मुंबई हमले का साजिशकर्ता व लश्कर-ए-तोयबा आतंकी जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जिंदाल ने सुप्रीम कोर्ट एवं बंबई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि पुलिस, जज उसे गुनाह कबूल करने के लिए धमका रहे हैं। वहीं, आतंकी निरोधी दस्ता (एटीएस) ने कहा कि गिरफ्तार आतंकी की सजा से बचने की एक चाल है। वह मामले में वैध प्रक्रियाओं का पालन कर रहा है।
जुंदाल ने शुक्रवार को लिखे खत में भारत के मुख्य न्यायाधीश और बंबई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह को संबोधित करते हुए कहा है कि पुलिस उस पर कई गलत केसों में फंसाने की धमकी देकर इकबालिया बयान देने का दबाव डाल रही है। खत में जुंदाल ने एटीएस के संयुक्त पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया एवं इंस्पेक्टर दिनेश कदम सहित वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं।
जुबीउद्दीन अंसारी के नाम से लिखे इस खत में जुंदाल ने कहा है कि पिछले साल 10 या 12 अगस्त को बिना किसी कारण उसे कोर्ट ले जाया गया। वहां उसे मजिस्ट्रेट के चैंबर में पेश किया गया, मजिस्ट्रेट वहां सादी वर्दी में मौजूद एटीएस अधिकारियों से बात कर रहे थे। वहां कोर्ट के तीन अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे। उन्होंने लाल रंग के पेन ड्राइव से डाउनलोड किए कई पन्नों के दस्तावेज मारिया, कदम और दो अन्य एटीएस अधिकारियों को दिखाए। उसमें सादे कागज पर मेरे हस्ताक्षर थे। इसे देखने के बाद मजिस्ट्रेट ने अधिकारियों से कहा, इसे वापस जेल भेज दो।
जुंदाल के अनुसार, मजिस्ट्रेट ने चुटकी लेते हुए कहा कि पता नहीं कहां-कहां से आ जाते हैं। इसको कसाब वाले बैरेक में रखो ताकि बात बाहर न जाए। जुंदाल को डर है कि सादे कागज पर उसके हस्ताक्षर का इस्तेमाल इकबालिया बयान के लिए किया जा सकता है। उसने इस मामले में शीर्ष न्यायाधीशों से जांच की मांग की है।
गौरतलब है कि जुंदाल पर गत शुक्रवार को विशेष मकोका अदालत में औरंगाबाद में पकड़े गए भारी मात्रा में हथियार बरामदगी मामले में आरोप तय किया गया है। बातचीत में आरोपी के वकील एजाज नकवी ने कहा कि विशेष अदालत ने जुंदाल को न्यायाधीशों को खत भेजने की अनुमति दी थी।
जर्मन बेकरी मामले में आरोपी अबु जुंदाल पर मुंबई हमले में शामिल आतंकियों को हिंदी और मुंबई की भाषा सिखाने का आरोप है। एटीएस ने दावा किया है कि जिस समय मुंबई पर हमला हुआ वह आतंकियों के पाकिस्तान स्थित कंट्रोल रूम में मौजूद था।
[मिड डे]