जनजाति क्षेत्रीय विकास से फैला खुशहाली का नया उजास

gehlot1जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व में विगत चार वर्षों में समाज के हर वर्ग के उत्थान के प्रयासों से हर क्षेत्र में विकास का नया उजियारा राजस्थान को प्रकाशमान कर रहा है। श्री गहलोत ने न केवल निर्धनतम लोगों की पीड़ा को समझा अपितु गरीबों, जनजाति के लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोडऩे के लिये महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिये पहली बार वास्तविक बजट प्रावधान निर्धारित किया गया। उदयपुर में राजीव गांधी ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना का अभूतपूर्व निर्णय लेने के साथ ही बारां जिले के सहरिया परिवारों को विशेष पैकेज देकर आदिवासी समुदाय के घर-आंगन खुशहाली से भर दिये गये। राज्य सरकार के प्रयासों से ही आज जनजाति कल्याण के क्षेत्रों में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। राज्य सरकार ने जनजातीय क्षेत्रीय विकास की सतत् प्रक्रिया के दूरगामी परिणामों को मूर्त रूप देने के लिये अनेक नीतिगत निर्णय लिये हैं। इन निर्णयों से आज यह समुदाय स्वावलम्बन के साथ अपने पैरों पर खड़ा होकर विकास की मुख्य धारा से जुड़ रहा है। जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा दिसम्बर, 2008 से दिसम्बर, 2013 तक राज्य सरकार की मंशानुसार जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। चार साल की इस अवधि में योजनाओं पर 738.98 करोड़ रुपये व्यय किये गये। अनुसूचित क्षेत्र के पंचायत समिति मुख्यालय सागवाड़ा (बडगी परिवर्तन), जिला डंंूगरपुर, तलवाड़ा एवं घाटोल, बांसवाड़ा में जनजाति बालिका छात्रावासों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इन छात्रावासों में 50 बालिकाएं रह सकती हैं। इस पर 306 लाख रुपयेे व्यय किये गये तथा शैक्षणिक सत्र 2011-12 में छात्रावासों का संचालन प्रारम्भ कर दिया गया है। प्रदेश में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा संचालित 247 आश्रम छात्रावासों (अनुसूचित क्षेत्र 176, माडा क्षेत्र 41, बिखरी जनजाति क्षेत्र 7, सहरिया क्षेत्र 23) में अध्ययन कक्षों के निर्माण की वर्ष 2009-10 में स्वीकृति जारी की गई थी। कुल 247 आश्रम छात्रावासों में से 223 में कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं शेष कार्य प्रगति पर है। इन सभी 247 आश्रम छात्रावासों में दो-दो कम्प्यूटर वितरित किये गये जिन पर 165.33 लाख व्यय किये गये। पुस्तकालय में पुस्तकों हेतु 49.40 लाख रुपयेे के क्रय आदेश जारी कर दिये गये हंै। अध्ययन कक्ष का निर्माण कार्य पूर्णता पर है एवं फर्नीचर क्रय किया जा रहा है। प्रदेश में महाराष्ट्र पैटर्न के अन्तर्गत बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए ऋण व अनुदान उपलब्ध कराने की योजना प्रारम्भ करने के निर्णय के तहत वर्ष 2010-11 में 150 लाख रुपयेे की स्वीकृति जारी कर 1679 (माडा) तथा 498 (टी.एस.पी.) आशार्थियों को लाभान्वित किया गया। इस योजनातर्गत वर्ष 2011-12 में अनुसूचित क्षेत्र के 350 व्यक्तियों एवं माडा व बिखरी जाति क्षेत्र में 839 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया। वर्ष 2012-13 में 936 व्यक्तियों लाभान्वित किया गया है तथा माडा व बिखरी जाति क्षेत्र में 1000 व्यक्तियों को लाभान्वित किया जायेगा। जनजाति बालिकाओं के लिए मॉर्डन पब्लिक स्कूल, ढीकली (उदयपुर) एवं डूंगरपुर में जुलाई, 2011 में विद्यालय प्रारम्भ किये जा चुके हंै। बांसवाड़ा जिले की अनास पार पंचायतों के 2 लाख से अधिक ग्रामीणों को फायदा पहुँचाने हेतु अनास नदी पर पुल का निर्माण कराया जायेगा। यह पुल 280 मीटर लम्बाई में 427.85 लाख रुपयेे की लागत से निर्मित होगा। इस पुल के निर्माण से आनन्दपुरी, बागीदोरा से सज्जनगढ़ व कुशलगढ़ के ग्रामों की दूरी 15 किलोमीटर कम हो जायेगी। इससे समय, धन एवं ईंधन की बचत होगी तथा आमजन को आवागमन की सहज सुविधा प्राप्त होगी और यातायात भी निर्बाध रहेगा। इस हेतु वर्ष 2008-09 में 115.33 लाख रुपयेे की वित्तीय स्वीकृति तथा वर्ष 2010-11 में 234.61 लाख रुपयेे की राशि जारी की गई थी। इसका निर्माण कार्य प्रगति पर है।

उल्लेखनीय उपलब्धियां

अन्त्योदय एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी परिवारों एवं सहरिया क्षेत्र के सभी 5.75 लाख परिवारों को 1 किलो नमक वितरित किया गया। सम्पूर्ण बारां जिले के सहरिया परिवारों को विशेष पैकेज दिया गया। सहरिया परिवारों को वर्ष 2011-12 के बजट में विशेष पैकेज के अन्तर्गत दो आवासीय विद्यालयों के लिए 2 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी, 50 मां-बाड़ी केन्द्र प्रारम्भ किए, शाहबाद में आई.टी.आई. की स्थापना महिलाओं के 534 स्वयं सहायता समूहों का गठन व 104 स्वयं सहायता समूहों को क्रेडिट लिंकेज से जोड़ा गया है।

शिक्षा

शिक्षा के क्षेत्र में 27,462 जनजाति छात्राओं को उच्च शिक्षा हेतु प्रोत्साहन सहायता प्रदान की गई। इसके साथ ही 24,688 जनजाति छात्राओं (कक्षा 11 व 12) को उच्च शिक्षा प्रोत्साहन हेतु सहायता प्रदान की गई। प्रथम श्रेणी उत्र्तीण बोर्ड/विश्वविद्यालय के 8071 विद्यार्थियों को प्रतिभावान छात्रवृत्ति दी गई। महाविद्यालय में अध्ययनरत 38 हजार 597 जनजाति विद्यार्थियों को छात्रगृह किराया राशि का पुनर्भरण किया गया, 47,969 छात्राओं को मुफ्त साइकिल वितरण

हिस्सा राशि दी गई। 605 छात्राओं को मुफ्त स्कूटी का वितरण किया गया, 65 कन्या छात्रावास भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई। प्रत्येक छात्रावास की क्षमता 50 बालिकायें हैं तथा निर्माण कार्य प्रगति पर है। आठ आवासीय विद्यालय भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई, यह कार्य प्रगति पर है। प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण बोर्ड तथा विश्वविद्यालयों के 7 हजार 930 विद्याार्थियों को प्रतिभावान छात्रवृत्ति दी गई तथा 23 हजार 921 जनजाति छात्राओं को उच्च शिक्षा प्रोत्साहन हेतु सहायता दी गई। एक अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय के तहत आश्रम छात्रावासों में आवासीय छात्र-छात्राओं को भोजन इत्यादि सुविधाओं हेतु वर्तमान में देय 725 रुपयेे प्रतिमाह प्रति छात्र को बढ़ाकर 1250 रुपयेे किया गया है।

कृषि एवं संबद्घ सेवाएं

प्रदेश में 4,208 जनजाति कृषकों को नि:शुल्क कृषि उपकरण वितरित कर लाभान्वित किया गया। खेती बाड़ी के लिये 11 लाख 61 हजार 270 रुपये जनजाति कृषकों को नि:शुल्क खाद वितरत कर लाभान्वित किया गया। उन्नत सब्जी विकास कार्यक्रम के तहत 4,055 कृषकों को एवं उद्यानिकी विकास के तहत 30831 परिवारों को लाभान्वित किया गया। सेरीकल्चर एवं मशरूम कार्यक्रम के तहत 800 परिवारों को लाभान्वित किया गया साथ ही 5238 कृषि कूपों को ऊर्जीकृत किया एवं 119 पशु चिकित्सा शिविर आयोजित किये गये।

सिंचाई

जनजाति क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा सुलभ करवायी गई जिसके तहत 3,618 जनजाति कृषकों के कुओं को ब्लास्टिंग से गहरा कराया गया, 2449 जनजाति परिवारों को डीजल पम्प सेट वितरण कार्यक्रम से लाभान्वित किया गया, 342 एनीकट निर्मित किये गये एवं 42 लिफ्ट सिंचाई योजनाएं निर्मित की गई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम

जनजाति समुदाय के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये 8115 जनजाति व्यक्तियों को स्वरोजगार योजना के तहत सहायता उपलब्ध कराई गई, 1,176 जनजाति महिला स्वयं सहायता समूहों को सहायता प्रदान की गई और 1,650 जनजाति युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों से लाभान्वित किया गया। जनजाति के 690 युवाओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया गया।

आधारभूत विकास

जनजाति क्षेत्रीय विकास में आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण के लिये 135 जनजाति बस्तियों का विद्युतीकरण किया गया तथा 714 हैण्डपम्प स्थापित किये गये, 330 सड़कें निर्मित की गईं एवं 141 सामुदायिक भवनों का निर्माण किया गया। वनाधिकार अधिनियम 2006 के 32 हजार 616 अधिकार-पत्र वितरित किये गये हैं।

– प्रभात गोस्वामी

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