अमरनाथ यात्रा की घोषणा होते ही शुरू हुआ विरोध

कश्मीर के अलगाववादी खेमे ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा 2013 की वार्षिक अमरनाथ यात्रा का एलान किए जाने के साथ ही विरोध शुरू कर दिया है। जून में शुरू होने वाली यात्रा के खिलाफ अलगाववादियों ने अभी से ही मोर्चा खोल दिया है। निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद भी विरोध का सुर अलापने में जुट गए हैं।

ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैय्यद अली शाह गिलानी ने कहा, ‘हम यात्रा के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरह से इसे प्रचारित किया जा रहा है और ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को लाया जा रहा है, उस पर हमें एतराज है। यह यात्रा के बहाने कश्मीरियों को अल्पसंख्यक बनाने, कश्मीर की आजादी की हमारी तहरीक को कमजोर करने और यहां के पर्यावरण को नष्ट करने की साजिश का प्रयास है।’ गिलानी यात्रा की अवधि को 55 दिन से घटाकर 15 दिन करने, यात्रियों की संख्या को सीमित करने, श्राइन बोर्ड को भंग कर यात्रा की जिम्मेदारी कश्मीरी पंडितों को सौंपने की मांग कर रहे हैं। ऐसा न होने पर उन्होंने विरोध की चेतावनी दी है। निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने भी कहा कि पूरा कश्मीर इस यात्रा की अवधि बढ़ाए जाने के खिलाफ है। बोर्ड को अपना फैसला वापस लेना चाहिए।

गुरुवार को अमरनाथ श्राइनबोर्ड ने घोषणा की है कि इस साल यात्रा 28 जून से शुरू होगी और 55 दिन बाद 21 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी। इस फैसले का विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी विरोध किया है। संगठन का कहना है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा 23 जून को है और बोर्ड ने 28 जून से यात्रा शुरू कर रहा है। यात्रा ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पवित्र गुफा में पूजा अर्चना करने के साथ ही आरंभ होती रही है। इसमें किसी तरह का बदलाव हिंदुओं की भावना से खिलवाड़ है।

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