अजमेर। अजमेर के महेन्द्र माहेश्वरी राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के नियुक्त किए गए हैं! न्यायाधीश श्री महेन्द्र माहेश्वरी का जन्म 31 मार्च सन् 1958 को चित्तौडग़ढ़ जिले के गोसुंदा गांव में हुआ। गोसुंदा गांव में शिक्षा पूर्ण करने के बाद उन्होंने अजमेर के दयानंद महाविद्यालय से स्नातक तत्पश्चात 1981 में बैचलर ऑफ लॉ की उपाधि प्राप्त कर 1982 में अजमेर में वकालत शुरू की। फौजदारी, सिविल, राजस्व एवं अन्य कानूनों की अच्छी जानकारी रखने वाले प्रतिभा संपन्न श्री माहेश्वरी का 37 वर्ष की आयु में 14 अगस्त 1996 को राजस्थान न्यायिक सेवा में चयन हुआ।
सर्वप्रथम भरतपुर में उन्हें डकैती उन्मूलन न्यायालय में नियुक्त किया गया। अपनी अलौकिक निर्णय क्षमता से श्री माहेश्वरी नागौर, परबतसर, डीडवाना और नीम का थाना में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर रहे। वर्ष 2002 में उन्हें राजसमंद मोटर दुर्घटना ट्रिब्यूनल में जिला जज बनाकर भेजा गया। इसके बाद वह बफ्फ ट्रिब्यूनल जयपुर, हनुमानगढ़, पाली, टोंक, दौसा, जोधपुर, उदयपुर, जयपुर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहे हैं।
अजमेर के श्री माहेश्वरी दूसरे न्यायाधीश हैं जिन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय के लिए चयनित किया गया है। इससे पूर्व एस.एन. भार्गव अजमेर से न्यायाधीश रह चुके हैं।
अभिनंदन
श्री महेन्द्र माहेश्वरी के राजस्थान उच्च न्यायालय में जज बनने का समाचार मिलते ही अजमेर के बार एवं वकील जगत में खुशी की लहर छा गई। उन्हें निवास स्थान पर बधाई देने वालों का दिनभर तांता लगा रहा। अजमेर में पारिवारिक न्यायालय जयपुर के जिला जज एवं जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट राजेश टंडन, एडवोकेट सूर्यप्रकाश गांधी सहित अन्य अभिभाषकों तथा सहायक निदेशक प्यारे मोहन त्रिपाठी एवं सहायक जनसंपर्क अधिकारी मुकुल मिश्रा ने उनके निवास स्थान पर माल्यार्पण कर अभिनंदन किया और बधाई दी।