पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि केंद्र कर्ज व सूद के तौर पर 26 हजार करोड़ रुपये काट लेता है। ऐसे मैं कैसे राज्य चलाऊंगी। मैं अब केंद्र को कर्ज व सूद की रकम काटने नहीं दूंगी। राज्य को आर्थिक पैकेज चाहिए। मैं दस बार पीएम को बता चुकी हैं, लेकिन कोई नहीं सुन रहा है। मैं 2011, 2012 में आर्थिक पैकेज के लिए पीएम से मिली, अब मैं क्या करूं? क्या मैं पीएम को मारूं? तब आप कहेंगे कि दीदी गुंडा बन गई है।’
ममता ने सोमवार को दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग में आयोजित सभा में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा, ‘केंद्र ने पूर्व की माकपा सरकार को कर्ज पर कर्ज लेनी की छूट दी, लेकिन अब हमारी सरकार को बाजार से उधार लेने की भी अनुमति नहीं मिल रही है। मैं केंद्र से भीख नहीं मांगती, बल्कि राज्य का अधिकार मांग रही हूं।’ ममता ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अक्सर केंद्रीय योजनाओं के पैसा की बात कहते हैं। केंद्रीय योजना के तहत राज्य को जो पैसा मिलता है वह आसमान से नहीं टपकता है। वह राज्य का ही पैसा है। उन्होंने खाद की मूल्य वृद्धि व डीजल के मूल्य से नियंत्रण खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की। ममता ने कहा कि गुजरात की तुलना बंगाल से नहीं की जा सकती। भूकंप के समय गुजरात की भारी क्षति हुई थी। तब केंद्र ने आर्थिक मदद देकर गुजरात को उबारा था। गुजरात के लिए जो सुविधाएं हैं वह बंगाल के लिए नहीं है। इसलिए गुजरात में जो हो सकता है वह बंगाल में नहीं हो सकता। गुजरात में तो दंगा हुआ था, लेकिन बंगाल में कभी दंगा नहीं होगा।