ईश्वर रचित मानवता एक स्वरूप है-बाबा हरदेवसिंह

अजमेर। ईश्वर और उसके द्वारा रचित मानवता एक स्वरूप है। धर्म अनुसार वृहद नाम, संस्कृति और धार्मिक आस्थाओं की विविधता के बावजूद सर्वशक्तिमान परमेश्वर सर्वोच्च है। किसी सम्प्रदाय और समुदाय के भगवान या ईश्वर अलग नहीं हो सकते। ऐसे ही प्रवचनों से भक्तों की जिज्ञासा शांत कर रहे बाबा हरदेव सिंह महाराज गुरूवार रात पटेल मैदान में निरंकारी सन्त समागम को सबोधित कर रहे थे।  बाबा हरदेव सिंह ने कहा कि एक दूसरे के धर्म का आदर और मानव सेवा ही सच्ची इंसानियत है। अनेक नामों और संप्रदायों के बावजूद परमपिता परमेश्वर एक है। विश्व बन्धुत्व का संदेश और सूत्र अदृश्य और गुमनाम नहीं रह सकता। मालिक ने सब को समान बनाया है। परमेश्वर के नाम, आपसी सहयोग और प्रेम में अपार शक्ति है। मालिक के दरबार में सब को शरण, शांति और सुकून मिलता है। निरंकारी संत समागम के दौरान स्टेज पर बाबा हरदेव सिंह निंरकारी और माता सुविंदर कौर के दर्शनों को भारी संख्या में श्रद्धालु कतारबद्ध होकर पहुंचे और उनके दर्शन किये। तकरीबन 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के पटेल मैदान पहुंचने पर मैदान में पैर रखने की जगह नहीं बची। संत निरंकारी मंडल के स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाएं सम्भाले रखीं, वही देश भर से आये 2 हजार से अधिक सेवादारियों ने पाडांल और उसके बाहर की व्यवस्थाओं को संभाला। सन्त समागम के दौरान श्रद्धालुओं को सदगुरू के लंगर का प्रसाद छकाया गया। सत्संग स्थल पर आध्यात्मिक बुक स्टाल, चित्र प्रदर्शनी को भी श्रद्धालुओं ने देखा और सराहा।
error: Content is protected !!