मौसम की तरह बदलते हैं भारत-पाक रिश्ते: महेश भट्ट

निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते यहां के मौसम के हिसाब से ही बदलते रहते हैं। यह बात उन्होंने अपनी फिल्म मर्डर थ्री पर हुई बातचीत के दौरान कही। उन्होंने इस मौके पर जहां मर्डर थ्री की पाकिस्तानी अदाकारा सारा पर बात की वहीं भारत और पाक में फिल्मों को लेकर भी अपनी राय जाहिर की। पेश है इस चर्चा के कुछ अंश :-

:- सारा ने आपको किस तरह से इंप्रेस किया कि आपने उन्हें मर्डर थ्री के लिए चुना?

सारा न सिर्फ देखने में बेहद खूबसूरत है बल्कि उतनी ही बेहतर अदाकारा भी है। हम उसको कजरारे में लॉन्च करना चाहते थे। लेकिन मुझे वह समय सहीं नहीं लगा, लिहाजा उसको मर्डर थ्री से लॉन्च किया जाएगा। इस फिल्म में उसने बेहतरीन अदाकारी की है। उसमें बहुत टेलेंट है।

भारत-पाक के मौजूदा संबंधों पर आपकी क्या राय है?

भारत-पाकिस्तान के संबंध यहां आने वाले मौसम की तरह ही हैं जो तेजी से बदलते रहते हैं। इनके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। किसी फिल्म को बनाने में आठ से नौ माह लगते हैं। जिस समय मर्डर थ्री की शुरुआत की गई थी उस वक्त दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध थे और दोनों देश एक दूसरे को दोस्त बता रहे थे। फिल्म बनने के दौरान रिश्तों में कुछ बदलाव आया। लेकिन अब जबकि फिल्म बन चुकी है तो दोनों देशों के बीच संबंध बिल्कुल दूसरी किस्म के हैं। इनमें अब गिरावट आई है। लेकिन मैं यह नहीं सोच पाता हूं कि संबंधों के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोग अपनी ही चीजों को नष्ट करने में क्यों तुल जाते हैं, ह भी तब जब यह सारी चीजें इनके भले के लिए ही बनाई जाती हैं।

:- आप पाकिस्तान के लोगों को अपनी फिल्मों में काम देना जानते हैं, लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं होता है। क्यों?

मुझे इस बात पर गर्व होता है कि मेरी फिल्मों में पाकिस्तान के अदाकार या अदाकाराओं ने काम किया है। मुझे इसकी खुशी होती है। दरअसल मुल्क का बटवारा होने के बाद एक चीज थी जिसका बटवारा आज तक नहीं हुआ वह थी कला। हम दोनों की एक ही कला और संस्कृति है जो आज भी कायम है। रही बात भारतीय हीरो हीरोइनों के पाक कि फिल्मों में काम करने की तो वहां पर काम के नाम पर कुछ नहीं है। पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों का बहुत बड़ा बाजार है। वहां पर यहां के मुकाबले की फिल्में नहीं बनती हैं। यह भारतीय फिल्मकारों के लिए आमदनी और पहचान का जरिया भी है। भले ही भारत में 26/11 जैसी घटनाएं हुई और दोनों देशों के बीच संबंधों में गिरावट आई, इसके बाद भी वहां पर भारतीय फिल्मों को लेकर क्रेज कभी कम नहीं हुआ।

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