बालश्रम एक गंभीर समस्या-शिशुपाल सिंह

अजमेर। केंद्रीय बालश्रम सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष शिशुपाल सिंह ने कहा कि बालश्रम एक गंभीर समस्या है। इस समस्या के उन्मूलन के लिए हम सभी की भागीदारी जरूरी है। सिंह गुरुवार को कलेक्टे्रट के सभागार में बाल श्रमिकों के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विषय पर चर्चा और राष्ट्रीय बालश्रमिक परियोजना की समीक्षात्मक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सलाहकार बोर्ड में केंद्र सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जो दिन-रात बाल श्रमिकों के उन्मूलन के लिए कारगर योजनाएं बनाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के हाथ में कलम और किताब होनी चाहिये उनके हाथ में कप और प्लेट होते हैं। समाज के लिए इससे बड़ी शर्मनाक बात नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि बालश्रम उन्मूलन के लिए लघु फिल्मों का निर्माण भी किया जा रहा है, जिनमें मशहूर क्रिकेटर और फिल्मी कलाकरों की सेवाएं ली जा रही हैं। इन लघु फिल्मों को विभिन्न टीवी चैनलों के माध्यम से प्रदर्शित कर आमजन को जागृत किया जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने अजमेर लघु उद्योग संघ के पदाधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे बालश्रम उन्मूलन के संबंध में शहर के मुख्य मार्गों पर होर्डिंग्स के माध्यम से भी आमजन को इसमें भागीदारी के लिए प्रेरित कर सकते हैं। बालश्रम सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष ने यह भी विश्वास दिलाया कि बालश्रम विद्यालय में पढऩे वाले विद्यार्थियों का वजीफा 150 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये तक करने पर भी सरकार विचार कर रही है। संभागीय श्रम आयुक्त रामप्रकाश पारीक ने बताया कि अजमेर जिले में 20 बाल श्रमिक विद्यालय संचालित है, इनमें 6 विद्यालय शहरी क्षेत्र में और 14 विद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हैं। इनमें लगभग 950 बालक-बालिकाएं अध्ययनरत हैं, जिनका समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है और विभिन्न संगठनों के माध्यम से इन्हें स्वेटर सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
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