तमाम हिदायतों को दरकिनार करते हुए एयरलाइनें हवाई यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रही हैं। इस स्थिति को देखते हुए सरकार अब अधिकतम और न्यूनतम किराया तय कर सकती है। विमानन मंत्रालय ऐसे ही एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। प्रस्ताव के अमल में आने पर एयरलाइनें यात्रियों से न्यूनतम व अधिकतम सीमा से बाहर किराया नहीं ले सकेंगी।
विमानन मंत्री अजित सिंह भी कई बार मनमानी किरायों को लेकर चिंता जता चुके हैं। इसीलिए विमानन मंत्रालय की सक्रियता बढ़ी है। मंत्रालय अब ऐसा तंत्र विकसित करने की तैयारी में है, जिसके आधार पर उच्चतम और न्यूनतम किराये का दायरा तय किया जा सके। खासकर व्यस्त घंटों और सीजन के दौरान एयरलाइनें हवाई टिकट की कीमतें बेतहाशा बढ़ा देती हैं। इसकी वजह से आखिरी वक्त में टिकट खरीदने वालों को मजबूरन कभी-कभी दोगुना या तिगुना किराया चुकाना पड़ता है। इसे लेकर सरकार और विमानन नियामक डीजीसीए बार-बार हिदायतें जारी करते रहे हैं, मगर एयरलाइनों ने अक्सर इन्हें नजरंदाज किया है। इसके बावजूद सरकार की ओर से हमेशा यही कहा जाता रहा है कि विमानन कंपनियां यात्री किराया तय करने को लेकर स्वतंत्र हैं। आधिकारिक सूत्रों ने अब भी साफ किया कि सरकार का किराया निर्धारित करने का कोई इरादा नहीं है। उसकी ओर से न्यूनतम और अधिकतम किराये की सीमा तय करने का फार्मूला भी एयरलाइनों के सलाह-मशविरे से ही तैयार किया जा रहा है।