दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) लगभग 30 हजार फ्लैटों की स्कीम लाने की तैयारी में जुट गया है। इसे अमलीजामा पहनाने के लिए फ्लैटों के निर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इनमें ज्यादातर फ्लैट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (इडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआइजी) के लिए होंगे।
डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फरवरी माह में पेश होने वाले बजट में इस स्कीम का खासा ध्यान रखा जाएगा और दिल्ली वालों को आवास उपलब्ध कराने पर विशेष जोर होगा। इसके लिए अलग से प्रावधान किया जाएगा। यूं तो डीडीए फ्लैटों का निर्माण निरंतर करता रहता है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि वर्ष के अंत तक लगभग 30 हजार फ्लैट बन कर तैयार हो जाएंगे।
ये फ्लैट द्वारका, नरेला, रोहिणी, सिरसपुर में बन रहे हैं। सिरसपुर के लगभग 4740 फ्लैटों का निर्माण तेज गति से चल रहा है। वहीं द्वारका में प्रीफैब तकनीक से बन रहे कम कीमत वाले फ्लैटों का निर्माण भी तेज कर दिया गया है। इसके अलावा द्वारका में उच्च आय वर्ग के लिए लगभग 1400 फ्लैटों के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस पर लगभग चार सौ करोड़ रुपये के खर्च का आंकलन किया गया है। हालांकि इन फ्लैटों का निर्माण इस वर्ष पूरा हो जाएगा, यह कहा नहीं जा सकता। लेकिन डीडीए सूत्रों का कहना है कि इन फ्लैटों को अगले वर्ष की योजना के लिए रखा जा सकता है। इससे पहले वर्ष 2010 में डीडीए ने 15 हजार फ्लैटों की स्कीम लांच की थी। जबकि वर्ष 2008 में 5000 फ्लैटों की स्कीम लांच की थी।
-केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने दिए थे निर्देश : दो साल से कोई स्कीम न आने और पिछले दिनों दिल्ली सहित पूरे देश में मकानों की कमी संबंधी रिपोर्ट आने के बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने डीडीए को निर्देश दिए थे कि वह दिल्ली में फ्लैटों की स्कीम लांच कर लोगों को राहत प्रदान करे। इसी के मद्देनजर डीडीए के उपाध्यक्ष संजय कुमार श्रीवास्तव ने इंजीनियरिंग विंग से निर्माण कार्य में तेजी लाने और हर सप्ताह समीक्षा करने को कहा है।
बता दें कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमल नाथ कह चुके हैं कि दिल्ली में हर वर्ष कम से कम एक लाख मकान बनाने की जरूरत है। यह मकान ईडब्ल्यूएस के लिए होने चाहिए, लेकिन अभी तक डीडीए इस लक्ष्य को पाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है। इसलिए यह स्कीम लांच करने पर विचार किया जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा में सात हजार मकानों की योजना अगले माह
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आम आदमी की जेब के हिसाब से मकानों की प्रस्तावित योजना अब फरवरी में लाएगा। तैयारियां पूरी नहीं होने के कारण प्राधिकरण को ऐसा करना पड़ा। पहले प्राधिकरण ने 28 जनवरी को अपने स्थापना दिवस पर योजना लाने की तैयार की थी। आवासीय योजना के साथ ही प्राधिकरण छोटे औद्योगिक भूखंडों की योजना भी लाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सभी वर्गो के आर्थिक स्थिति के अनुरूप आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सात हजार मकानों की योजना लाने की तैयारी की थी। योजना सेक्टर म्यू-दो व ग्रेनो वेस्ट के सेक्टर दस में प्रस्तावित है। योजना के तहत 30 वर्गमीटर क्षेत्र में चार मंजिला फ्लैट होंगे। इसमें सामुदायिक केंद्र, नर्सिग होम, शॉपिंग कांप्लेक्स आदि सुविधा भी प्रस्तावित है। इसके अलावा बच्चों के लिए सीनियर सेकेंडरी स्कूल, खेल का मैदान, पार्क की व्यवस्था होगी। फ्लैटों की कीमत साढ़े सात लाख से आठ लाख से रुपये तक रखा गया है। इधर, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण भी पांच हजार निर्मित मकानों की योजना लाएगा। इसकी कीमत छह लाख से साढ़े छह लाख तक निर्धारित किया है। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के दो हजार भूखंडों की योजना अब मार्च में लाने की तैयारी है। भूखंडों का क्षेत्रफल 120 वर्गमीटर से लेकर 200 वर्गमीटर तक के होंगे।