाव डालना, जिससे खून का बहाव और हीमोग्लोबिन की रुकावट थोड़ी देर के लिए कम हो जाती है और नतीजा ज्यादा सही आता है।

सैमसंग मेडिकल सेंटर में सैकड़ों लोगों पर बड़े पैमाने पर टेस्ट किए गए, जिनसे सेंसर की सटीकता साबित हुई। इससे यह फीचर लैब से निकलकर दुनिया भर के यूज़र्स तक आसानी से पहुँच गया। यह रोज़मर्रा की ज़िंदगी के लिए बना एक ऐसा समावेशी समाधान है।

यह कैसे काम करता है

कैरोटिनॉइड फल-सब्जियों में पाए जाने वाले लाल, पीले और हरे रंग के प्राकृतिक पिगमेंट होते हैं। हमारा शरीर इन्हें खुद नहीं बना सकता, इसलिए शरीर में जमा मात्रा यह साफ बताती है कि व्यक्ति ने कितने फल-सब्जियाँ खाए हैं।

यहीं पर आपका एंटीऑक्सीडेंट इंडेक्स स्कोर आता है, जो कैरोटिनॉइड स्तर को इन श्रेणियों में दिखाता है:  बहुत कम: रोज़ाना WHO की 400 ग्राम सलाह का 50% से कम। कम: 50% से 100% के बीच। इष्टतम: 100% या उससे ज्यादा।

डॉ. ह्योजी जोंग बताते हैं, “त्वचा में कैरोटिनॉइड धीरे-धीरे जमा होते हैं और खर्च होते हैं। इसलिए एक-दो दिन में फल-सब्जियाँ बढ़ाने से स्कोर तुरंत नहीं बदलता। हमारी रिसर्च दिखाती है कि कैरोटिनॉइड बढ़ाने पर 1-2 हफ्ते बाद त्वचा में साफ बदलाव आता है। इसीलिए यह इंडेक्स लंबे समय तक की खाने की आदत ट्रैक करने का शानदार तरीका है।”

नींद की क्‍वॉलिटी, तनाव का स्तर और शारीरिक गतिविधि भी इस इंडेक्स को प्रभावित करते हैं। इसलिए यह आपकी कुल सेहत का पूरा चित्र दिखाता है। गैलेक्सी वॉच 8 के दूसरे फीचर्स जैसे नींद कोचिंग, एक्टिविटी ट्रैकिंग और वैस्कुलर लोड मॉनिटरिंग के साथ मिलकर एंटीऑक्सीडेंट इंडेक्स आपको सेहत का पूरा नज़ारा देता है और हेल्‍दी एजिंग के लिए स्मार्ट फैसले लेने में मदद करता है।

एंटीऑक्सीडेंट इंडेक्स फीचर गैलेक्सी वॉच8 के पीछे लगे सेंसर से सेकंडों में कैरोटिनॉइड स्तर मापता है और जुड़े गैलेक्सी स्मार्टफोन पर अतिरिक्त पोषण जानकारियां प्रदान करता है।

आपका स्वास्थ्यनए सिरे से कल्पना

सैमसंग मेडिकल सेंटर के प्रोफेसर यूनहो चोई कहते हैं, नया वियरेबल सेंसर लोगों को रोज़ फल और सब्ज़ियाँ खाने की मात्रा ट्रैक करके और याद दिलाकर अच्छी खाने की आदत डालने में मदद कर सकता है। लंबे समय तक ऐसा करने से कुछ कैंसर और बुढ़ापे की बीमारियाँ रोकने में सहायता मिल सकती है। यह तरीका सेहत को लंबे समय तक अच्छा रखने का बहुत आसान और कारगर उपाय है।

एंटीऑक्सीडेंट्स पर अभी रिसर्च बढ़ रही है, लेकिन सही मेज़रमेंट मुश्किल होने से काम कम हुआ है। गैलेक्सी वॉच 8 का एंटीऑक्सीडेंट इंडेक्स बाज़ार से आगे है और सचमुच नया बदलाव लाता है।

सैमसंग का एंटीऑक्सीडेंट स्तर सही-सही मापने का तरीका, जिसे वैज्ञानिक भविष्य की रिसर्च के लिए मानक मान रहे हैं, सेहत ट्रैकिंग में बड़ा क्रांतिकारी कदम है। यूज़र्स को ख़तरे जल्दी पता चलेंगे और सेहत सुधारने के लिए पहले से कदम उठा सकेंगे। सैमसंग स्मार्ट और सक्रिय तरीके से सेहत का ख़याल रखने का रास्ता खोल रहा है और वियरेबल्स को बीमारी रोकने में अहम भूमिका दे रहा है।

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